राहुल गांधी ने खाली किया सरकारी बंगला, बोले-सच बोलने की चुकाई कीमत
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 12 तुगलक लेन स्थित अपना सरकारी बंगला खाली कर दिया है। राहुल गांधी ने बंगला खाली करने के बाद वहां से निकलते वक्त मीडिया से बातचीत में कहा कि मैंने सच बोलने की कीमत चुकाई है। मैं सच बोलने के लिए आगे भी कोई भी कीमत चुकाने के लिए तैयार हूं। राहुल गांधी के बंगला खाली करने के बाद वहां से निकलने के वक्त उनकी बहन प्रियंका गांधी भी साथ थीं। इस दौरान राहुल गांधी ने सरकारी अधिकारियों से हाथ मिलाया और उन्हें चाबी सौंपी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
राहुल गांधी को संसद सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के बाद अपना बंगला सरकारी बंगला खाली करना था। आज उसकी अंतिम तिथि थी। राहुल गांधी ने बंगले से निकलते वक्त कहा कि मैं अब इस घर में नहीं रहना चाहता हूं, क्योंकि मुझे इस घर को हिंदुस्तान की जनता ने दिया था। अब मैं दस जनपथ में रहूंगा। उन्होंने कहा कि मैं महंगाई और बेरोजगारी का मुद्दा उठाता रहूंगा। बता दें कि दस जनपथ उनकी मां और कांग्रेस नेता सोनिया गांधी का सरकारी आवास है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सरकारी बंगला खाली करते वक्त राहुल गांधी के वहां के कर्मचारियों से हाथ मिलाया और उनके साथ फोटो भी खिंचवाई। इसके बाद उन्होंने सरकारी अधिकारी को बंगले की चाबी सौंपी। वहीं प्रियंका गांधी ने कहा कि मेरे भाई ने जो कहा है वो सही कहा है। सरकार के खिलाफ बोलने की सजा मिली है. लड़ाई जारी रहेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये है मामला
गौरतलब है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को 2019 में दर्ज ‘मोदी सरनेम’ वाले आपराधिक मानहानि के मामले में गुजरात के सूरत की जिला कोर्ट ने कल 23 मार्च को दोषी करार दिया था। साथ ही उन्हें दो साल की सजा सुनाई गई और हाथों हाथ बेल भी दे दी गई थी। साथ ही उन्हें कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ 30 दिन की अपील का समय दिया गया। राहुल गांधी ने कोर्ट में साफ कहा कि मैं माफी नहीं मांगूंगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
यह मामला राहुल गांधी की ओर से दिए गए ‘मोदी उपनाम’ संबंधी टिप्पणी से जुड़ा है। राहुल के खिलाफ यह मामला उनकी उस टिप्पणी को लेकर दर्ज किया गया है, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था-क्यों सभी चोरों का समान उपनाम मोदी ही होता है? इस मामले में जब फैसला सुनाया गया, तब कांग्रेस सांसद राहुल गांधी सूरत जिला न्यायालय में मौजूद रहे। इससे पहले उन्होंने कहा था कि कोई उन्हें जो सजा देगी, वो उन्हें मंजूर होगी। उन्हें ऊपरी अदालत में अपील करने के लिए 30 दिन की मोहलत देते हुए उनकी सजा को निलंबित किया था। वहीं, लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की सदस्यता को रद्द कर दिया था। साथ ही उन्हें 22 अप्रैल तक सरकारी आवास खाली कराने का नोटिस दिया गया था। आज बंगला खाली करने का आखिरी दिन था।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।