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November 8, 2024

मानहानि नोटिस पर बोले रामदेव- उनका बाप भी मुझे अरेस्ट नहीं कर सकता, बालकृष्ण ने ईसाइयत से जोड़ा, कांग्रेस ने लपका मुद्दा

फिर बाबा रामदेव का बयान सामने आया है। इस वीडियो में वे मानहानि के नोटिस पर बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनका बाप भी मुझे अरेस्ट नहीं कर सकता।


एलोपैथी के खिलाफ अपना बयान वापस लेने के बाद से ही बाबा रामदेव और उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण लगातार आक्रमक मुद्रा में हैं। दोनों के हर दिन नए बयान सोशल मीडिया में जारी हो रहे हैं। अबकी बार फिर बाबा रामदेव का बयान सामने आया है। इस वीडियो में वे मानहानि के नोटिस पर बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनका बाप भी मुझे अरेस्ट नहीं कर सकता। बाबा रामदेव के बयानों को लेकर आइएमए आक्रमक है, तो कांग्रेस को भी बैठे बैठाए मुद्दा मिल गया है। वहीं, इस मुद्दे पर भाजपा के लोग असहज हैं।
एलोपैथी बनाम आयुर्वेद के विवाद में इन दिनों योग गुरु बाबा रामदेव और उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण काफी मुखर हैं। दोनों के नित नए बयान इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। मंगलवार को आचार्य बालकृष्ण ने योग गुरु व आयुर्वेद के विरोध को देश में ईसाइयत के फैलाव से जोड़ा तो बाबा रामदेव ने एलोपैथिक चिकित्सक समेत दवा कंपनियों ने 25 सवाल पूछकर विवाद को नई हवा दे दी। वहीं, बुधवार को इंटरनेट मीडिया में वायरल एक अन्य वीडियो में बाबा इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) की उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग का उपहास उड़ाते नजर आ रहे हैं। बाबा यहां तक कहते सुनाई दे रहे हैं कि, ‘खैर! अरेस्ट तो उनका बाप भी नहीं कर सकता स्वामी रामदेव को।’ आइएमए ने मंगलवार को बाबा रामदेव को एक हजार करोड़ रुपये मानहानि का नोटिस देने के साथ ही 15 दिन में माफी न मांगने पर कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
एलोपैथी का उड़ाया था मजाक
गौरतलब है कि आईएमए ने सोशल मीडिया पर उस वायरल वीडियो पर आपत्ति जताई थी, जिसमें रामदेव ने दावा किया है कि एलोपैथी ‘बेवकूफी भरा विज्ञान’ है। उन्होंने कहा था कि कोरोना के इलाज के लिए स्वीकृत रेमडेसिविर, फेवीफ्लू और ऐसी अन्य दवाएं कोविड-19 मरीजों का इलाज करने में असफल रही हैं।
बाबा रामदेव मोबाइल से पढ़कर बोल रहे थे। उनके इस बयान ने जब तूल पकड़ा तो केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने एलोपैथी के बारे में योग गुरु रामदेव के बयान को रविवार को ‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया था। साथ ही इसे वापस लेने को कहा था। इसके बाद कहा गया कि बाबा रामदेव ने अपना बयान वापस ले लिया।
फिर बाबा रामदेव ने फिर रंग बदला और ट्विटर अकाउंट में आइएमए को खुला पत्र जारी किया। उन्होंने आइएमए को चुनौती दी। साथ ही उनसे 25 सवाल पूछे और कई बीमारियों का स्थायी इलाज पूछा। अब उनके इस बयान से एक बार फिर विवाद ने तूल पकड़ लिया है। गौरतलब है कि बाबा की ओर से एलोपैथ को लेकर दिए गए पूर्व के बयान पर उन्हें आइएमए ने नोटिस भी भेजा है।
पहले ऑक्सीजन की कमी को लेकर आया था बयान
इससे पहले भी बाबा रामदेव विवादों में आए। हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें बाबा रामदेव कह रहे थे कि-चारों तरफ ऑक्सीजन ही ऑक्सीजन का भंडार है, लेकिन मरीजों को सांस लेना नहीं आता है और वे नकारात्मकता फैला रहे हैं कि ऑक्सीजन की कमी है। रामदेव ने कहा था कि जिसका भी ऑक्सीजन स्तर गिर रहा है उसे ‘अनुलोम विलोम प्रामायाम’ और ‘कपालभाती प्राणायाम’ करना चाहिए। बाबा रामदेव की टिप्पणियों पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के उपाध्यक्ष डॉ. नवजोत सिंह दहिया ने शनिवार को जालंधर पुलिस में केस दर्ज कराया और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
अब नए वीडियो से फिर विवाद में आए रामदेव
वीडियो में बाबा रामदेव आइएमए के मानहानि के नोटिस पर प्रतिक्रया देते दिख रहे हैं। बकौल बाबा-ट्रेंड चला रहे हैं कि क्विक अरेस्ट स्वामी रामदेव। कभी कुछ चलाते हैं, कभी ठग रामदेव, कभी महाठग रामदेव, कभी गिरफ्तार रामदेव चलाते रहते हैं। चलाने दो। इसका उपहास उड़ाते हुए वह पतंजलि कार्यकर्ताओं को बधाई दे रहे हैं कि इस कारण अब अपने लोगों को भी ट्रेंड चलाने की प्रैक्टिस हो गई। बाबा यहां तक कहते सुनाई दे रहे हैं कि- खैर! अरेस्ट तो उनका बाप भी नहीं कर सकता स्वामी रामदेव को।’
आइएमए ने कहा कि कोर्ट को लेना चाहिए स्वतः संज्ञान
उधर, इस मामले में तीखी प्रतिक्रिया देते हुए आइएमए हरिद्वार के अध्यक्ष डा. दिनेश सिंह ने कहा कि बाबा का यह बयान सीधे-सीधे कानून का अपमान है, अपराध है। कोर्ट को इसका स्वत: संज्ञान लेते हुए उन पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बाबा का मकसद एलोपैथी के खिलाफ आम जनता को भड़काकर अपना धंधा बढ़ाना है। यह लड़ाई आयुर्वेद और एलोपैथी के बीच नहीं है। हम रामदेव की एलोपैथी के बारे में की गई बदजबानी के खिलाफ हैं, न कि आयुर्वेद के। एलोपैथिक डाक्टरों ने बाबा की तरह कभी नहीं कहा कि वो हर बीमारी का संपूर्ण इलाज कर सकते है। कोई भी पैथी ऐसा दावा नहीं कर सकती।
विवाद को आचार्य बालकृष्ण ने ईसाइयत से जोड़ा
आयुर्वेद बनाम एलोपैथ को लेकर हो रहे विवाद को योग गुरु बाबा रामदेव के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण ने नया मोड़ दे दिया है। आचार्य बालकृष्ण ने ट्वीट कर इसे देश के भीतर चल रहे ईसाई मंतातरण से जोड़ा है। वह चिंता जताते हुए कहते हैं कि देश में ईसाइयत को बढ़ावा देने के साथ ईसाई बनाने की साजिश रची जा रही है। इसी के तहत बाबा रामदेव को निशाना बनाया जा रहा है, योग और आयुर्वेद को बदनाम किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि अगर समय रहते इस मामले में गंभीर कदम नहीं उठाए गए तो यह साजिश सफल हो जाएगी। जो ताकतें ऐसा कर रही हैं, उन्हें रोकना होगा। वह आगे कहते हैं, ‘पूरे देश को क्रिश्चियनिटी में कनवर्ट करने के षडयंत्र के तहत योग ऋषि रामदेव को टारगेट कर योग एवं आयुर्वेद को बदनाम किया जा रहा है।
कांग्रेस ने लपका मुद्दा
एलोपैथी चिकित्सा पद्धति को लेकर योगगुरु बाबा रामदेव और आइएमए के मध्य चल रहे विवाद के मुद्दे को कांग्रेस ने लपकते हुए सरकार पर निशाना साधने में देर नहीं की, तो सत्तारूढ़ भाजपा स्वयं को असहज महसूस कर रही है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाई है। वहीं, प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना भी यही मांग कर चुके हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने इस विषय पर टिप्पणी करने से बच रहे हैं। कहा कि कांग्रेस बेवजह इस मसले का राजनीतिकरण कर रही है। अलबत्ता, राज्य सरकार के प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि प्रकरण में कानून अपना काम करेगा।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि बाबा रामदेव के बयानों ने देश के उन सभी चिकित्सकों का अपमान किया है, जो दिन-रात कोरोना महामारी में मरीजों का समर्पण और प्रतिबद्धता से इलाज कर रहे हैं। बाबा रामदेव का बयान चिकित्सकों का मनोबल गिराने वाला है। उनके द्वारा चिकित्सा पद्धति का उपहास तो उड़ाया ही गया, टीकाकरण पर भी गंभीर सवाल उठाए गए।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि आचार्य बालकृष्ण ने इस पूरे प्रकरण को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की है। उन्होंने यह भी कहा कि टीकाकरण को लेकर प्रधानमंत्री से सवाल पूछे गए तो कार्यकर्ताओं पर मुकदमे किए जाते हैं। बाबा रामदेव किस योग्यता और आधार पर 25 सवाल दाग रहे हैं। जिस तरह एक व्यक्ति सभी चिकित्सकों पर हावी है और सत्तापक्ष चुप है, यह इशारा है कि बाबा रामदेव को सत्तापक्ष का संरक्षण हासिल है।
उधर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने इस मामले में सीधे कोई टिप्पणी नहीं की। हालांकि, यह जरूर कहा कि कांग्रेस के पास न तो कोई मुद्दा है न कोई काम। इसीलिए कांग्रेस बेवजह यह मुद्दा उछाल रही है। सरकार के प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि आइएमए ने बाबा रामदेव को नोटिस भेजा है। इस मामले में कानून अपना काम करेगा। कानून से ऊपर कोई नहीं है।
पढ़ें: रामदेव पर राज्य व केंद्र की सरकारें मौन क्यों, आपदा एक्ट में करें कार्रवाईः धस्माना

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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