कांग्रेस महाधिवेशन में बोले राहुल गांधी-हम सत्याग्रही, बीजेपी और आरएसएस वाले सत्ताग्रही
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में चल रहे कांग्रेस के तीन दिवसीय 85वें महाधिवेशन के आखिरी दिन पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बीजेपी और आरएसएस पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा के अपने अनुभवों को भी साझा किया। राहुल ने कहा- मैंने कन्याकुमारी से श्रीनगर तक भारत जोड़ो यात्रा की। भले ही वीडियो में आपने मेरा चेहरा देखा हो, लेकिन असल में हमारे साथ लाखों लोग चले। हर मौसम बारिश, गर्मी और बर्फ में हम सब एकसाथ चले। पंजाब में एक मैकेनिक आकर मुझसे मिला, तब मैंने उसके हाथ पकड़े और उसकी सालों की तपस्या, उसका दर्द और दुख मैंने पहचान लिया। हम सत्याग्रही हैं और भाजपा-आरएसएस वाले ‘सत्ताग्रही’ हैं। वो सत्ता के लिए कुछ भी कर सकते हैं, हम सत्य के लिए कुछ भी कर सकते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सुनाए यात्रा के अनुभव
राहुल गांधी ने कहा कि अपनी यात्रा के दौरान मुझे देश देखने को मिला। मैंने इस यात्रा से बहुत कुछ सीखा। इस दौरान जैसे ही मैं लाखों किसानों से हाथ मिलाता था, उन्हें गले लगता था एक ट्रांसमिशन सा हो जाता था। शुरुआत में बोलने की जरूरत होती थी कि क्या करते हो, कितने बच्चे हैं और क्या- क्या मुश्किलें हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
15 दिन में बदल गई सोच
उन्होंने कहा कि एक-डेढ़ महीना ये चला और उसके बाद बोलने की जरूरत नहीं पड़ती थी, लेकिन जैसे ही हाथ पकड़ा, गले लगे उनका दर्द एक सेकेंड में समझ आ जाता था। जो मैं उनसे कहना चाहता था, बिना कुछ बोले वो खुद ही समझ लेते थे। इसी के साथ राहुल ने कहा कि 52 साल हो गए मेरे पास घर नहीं। रोज सोचता था कि कैसे 3500 किसी चलूंगा, लेकिन शुरुआती 15 दिन में मेरी सोच बदल गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पीएम मोदी पर बरसे
बाद में बड़ी संख्या में कश्मीरियों के तिरंगा लहराने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बरस पड़े। बोले कि प्रधानमंत्री कहते हैं मैंने भी लाल चौक पर तिरंगा फहराया था। पीएम को फर्क समझ नहीं आया। नरेंद्र मोदी जी ने बीजेपी के 15-20 लोगों के साथ लाल चौक पर तिरंगा फहराया। ‘भारत जोड़ो यात्रा’ ने कश्मीर के लाखों युवाओं के हाथ से तिरंगा फहराया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
घुटने में चोट की कहानी बताई
राहुल ने बताया कि आपने केरल में बोट रेस देखी होगी। मैं जब बोट में बैठा था, पैर में भयंकर दर्द था। मैं उस फोटो में मुस्कुरा रहा हूं, लेकिन दिल में रोना आ रहा था। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने आगे कहा कि मैं काफी फिट आदमी हूं। 10-12 किमी ऐसे ही दौड़ लेता हूं। घमंड था। मैंने सोचा था 10-12 किमी चल लेता हूं तो 20-25 किमी चलने में क्या बड़ी बात है। मेरे माइंड में ये था। पुरानी इंजरी थी। कॉलेज में फुटबॉल खेलते हुए चोट लगी थी। मैं दौड़ रहा था दोस्त ने पीछे से अड़ंगी मार दी और घुटने में चोट लगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
यात्रा से वापस आ गया पुराना दर्द
राहुल बोले कि दर्द गायब था सालों के लिए और अचानक जैसे ही मैंने यात्रा शुरू की दर्द वापस आ गया। सुबह उठता था तो सोचता था कि कैसे चला जाए। 25 किमी नहीं 3500 किमी चलना है कैसे चलूंगा। फिर कंटेनर से उतरता था। चलना शुरू करता था। लोगों से मिलता। पहले 10-15 दिन में अहंकार या घमंड सारा गायब हो गया। क्यों गायब हुआ क्योंकि भारत माता ने मुझे मैसेज दिया। देखो तुम अगर निकले हो, अगर कन्याकुमारी से कश्मीर चलने निकले हो तो अपने दिल से अहंकार मिटाओ नहीं तो मत चलो। मुझे वो बात सुननी पड़ी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मेरे पास आज तक घर नहीं है
राहुल ने आगे बताया कि मैंने आगे नोटिस किया कि मेरी आवाज चुप होती गई। मैं सिर्फ सुनने लगा और जब मैं कश्मीर पहुंचा। वो भी अजीब सी बात थी। मैं बिल्कुल चुप हो गया था। थोड़ा रुककर राहुल ने कहा कि मां बैठी हैं, मैं छोटा सा था, 1977 की बात है। चुनाव आया। मुझे चुनाव के बारे में मालूम नहीं था। 6 साल का था मैं। एक दिन घर में अजीब सा माहौल था। मां के पास गया, मैंने पूछा कि मम्मी क्या हुआ। और मां कहती हैं कि हम घर छोड़ रहे हैं। तब तक मैं सोचता था कि वो घर हमारा था। मैंने मां से पूछा, मां हम अपने घर को क्यों छोड़ रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि-पहली बार मां ने बताया कि राहुल ये हमारा घर नहीं है। सरकार का घर है। अब हमें यहां से जाना है। मैंने मां से पूछा, कहां जाना है। कहती हैं- नहीं मालूम। मैं हैरान हो गया। मैंने सोचा था कि वो हमारा घर था। 52 साल हो गए मेरे पास घर नहीं है। आज तक घर नहीं है और हमारे परिवार का जो घर है वो इलाहाबाद में है। वो भी हमारा घर नहीं है। तो जो घर होता है उसके साथ मेरा बड़ा अजीब सा रिश्ता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हमारा घर चला हमारे साथ
राहुल ने कहा कि मैं 12 तुगलक लेन में रहता हूं, लेकिन मेरे लिए वह घर नहीं है। जब मैं निकला कन्याकुमारी से, मैंने अपने आप से पूछा कि मेरी जिम्मेदारी क्या बनती है। मैं भारत का दर्शन करने, उसे समझने के लिए निकला हूं, हजारों-लाखों लोग चल रहे हैं। मेरी क्या जिम्मेदारी है? मैंने थोड़ी देर सोचा और एक आइडिया आया। मैंने ऑफिस के लोगों से बुलाया और कहा कि देखिए यहां हजारों लोग चल रहे हैं। धक्का लगेगा, चोट लगेगी। हमें एक काम करना है। मेरे साइड में 20-25 फीट इधर-उधर खाली जगह रखिए, जिसमें देश के लोग आएंगे।अगले 4-5 महीने के लिए ये हमारा घर है। मतलब अगले 3-4 महीने तक ये घर हमारे साथ चलेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
जैसे मैं प्रियंका का हाथ पकड़ता हूं, वैसे उसका पकड़ा
राहुल ने कहा कि मैंने यात्रा की अपनी टीम से कहा था कि इंसान हो या जानवर जो भी यहां आए उसे सड़क पर यात्रा के आगे वाली खाली जगह अपनी लगनी चाहिए। जिस दिन मैंने ये किया भारत जोड़ो यात्रा बदल गई। लोगों से मैंने क्या क्या सुना है। मैं बता भी नहीं सकता। महिलाओं ने क्या कहा है, मैं यहां बता नहीं सकता। युवा कितना बोझ उठा रहे हैं। बता-समझा नहीं सकता। उन्होंने बताया कि एक दिन एक महिला ने हाथ हिलाया दूर से, मैंने उसे बुला लिया। मैंने हाथ पकड़ा, झट से पता चल गया कि कुछ न कुछ गलत है। जैसे मैं प्रियंका का हाथ पकड़ता हूं, वैसे ही उसका हाथ पकड़ा। अजीब सा लगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
राहुल ने कहा कि-वह कहती है, ‘भैया, मैं आपसे मिलने आई हूं।’ मैंने पूछा क्या बात है। उसने कहा कि मेरा पति मुझे पीट रहा है। मैंने पूछा कब- बोली अभी। मैं घर से भागी हूं। आपसे मिलने के लिए। मैंने कहा कि पुलिस को बुलाएं, तो उसने कहा कि नहीं। बाद में बोली कि मैं फिर से पिटने जा रही हूं। बस मैं यह बताना चाहती थी कि क्या हो रहा है। यह महिला अकेली नहीं है। ऐसी लाखों-करोड़ों महिलाएं इस देश में हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कश्मीरियों के हाथों में तिरंगा
राहुल ने कहा कि कश्मीर में हम घुसे तो बर्फ थी, धूप थी और हजारों लोग हमारे साथ चल रहे थे। एक लड़का कहता है कि राहुल जी एक सवाल पूछना चाहता हूं। राहुल जी जब कश्मीर के लोगों को दुख होता है, जब हमारे दिल में चोट लगती है तो बाकी हिंदुस्तान के लोगों को खुशी क्यों होती है? मैंने कहा, गलतफहमी में हो। ऐसी कोई बात नहीं है। मैं दावा कर सकता हूं कि करोड़ों लोगों के दिल में ये भावना नहीं है। लोग हर हिंदुस्तानी के दर्द के साथ खड़े हैं। मैंने कहा कि गिने-चुने लोग हैं जो खुश होते हैं। हजारों में होंगे लेकिन देश में करोड़ों लोग हैं। वह मुझसे कहता है कि आपने मुझे खुश कर दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पीएम को समझ नहीं आई बात
राहुल ने कहा कि घाटी में हजारों लोगों ने तिरंगा उठा रखा था। अनंतनाग, पुलवामा… जिसे आतंकवाद प्रभावित क्षेत्र कहा जाता है। कश्मीरी युवाओं के हाथों में तिरंगा था। संसद में मैंने प्रधानमंत्री जी का भाषण सुना। कहते हैं कि मैंने भी जाकर लाल चौक पर तिरंगा फहराया था। मैं सुन रहा था। मैंने सोचा, देखिए हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री को बात समझ नहीं आई। नरेंद्र मोदी जी ने बीजेपी के 15-20 लोगों के साथ जाकर लाल चौक पर तिरंगा फहराया। भारत जोड़ो यात्रा ने लाखों कश्मीरी युवाओं के हाथों से तिरंगा फहराया। प्रधानमंत्री को फर्क नहीं समझ आया। हमने हिंदुस्तान की भावना, इस झंडे की भावना जम्मू-कश्मीर के युवाओं के अंदर डाल दी और आपने अपने झंडे की भावना जम्मू-कश्मीर के युवाओं से छीन ली। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
जयशंकर से बोले राहुल, ये कौन सी देशभक्ति है
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी रायपुर महाअधिवेशन में कहा कि मैंने संसद में एक उद्योगपति पर आक्रमण किया। मैंने सिर्फ एक सवाल पूछा कि मोदी जी आपका अडानी जी से रिश्ता क्या है? पूरी भाजपा सरकार अडानी जी की रक्षा करने लग गई। वे कहते हैं कि जो अडानी जी पर आक्रमण करता वह देशद्रोही है। अडानी जी और मोदी जी एक हैं। विदेश मंत्री जयशंकर के बयान पर राहुल ने आगे कहा कि एक मंत्री ने इंटरव्यू में कहा कि चीन की अर्थव्यवस्था भारत से बड़ी है तो हम उनसे कैसे लड़ें? जब अंग्रेज हम पर राज करते थे तो क्या उनकी अर्थव्यवस्था हमसे छोटी थी? यानी जो आपसे ताकतवर हैं उनसे लड़ें ही मत। इसको कायरता कहते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आगे कांग्रेस नेता ने कहा कि सावरकर की विचारधारा है अगर जो आपके सामने आपसे ताकतवर, मजबूत है उसके सामने सिर झुका दो। हिंदुस्तान के मंत्री चीन से कह रहे हैं कि आपकी अर्थव्यवस्था हमसे बड़ी है इसलिए हम आपके सामने नहीं खड़े हो सकते। इसको देशभक्ति कहते हैं क्या? यह कौन सी देशभक्ति है? (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
जो बहुत समय से नहीं हुआ, राहुल जी ने करके दिखाया
इससे पहले प्रियंका गांधी ने कहा कि कांग्रेस का कार्यकर्ता कौन है, वो अनोखे लाल हैं जो कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक झंडे को लेकर चले। वो दिनेश हैं जो इसी तरह से देश के ध्वज को लेकर नंगे पाव चले। ऐसे कई नाम हैं। यूपी में हम मजाक में कहते हैं, ये लाइफ लॉन्ग कांग्रेस सफरर होते हैं। जो कार्यकर्ता आजीवन अपने वजूद के लिए संघर्ष करता है वो, मैं उसके पक्ष में बोलना चाहती हूं। जब भी हम इकट्ठे होते हैं। नए-नए प्रस्ताव लाते हैं। हमने कहा है कि मंडल, ब्लॉक तक संगठन बनाना है। लेकिन यह कागज पर नहीं होना चाहिए। भारत जोड़ो यात्रा निकली, श्री राहुल गांधी जी बैठे हैं। उन्होंने कांग्रेस की विचारधारा की लकीर खींचकर दिखाई। जो बहुत समय से नहीं हुआ था। उन्होंने करके दिखाया।

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।