Video: पुलिस टीम पर 11 राउंड फायर की कहानी पर उठे सवाल, देखें तांडव की तस्वीरें, पुलिस पर लूटपाट का आरोप
उत्तराखंड के उधमसिंह नगर जिले के बाजपुर क्षेत्र में मुंडिया मनी में पुलिस टीम पर परिवार की ओर से की गई 11 राउंड फायरिंग और जवाब में पुलिस की ओर से दो राउंड फायरिंग की कहानी पर सवाल उठने लगे हैं। इस मामले में अब नया मोड़ आ गया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों के परिवार से एक महिला ने पुलिस पर ही बुरी तरह मारपीट, घर में तोड़फोड़ और नकदी व जेवरात लूट कर ले जाने का आरोप लगाया। साथ ही पुलिस पर आरोप हैं कि उनके लाइसेंसी हथियारों से पुलिस ने ही फायर किए। इस मामले में पुलिस परिवार के आरोपों को मनगढ़ंत बता रही है। वहीं, कांग्रेस सहित अन्य लोगों ने मानवाधिकार आयोग से पूरे मामले की जांच की मांग कर दी है।
ये है पुलिस की कहानी
बताया जा रहा है कि उधमसिंह नगर जिले के बाजपुर ग्राम बरवाला निवासी संजीव पाठक पुत्र ओमप्रकाश पाठक बुधवार की रात नैनीताल-बाजपुर मुख्यमार्ग स्थित एक पैलेस में आयोजित विवाह समारोह में शिरकत करने गए थे। आरोप है कि शादी में ही मौजूद उनके रिश्तेदार विशाल शर्मा, तुषार शर्मा पुत्रगण अनिल शर्मा निवासी मुंडिया मनी ने किसी बात को लेकर चली आ रही पुरानी रंजिश के चलते गाली-गलौज शुरू कर दी।
इस दौरान विशाल ने संजीव के ऊपर पिस्टल भी तान दी। संजीव ने रात में ही घटना की लिखित शिकायत कोतवाली में दे दी गई। वहीं लिखित शिकायत सामने आने के बाद प्रशिक्षु आईपीएस सर्वेश पवार पुलिस टीम के साथ अगली सुबह करीब चार बजे आरोपितों के घर ग्राम मुडियामनी में दबिश देने पहुंच गए। पुलिस के सायरन बजाने व गेट खटखटाने के बावजूद भी कोई बाहर निकल कर नहीं निकला। आरोप है कि इसी बीच एकाएक घर के अंदर से गोलियों की आवाज आने लगी।
आईपीएस सर्वेश पंवार के अनुसार देखते ही देखते 11 राउंड फायर उनके व पुलिस टीम की तरफ ऊपर से होकर निकल गए। घटना की जानकारी से जनपदभर की पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। आसपास की चौकियों व थानों आदि की पुलिस फोर्स को भी बुला लिया गया। पुलिस ने दबिश देकर तीन लोगों को हिरासत में ले लिया है। मौके से दो से तीन असलाह, 2 कारें व एक ट्रैक्टर को भी कब्जे में ले लिया है।
सामने आई परिवार की महिला
पुलिस टीम पर हुई फायरिंग के प्रकरण में दूसरे पक्ष ने मीडिया के सामने आकर कई चौंकाने वाली कहानी बताई। उन्होंने पूरे घटनाक्रम को पुलिस का नाटकीयक्रम बताते हुए परिजनों को फंसाए जाने की बात कही गई है। वहीं, आज भी पुलिस अपनी कहानी पर अड़ी है और बयानों को अपने बचाओ में सही ठहरा रही है। इधर घटना वाली रात की चश्मदीद गवाह निधि शर्मा ने पूरे मामले में पुलिस को ही कटघरे में खड़ा किया है।
दावा किया परिवार के सदस्यों ने नहीं की फायरिंग
घटना की चश्मदीद गवाह निधि शर्मा ने मीडिया के समक्ष अपनी बात रखते हुए कहा कि उनके परिवार के किसी भी सदस्य द्वारा फायरिंग नहीं की। उल्टा पुलिस ने ही अत्याचार किया। आरोप लगाते हुए कहा कि जिस फायरिंग की बात कही जा रही है, पुलिस ने उनके लाइसेंसी हथियार कब्जे में लेकर स्वयं की है।
अमानवीय व्यवहार का लगाया आरोप
निधि शर्मा ने कहा कि मानवीय दृष्टिकोण को दरकिनार करते हुए उनके साथ पुलिस ने ऐसा अमानवीय कृत्य किया है, जो बयां नहीं किया जा सकता है। निधि ने कहा कि लगभग 15 पुलिस कर्मियों ने सभी परिजनों के साथ ही उनके बुजुर्ग ससुर बख्शीशराम पुत्र जगन्नाथ को भी नहीं छोड़ा। पुलिस की मारपीट में उनके एक टांग में फैक्चर आया है। इतना ही नहीं उनके साथ भी बिना महिला पुलिस के ही बेरहमी से मारपीट की गई है।
घर में तोड़फोड़ और लूटपाट का आरोप
यह आरोप भी लगाया है कि उनके घर से पुलिस 50-55 तौला सोने के जेबरात व 4 लाख रुपये की नकदी भी लूटी गई। घर में पुलिस ने ऐसा तांडव मचाया कि सारे सामान को तोड़ कर रख दिया। इतना ही नहीं गोलियों की आवाज सुनकर आए लोग जब मौके पर पहुंचे तो पुलिस ने उनके साथ भी अभद्र व्यवहार किया।
परिवार से अलग करके अन्य मकान में किया गया बंद
जब निधि शर्मा से ये पूछा गया कि उन्होंने घटना के दिन ही इस संबंध में जानकारी नहीं दी, तो उनका कहना था कि उन्हें परिवार से अलग करके अन्य मकान में बंद रखा गया। 26 नवंबर की देर रात छोड़ा गया। घर वापस आने पर पता चला कि जेबरात व नकदी गायब है। परिवारजनों व रिश्तेदारों की ओर से घायल निधि शर्मा का उपचार करवाया जा रहा है। उसे काशीपुर से रुद्रपुर के लिए रेफर कर दिया गया है।
कांग्रेस ने की निंदा
मुड़िया मनी पहुंचे कांग्रेस जिलाध्यक्ष जितेंद्र शर्मा ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि निधि शर्मा के साथ जो व्यवहार किया गया है, वह अत्यंत निंदनीय है। इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस संबंध में कांग्रेस मानवाधिकार आयोग के साथ ही अन्य समस्त जांच एजेंसियों व सरकार से मामले की जांच की गुहार लगाएंगी। आवश्यकता पड़ने पर कानून का सहारा भी लिया जाएगा। इस मौके पर प्रदेश के प्रथम राष्ट्रपति युवा पुरस्कार विजेता जगतार सिंह बाजवा, ब्लॉक प्रमुख पति राजकुमार, काशीपुर-दोराहा-रुद्रपुर प्राइवेट बस यूनियन अध्यक्ष दलीप चंद्र शर्मा, पूर्व प्रधान राजेंद्र सिंह, राजकिशोर आदि मौजूद थे।
घटना से दहशतजदा है पूरा परिवार
घटना के बाद से परिवार में शेष बचे परिजन हादसे की रात को याद कर आज भी सहम जाते हैं। बयोवृद्ध बुजुर्ग बख्शीश राम ने रोते हुए तस्बीर बयां कर कहा कि ऐसा जुल्म तो अंग्रेजों ने भी नहीं किया होगा। लोकतंत्र में बहू-बेटियों की रक्षा करने का जिन पर जिम्मा था, उन्होंने ही अत्याचार किया। उन्होंने पूरे मामले की सीबीआई जांच करवाने की मांग की है। दावा किया कि यदि उनका परिवार दोषी होगा तो स्वयं घटनाक्रम सामने आ जाएगा।
पुलिस पर झूठी कहानी गढ़कर परिवार को अपराधी बनाने का प्रयास
बाजपुर बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक जगतार सिंह बाजवा ने कहा कि पुलिस ने एक झूठी कहानी गढ़कर एक सामान्य परिवार को अपराधी बनाने का काम किया है। जिस परिवार के ऊपर पूर्व के इतिहास में कोई मुकदमा तक नहीं है, उसके साथ पुलिस द्वारा ऐसा अमानवीय कृत्य किया जाना समझ से परे है। हम हर स्तर पर जांच करवाने के लिए प्रयास करेंगे।
यदि कोई लिखित शिकायत मिलेगी तो होगी जांच
एएसपी राजेश भट्ट ने कहा कि शिकायत पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की है। घटनाक्रम के अनुसार फाइरिंग में प्रयोग किए गए हथियार आदि बरामद किए गए हैं। दो दिन बाद घटना को गलत ठहराना उचित नहीं है। फिर भी यदि किसी को कोई शिकायत है तो वह लिखित रूप में दे सकता है। उसकी निष्पक्षता से जांच करवाकर नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।