राहुल गांधी को फिर से मिली कवरेज, गुवाहटी की मुख्य सड़कों पर यात्रा बैन, कार्यकर्ताओं ने उखाड़े बैरिकेड्स
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा को प्रचारित करने का जो काम कांग्रेस नहीं कर कर पा रही थी, उस काम को असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने आसान बना दिया। आज असम की हिमंत सरमा सरकार ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की यात्रा को गुवाहाटी में मुख्य सड़कों से गुजरने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ को गुवाहाटी में प्रवेश करने से रोकने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया और बैरिकेड तोड़ दिए। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने नारे भी लगाए। इस दौरान पुलिस ने लाठी भी फटकारी। कई कांग्रेसी कार्यकर्ताओं और यात्रा में शामिल लोगों को चोटें भी आईं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के बीच नॉर्थ ईस्ट के असम स्थित गुवाहाटी में फिर विवाद हुआ है। वहां शहर में यात्रा की इजाजत न मिलने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस में जबरदस्त झड़प हुई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
14 जनवरी को राहुल गांधी ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा मणिपुर के इंफाल से शुरू की। 67 दिन तक चलने वाली 6713 किमी की इस यात्रा का समापन मुंबई में होगा। साथ ही ये यात्रा 15 राज्यों से गुजरनी है। भारत जोड़ो यात्रा नागालैंड, अरुणाचल, मेघालय आदि राज्यों में शांति के गुजर गई। वहीं, असम में पहुंचते ही चर्चा में आ गई। एक तरह से कहें तो असम के सीएम ने इस यात्रा को चर्चा में ला दिया और यात्रा को मीडिया कवरेज भी खूब मिलने लगा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अभी तक के हालात
मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने कह दिया था कि कांग्रेस की न्याय यात्रा को सुरक्षा नहीं दी जाएगी। यात्रा शहर से नहीं जाने देंगे। 20 जनवरी को यात्रा के काफिले पर हमला किया गया। कई वाहनों पर पथराव किया गया। कांग्रेस ने हमले का आरोप भाजपा पर लगाया। आरोप है कि पोस्टर-बैनर फाड़े, गाड़ियों में तोड़फोड़ की। कांग्रेस ने कहा कि यात्रा को मिल रहे समर्थन से घबरा गए हैं। इसके बाद 21 जनवरी को राहुल की बस के आगे बीजेपी के झंडे लेकर 20 से 25 कार्यकर्ता आ गए। इस दौरान राहुल गांधी के साथ धक्का-मुक्की हुई। इनमें ये बात भी खास है कि कांग्रेस ने हर उकसाने के प्रयास को नजर अंदाज कर दिया। राहुल को बचाते हुए उनके सिक्योरिटी गार्ड उन्हें बस के अंदर वापस ले गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
घटना के दौरान राहुल का काफिला सोनितपुर में था। राहुल ने घटना को लेकर कहा- आज BJP के कुछ कार्यकर्ता झंडा लेकर हमारी बस के सामने आ गए। मैं बस से निकला, वो भाग गए। हमारे जितने पोस्टर फाड़ने हैं, फाड़ दो। हमें कोई फर्क नहीं पड़ता। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एक तरफ प्राण प्रतिष्ठा, दूसरी तरफ राहुल को रोका
अब 22 जनवरी को एक तरफ अयोध्यान में पीएम नरेंद्र मोदी प्राण प्रतिष्ठा समारोह में व्यस्त थे। पूरे देश में सरकारी कार्यालयों में आधे दिन की और स्कूलों में पूरे दिन की छुट्टी इसलिए की गई कि लोग घरों में इस कार्यक्रम को देखें। इसी बीच सोमवार 22 जनवरी को जब राहुल गांधी असम के नगांव स्थित शंकरदेव मंदिर में जा रहे थे तो उन्हें मंदिर से कई किलोमीटर पहले ही दर्शन के लिए जाने से रोक दिया गया। ‘बोदोर्वा थान’ वो धर्मस्थल है, जिसे असम के संत श्री शंकरदेव का जन्मस्थान माना जाता है। ‘बोदोर्वा थान’ मंदिर को शंकरदेव मंदिर के तौर पर भी जाना जाता है। राहुल गांधी राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दिन शंकरदेव मंदिर में पूजा अर्चना करना चाह रहे थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
राहुल ने कही ये बात
राहुल गांधी ने कहा कि मुझे आज शंकरदेव के मंदिर में जाने से रोका जा रहा है। हमें वहां आमंत्रित किया गया है और अब कहा जा रहा है कि आप नहीं जा सकते हैं। शायद आज सिर्फ एक ही व्यक्ति मंदिर जा सकता है। उनका इशारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ था, जो अयोध्या में बन रहे राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में शामिल हुए। कांग्रेस नेता राहुल ने कहा कि हम मंदिर में जाना चाहते हैं। मैंने क्या अपराध किया है कि मुझे मंदिर में दर्शन के लिए जाने नहीं दिया जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दिया गया ये तर्क
थान मैनेजमेंट कमेटी ने कहा था कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर बहुत सारे भक्त थान में आएंगे। इसके अलावा कई सारे प्रोग्राम भी मंदिर के बाहर और भीतर आयोजित होने वाले हैं। जहां हजारों लोग जमा होने वाले हैं। इस वजह से तय किया गया है कि राहुल गांधी को दोपहर 3 बजे के बाद मंदिर में दर्शन का समय दिया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
फैलाया गया झूठ
सुरक्षाबलों ने राहुल और अन्य कांग्रेसी नेताओं को रास्ते में हैबरगांव में रोका और यहां बहस के बाद राहुल और अन्य कांग्रेसी नेता धरने पर बैठ गए। धरने पर बैठे कांग्रेस राम भजन- रघुपति राघव राजा राम, गाने लगे। काफी देर की बातचीत के बाद सिर्फ स्थानीय सांसद और स्थानीय विधायक को ही बरदोवा थान जाने की इजाजत दी गई। जब वे दर्शन करके वापस लौटे, तब ही धरना समाप्त हुआ। वापस लौटने के बाद इन नेताओं ने सोशल मीडिया में मंदिर की फोटो डाली और बताया कि मंदिर पूरी तरह खाली था। यानि ये भी झूठ फैलाया गया कि मंदिर में भीड़ है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
यही तो है रामराज्य
इस घटना को लेकर सोशल मीडिया में एक पत्रकार ने ट्विट किया कि- मंदिर में किसी को जाने से कैसे रोका सकते हैं। इसके जवाब में असम के सीएम ने रिट्विट किया कि ये ही रामराज्य है। हालांकि, असम के सीएम कुछ भी बोलें, लेकिन वह जाने और अनजाने में राहुल गांधी की यात्रा को ही प्रचारित कर रहे हैं। वह यात्रा के खिलाफ कदम उठाते हैं और राहुल गांधी को ऐसे मीडिया में भी कवरेज मिल जाती है, जो उनकी यात्रा को दिखा नहीं रहा था।
सरकार के फरमान से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में गुस्सा
असम की हिमंत सरमा सरकार ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की यात्रा गुवाहाटी में मुख्य सड़कों से गुजरने की अनुमति देने से इनकार किया तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही बैरिकेड तोड़ दिए। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने नारे भी लगाए। दरअसल यह यात्रा मेघालय का चरण पूरा करने के बाद आज असम में फिर से प्रवेश करने की कोशिश कर रही थी। कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि असम के सीएम भारत जोड़ो न्याय यात्रा में बाधा पैदा कर रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रशासन ने कहा-शहर में इजाजत नहीं
प्रशासन का कहना है कि शहर में यात्रा की इजाजत नहीं है, जबकि राहुल गांधी की यात्रा शहर के अंदर की तरफ बढ़ रही थी। यही वजह थी कि बाद में पुलिस ने बैरिकेड्स लगा दिए और इसी को लेकर राहुल गांधी की बस के साथ चल रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पुलिस वालों से झड़प हो गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रशासन की ओर से कहा गया है कि वर्किंग डे होने की वजह से राहुल गांधी की यात्रा को शहर की मुख्य सड़कों से गुजरने की अनुमति देने से ट्रैफिक जाम की स्थिति पैदा हो सकती है। राज्य प्रशासन ने रैली को राष्ट्रीय राजमार्ग 27 से ले जाने के लिए कहा है, जो निचले असम की ओर जाता है। ये शहर के चारों तरफ रिंग रोड की तरह काम करता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
देखें वीडियो- हिमंता ने पीएम मोदी की मेहनत पर फेरा पानी
राहुल गांधी ने कहा- छात्रों से बातचीत से रोका जा रहा
गुवाहाटी में राहुल गांधी का छात्रों से संवाद होना है। कांग्रेस नेता गांधी ने कहा है कि उन्हें छात्रों से बात करने से रोका जा रहा है। राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें छात्रों से संवाद करने नहीं दिया। हालांकि, छात्र बाहर उनसे मिले और बातचीत की। राहुल गांधी ने कहा कि हम कानून हाथ में नहीं लेंगे। कार्यकर्ताओं ने बैरिकेड्स तोड़े, लेकिन कानून नहीं तोड़ा। उधर, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पुलिस महानिदेशक को राहुल गांधी के खिलाफ केस दर्ज करने का निर्देश दिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बजरंग दल और नड्डा इसी रूप से गए
राहुल गांधी ने इस मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि बजरंग दल इसी रास्ते से गया था। इसी रूट पर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की रैली भी हुई। यहां एक बैरिकेड था। हमने बैरिकेड तोड़ दिया, लेकिन हम कानून नहीं तोड़ेंगे। हमें कमजोर मत समझिए। यह कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की ताकत है। असम के लोगों को दबाया जा रहा है। छात्रों के साथ मेरी बातचीत रद्द कर दी गई। अधिकारियों से कहा गया कि मुझे छात्रों से न मिलने दिया जाए। इसके बावजूद वे मुझसे मिलने के लिए बाहर आए। मेरा मैसेज है कि कांग्रेस कार्यकर्ता BJP और RSS से नहीं डरते। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हम यहां सबसे भ्रष्ट CM हिमंता से लड़ने आए हैं
राहुल गांधी ने कहा कि मैं जानता हूं कि अधिकारियों को अपना कर्तव्य निभाने के लिए कहा जा रहा है, लेकिन न्याय होना चाहिए। हम यहां आपसे लड़ने नहीं आए, हम आपसे प्यार करते हैं। हम यहां असम के सबसे भ्रष्ट सीएम हिमंता से लड़ने के लिए आए हैं। इससे पहले खानापारा में गुवाहाटी चौक पर भारी भीड़ जमा हो गई और ढोल-नगाड़ों के साथ राहुल गांधी का स्वागत किया गया। असम कांग्रेस के प्रभारी जितेंद्र सिंह ने कहा कि बैरिकेड्स तोड़कर हमने जीत हासिल की है। सोमवार को मेघालय में प्रवेश करने के बाद इस हिस्से में यात्रा अपने अंतिम चरण के लिए असम लौटी। ये यात्रा राज्य के सबसे बड़े शहर गुवाहाटी के बाहरी इलाके से होकर गुजरनी है। असम में यात्रा बृहस्पतिवार तक रहेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हम आपके नेता के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा रहे हैं
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने यूथ कांग्रेस के प्रेसिडेंड बीवी श्रीनिवास के एक ट्वीट के जवाब में लिखा कि ये असमिया संस्कृति का हिस्सा नहीं हैं। हम एक शांतिपूर्ण राज्य हैं। ऐसी ‘नक्सली रणनीति’ हमारी संस्कृति से पूरी तरह अलग है। मैंने असम के DGP निर्देश दिया है कि वह आपके नेता राहुल गांधी के खिलाफ भीड़ को उकसाने के लिए केस दर्ज करें। सबूत के तौर पर आपने फुटेज अपने हैंडल पर डाल ही दी है। आपके द्वारा मचाई गई अफरातफरी और दिशानिर्देशों के उल्लंघन के चलते अब गुवाहाटी में बड़े पैमाने पर ट्रैफिक जाम हो गया है।
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