Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

February 7, 2025

पढ़िए ज्ञान की बातः सबसे छोटी और सुंदर दिखने वाली चिड़िया है खूंखार शिकारी, एक जीव ऐसा जो नहीं लेता सांस

इस दुनियां में इतने रहस्य हैं, जिनकी परतें खोलते चले जाओगे रहस्य और बढ़ते चले जाएंगे। वैज्ञानिक भी लगातार इन्हें लेकर अध्ययन करते हैं। इसकी कोई सीमा नहीं है। यदि जीव जंतुओं की बात करें तो उनके बारे में ऐसी चौंकाने वाली बातें मिलती हैं, जिसे सुनकर जल्द से कोई यकीन ही ना करें। इसी तरह एक छोटे आकार की चिड़िया की हम यहां बात कर रहे हैं। साथ ही एक दूसरे जीव की। चिड़िया की खासियत है कि वह बेहद सुंदर होती है, लेकिन वह खतरनाक भी है। अपने आकार की दूसरी चिड़िया के यदि वह पीछे पड़ जाए तो उसे मारकर ही दम लेती है। इसी तरह एक जीव ऐसा भी है, जो बगैर सांस लिए ही जिंदा रहता है। चलिए हम आपको ऐसी दो रोचक बातों को बताने जा रहे हैं। बस खबर को ध्यान से पढ़िए। यदि अच्छी लगे तो हमारे व्हाट्सएप और फेसबुक पेज से जुड़ें और खबरों को शेयर भी कीजिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सबसे छोटी और खूबसूरत चिड़िया है खतरनाक शिकारी
जब हम शिकारी पक्षियों की बात करते हैं तो चील, गिद्ध, बाज जैसे पक्षियों तक ही हमारा ज्ञान अटक जाता है। वहीं, हमारी प्रकृति में ऐसी भी एक चिड़िया है जो साइज में तो काफी छोटी और सुंदर है, लेकिन इसकी मासूमियत कभी-कभी दूसरे जीवों पर भारी पड़ जाती है। ये दिखने में सुंदर होने के साथ-साथ खूंखार शिकारी भी हैं। इस चिड़िया का नाम “ब्लैक थाइड फैल्कनेट” है। ये इतनी खतरनाक है कि अपने शिकार को बचने का एक भी मौका नहीं देती। इस चिड़िया को अंग्रेजी में (smallest bird of prey) भी कहा जाता है। इसका मतलब है दूसरे जानवरो और पक्षियो को खाने वाली चिड़िया, साइज में ये पक्षी गौरैया जितनी छोटी होती है। ये चिड़िया अपने साइज के जीवों के लिए यह यमराज से कम नहीं है। अगर एक बार यह किसी के पीछे पड़ गई तो उसका शिकार करके ही मानती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

कभी-कभी मार देती है बड़ा हाथ
ब्लैक थाइड फैल्कनेट का साइज लगभग 14 से 16 सेंटीमीटर तक होता हैं। वहीं दूसरे पक्षियों के मुकाबले इसके पंख 27 से 32 सेंटीमीटर बड़े होते है। वजन की बात करें तो इसका वजन कुछ ही ग्राम होता है। दिखने में ये बेहद खूबसूरत और आकर्षक लगती है, लेकिन इस पक्षी की खूबसूरती से इसके शिकार करने की कला का अनुमान नहीं लगाया जा सकता। यह चिड़िया कई तरह के कीड़े जैसे तितली, दीमक, कीट-पतिंगे आदि को अपना शिकार बनाती है। इसके अलावा यह कभी-कभी दूसरी अन्य छोटी चिड़िया, छिपकली और छोटे साइज के चमगादड़ो को भी शिकार अपना शिकार बना लेती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

झुंड में करती हैं शिकार
यह चिड़िया ज्यादातर झुंड में दिखाई देती है और शिकार भी झुंड में ही करती है। इनके झुंड मे लगभग 10 पक्षी होते हैं। इसलिए इसे सामाजिक चिड़िया भी माना जाता है। पहले तो ये अपने शिकार को निशाना बनाती है और उस पर नजर रखती हैं। फिर उनके ऊपर हमला कर देती है। ये चिड़िया कई देशो में पाई जाती है। म्यांमार, थाइलैंड, मलेशिया, सिंगापुर और इंडोनेशिया जैसे देश में ये चिड़िया मिल जाती हैं। इस चिड़िया की एक खास बात यह भी है की यह आसानी से अलग-अलग वातावरण और माहौल में ढल जाती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ऐसा जीव जो नहीं लेता सांस
पृथ्वी पर लाखों तरह के जीव पाए जाते हैं। यह हम सभी जानते हैं कि सभी जीवों को जिंदा रहने के लिए सांस लेने की जरूरत होती है। बिना सांस लिए कोई भी जीव-जंतु या इंसान का जिंदा रहना मुश्किल है। इंसानों की बात करें तो सांस के माध्यम से बिना ऑक्सीजन गैस लिए हम जीवित नहीं रह सकते हैं। वहीं, वैज्ञानिकों को एक ऐसा रहस्यमयी जीव (परजीवी) भी मिला है, जो बिना सांस लिए भी जिंदा रहता है। यह अनोखी विशेषता लिए दुनिया का यह पहला ऐसा जीव है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

नहीं पड़ती ऑक्सीजन की जरूरत
किसी भी जीव को सांस लेने के लिए उसमें माइट्रोकॉन्ड्रियल जीनोम का होना बहुत जरूरी होता है। हैरानी की बात यह है कि जेलीफिश की तरह दिखने वाले इस बहुकोशिकीय परजीवी में माइट्रोकॉन्ड्रियल जीनोम है ही नहीं। इसी वजह से इस परजीवी को जिंदा रहने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत ही नहीं पड़ती है। इस परजीवी का वैज्ञानिक नाम हेन्नीगुया साल्मिनीकोला है। हालांकि, वैज्ञानिकों के लिए यह बेहद हैरानी वाली बात है कि आखिर इस तरह का जीव पृथ्वी पर विकसित कैसे हुआ, जो बिना ऑक्सीजन के जीवित रह सकता है। इस अद्भुत और रहस्यमय परजीवी की खोज इजरायल की तेल-अवीव यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं की टीम ने की है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

नहीं पहुंचाता किसी को नुकसान
शोधकर्ताओं के अनुसार, यह परजीवी अपनी ऊर्जा मछलियों से प्राप्त करता है, लेकिन इसके लिए यह उन्हें किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाता है और मछलियां भी इस परजीवी को नुकसान नहीं पहुंचाती हैं। यह परजीवी साल्मन फिश में पाया जाता है और तब तक ही जिंदा रहता है जब तक मछली जिंदा रहती है। शोधकर्ताओं ने बताया कि हेन्नीगुया साल्मिनीकोला इंसानों या दूसरे जीवों के लिए बिल्कुल भी नुकसानदायक नहीं है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पहले भी मिला था ऐसा एक जीव
रिसर्च के दौरान वैज्ञानिकों ने इस जीव को सूक्ष्मदर्शी (फ्लोरेसेंस माइक्रोस्कोप) से देखा तो इसमें उन्हें माइटोकॉन्ड्र्रियल डीएनए दिखाई नहीं दिया। इसके बाद यह साफ हो गया कि यह दुनिया का पहला ऐसा जीव है, जिसे जीने के लिए सांस लेने की जरूरत नहीं है। हालांकि, साल 2010 में भी एक इसी तरह का जीव इटली के शोधकर्ताओं को मिला था। शोधकर्ताओं को उसमें भी माइटोकॉन्ड्र्रियल डीएनए नहीं दिखा था, लेकिन उस जीव की ऊर्जा का स्रोत हाइड्रोजन सल्फाइड था। हैरानी की बात यह है कि इस नए मिले हेन्नीगुया साल्मिनीकोला को तो हाइड्रोजन सल्फाइड की भी जरूरत नहीं है।
नोटः यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

+ posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page