आदिगुरु शंकराचार्य जी की पवित्र गद्दी नृसिंह मंदिर पहुंचते उत्तराखंड चारधाम यात्रा का समापन
आदि गुरु शंकराचार्य जी की पवित्र गद्दी के श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचते ही आज औपचारिक रूप से इस वर्ष की श्री बदरीनाथ धाम यात्रा का समापन हो गया है।
आदि गुरू शंकराचार्य जी की गद्दी ने प्रात:कालीन पूजा-अर्चना, प्रसाद अर्पण के बाद उत्तराखंड के चमोली जिले में श्री योगध्यान बदरी पांडुकेश्वर से रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी एवं धर्माचार्यों, श्रद्धालुओं सहित आज प्रात: 10 बजे श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ प्रस्थान किया। आदिगुरु शंकराचार्य जी की गद्दी के स्थान-स्थान पर स्वागत हुआ। श्रद्धालुओं ने फूलवर्षा की ग्रैफ केंप में कर्नल मनीष कपिल की अगुवाई में आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी तथा रावल जी का स्वागत किया। इस अवसर पर धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने अधिकारियों-जवानों को संबोधित किया। तथा सड़क निर्माण हेतु उनकी प्रशंसा की।
इसके पश्चात आदि गुरु की पवित्र गद्दी श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंची जहां श्रद्धालुओं ने गद्दी की आगवानी की तथा फूलवर्षा कर स्वागत किया। इसके पश्चात श्री नृसिंह मंदिर परिसर में श्री गणेश पूजा तथा देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना आव्हान हुआ। इसके पश्चात प्रसाद वितरण हुआ। गढ़वाल आयुक्त एवं उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने श्री बदरीनाथ धाम यात्रा के समापन पर बधाई दी। साथ ही तीर्थयात्रियों का आभार जताते हुए कहा इस वर्ष उत्तराखंड चारधाम यात्रा कोरोना की विकट समय के साथ शुरू हुई। इस सब के बावजूद पांच लाख से अधिक तीर्थयात्री चारधाम पहुंचे सीमित समय में यह एक उपलब्धि है।
इस अवसर पर उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी. डी. सिंह ने श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में पत्रकारों से वार्ता करते हुए बताया कि श्री योग बदरी पांडुकेश्वर एवं श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में आज से शीतकालीन पूजाएं शुरू हो गयी हैं। श्री उद्धव जी, श्री कुबेर जी की पांडुकेश्वर में शीतकालीन पूजा शुरू हुई।
आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी के गद्दीस्थल श्री नृसिंह मंदिर में स्थापित होने के कुछ देर बाद रावल, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी, धर्माधिकारी के साथ अधिकारी-कर्मचारीगण गढवाल स्काट केंप जोशीमठ में सेना के अधिकारियों- जवानों से भेंट करने पहुंचे तथा भगवान बदरीविशाल की ओर से आशीर्वाद दिया। इस अवसर पर रावल एवं अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी, धर्माधिकारी सहित सभी आगंतुक अतिथियों का स्वागत किया गया।
आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी के श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंचने के अवसर पर रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी, पूर्व सचिव पर्यटन एवं धर्मस्व एन. एस. नेगी, देवस्थानम बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.डी. सिंह, उप मुख्य कार्याधिकारी सुनील तिवारी, धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल एवं धर्माचार्य, शंकराचार्य स्वरूपानंद मठ जोशीमठ से दंडी स्वामी मुकुंदानंद महाराज एवं संतगण, प्रभारी मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान, नृसिंह मंदिर के पुजारी संजय डिमरी, नृसिंह मंदिर प्रभारी संदीप कपरवाण, अजय सती, डा. हरीश गौड़, कृपाल सनवाल आदि मौजूद रहे। जिलाधिकारी उत्तरकाशी मयूर दीक्षित तथा जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग मनुज गोयल ने बताया कि जिलों में शीतकालीन यात्रा को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने जारी प्रेस विज्ञप्ति बताया कि श्री केदारनाथ धाम की शीतकालीन पूजा पंच केदार गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ तथा तीर्थ पुरोहितों से मिली जानकारी के मुताबिक श्री यमुनोत्री धाम की शीतकालीन पूजा खरसाली(खुशीमठ),श्री गंगोत्री धाम की शीतकालीन पूजा मुखबा ( मुखीमठ )में पहले ही शुरू हो गयी है। बताया कि 5 नवंबर को श्री गंगोत्री धाम के कपाट बंद हुए तथा 6 नवंबर को श्री केदारनाथ धाम एवं श्री यमुनोत्री धाम के कपाट बंद हुए।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल अवकाश प्राप्त गुरुमीत सिंह, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पूर्वमुख्य मंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, उच्च स्तरीय समिति अध्यक्ष पूर्व राज्य सभा सांसद मनोहर कांत ध्यानी, विधान सभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, चारधाम विकास परिषद पूर्व उपाध्यक्ष आचार्य शिवप्रसाद ममगाई सहित मुख्य सचिव डा. एसएस. संधू, सचिव धर्मस्व दिलीप जावलकर, आयुक्त गढ़वाल रविनाथ रमन,सचिव धर्मस्व हरिचंद्र सेमवाल, सचिव आपदा एस. ए. मुरूगेशन, जिलाधिकारी चमोली हिमांशु खुराना ने श्री बदरीनाथ धाम यात्रा सहित चारधाम यात्रा के सफल समापन पर प्रदेश- देश के श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी है। कहा कि शीतकालीन गद्दी स्थलों में शीतकालीन यात्रा को प्रोत्साहित किया जायेगा।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।