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July 10, 2025

उत्तराखंड में बारिश का कहर, नदी नाले उफान पर, 200 सड़कें ध्वस्त, 800 गावों का संपर्क कटा

उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश मुसीबत का रूप ले रही है। नदी नाले उफान पर आ गए। साथ ही भूस्खलन से करीब दो सौ से ज्यादा संपर्क मार्ग ध्वस्त हो चुके हैं।

उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश मुसीबत का रूप ले रही है। नदी नाले उफान पर आ गए। साथ ही भूस्खलन से करीब दो सौ से ज्यादा संपर्क मार्ग ध्वस्त हो चुके हैं। इससे करीब 800 गांवों का जिला मुख्यालयों से संपर्क कट गया है। मौसम विभाग के मुताबिक बारिश का दौर अभी जारी रहेगा।
पिछले दो दिन से हो रही बारिश के चलते बदरीनाथ और केदारनाथ हाईवे के साथ ही पिथौरागढ़ और चमोली में चीन सीमा को जोड़ने वाले मार्ग मलबा आने से बंद हैं। इसके अलावा प्रदेश में भूस्खलन के कारण 200 से ज्यादा संपर्क मार्गों पर आवागमन बाधित है और 800 से अधिक गांव जिला मुख्यालयों से कट गए हैं।
खतरे के निशान पर नदियां
गढ़वाल में गंगा, मंदाकिनी और अलकनंदा, वहीं कुमाऊं में गोमती, सरयू, गोरी और काली नदियां खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं। हरिद्वार और ऋषिकेश में कई जगह गंगा घाट जलमग्न हो गए हैं। नदियों के रौद्र रूप को देखते हुए कई शहरों में तटीय इलाकों को खाली करा दिया गया है। ऋषिकेश में पुलिस की टीम तटीय क्षेत्रों में गश्त कर रही है।
कुमाऊं में भी स्थिति कुछ ऐसी ही है।
कुमाऊं में आफत की बारिश
बारिश से पिथौरागढ़ जिले में भी कहर बरपा। कई गांवों का जिलों से सड़क संपर्क पांच दिन से कटा हुआ है। वहीं अल्मोड़ा, बागेश्वर व पिथौरागढ़ में दो आवासीय भवन व एक दुकान ध्वस्त हो गई। पिथौरागढ़ जिले में चीन सीमा से लगे अस्सी से अधिक गांवों का संपर्क भी भंग हो चुका है। कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग भी बंद है। चंपावत में घाट से टनकपुर के बीच 12 स्थानों पर मलबा आने से सड़क बंद हो गई है। कई निजी और सरकारी वाहनों समेत पिथौरागढ़ की ओर जा रहे सेना के एक दर्जन से अधिक वाहन भी फंस गए हैं।
केदारनाथ पैदल मार्ग भी क्षतिग्रस्त
लगातार बारिश के बीच भूस्खलन से केदारनाथ पैदल मार्ग भी क्षतिग्रस्त हो गया है। फिलहाल इस मार्ग पर प्रशासन ने आवाजाही रोक दी है। प्रशासन के अनुसार मौसम साफ होने पर ही मार्ग की मरम्मत शुरू हो पाएगी।
ऋषिकेश और हरिद्वार कई घाट जलमग्न
पर्वतीय क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से मैदानी क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। ऋषिकेश व हरिद्वार में गंगा खतरे के निशान के करीब है। ऋषिकेश में शुक्रवार आधी रात को गंगा चेतावनी निशान को पार कर गई थी। पुलिस और प्रशासन की टीम ने रात को आसपास की आबादी को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया था। जलस्तर में वृद्धि से त्रिवेणी घाट का प्लेटफार्म पानी में डूब गया है, ज्यादातर घाट जलमग्न हो चुके हैं। केंद्रीय जल आयोग की टीम ऋषिकेश और हरिद्वार में लगातार जलस्तर पर नजर बनाए हुए है।
बारिश ने पांच वर्षों का तोड़ा रिकार्ड
जून की बारिश ने पिछले पांच वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ा है। कुमाऊं के हिल स्टेशन मुक्तेश्वर में इस बार 24 घंटे के दौरान 103 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है। इससे पहले 2015 में 26 जून को 120.4 मिमी बारिश हुई थी। पिछले साल पूरे जून में 109 मिमी बारिश हुई थी। पिछले दस वर्षों में 24 घंटे के दौरान सबसे अधिक बारिश 17 जून 2013 को हुई थी। तब पूरे जून में 630 मिमी बारिश हो गई थी।
उत्तराखंड में मौसम का हाल
राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक रोहित थपलियाल के मुताबिक आज 20 जून को उत्तराखंड के पिथौरागढ़, नैनीताल, चंपावत, जिले में भारी बारिश की संभवना है। वहीं, देहरादून, पौड़ी, टिहरी, नैनीताल, पिथौरागढ़ और चंपावत में गर्जन के साथ आकाशीय बिजली चमकने की भी संभावना है। 21 जून को भी उत्तराखंड राज्य के देहरादून, पौड़ी, टिहरी, नैनीताल जिले में गर्जन के साथ बिजली चमकने और तेज बौछार गिरने की संभावना है। इन दोनों दिन के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है। 22 और 23 जून को कुछ स्थानों विशेषकर पर्वतीय क्षेत्र में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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