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August 10, 2025

बोल रही कठपुतलीः बेरोजगार हैं भाई, बढ़ रही महंगाई, भैंस नहीं आई और घर में हो गई लड़ाई, देखें- मजेदार कहानी

कठपुतली की कहानी में एक सच्चाई जुड़ी होती है। कठपुतलियां हमेशा से समाज में ज्वलंत मुद्दों को लेकर एक संदेश देने का काम करती आई हैं। कठपुतली देश की ज्वलंत समस्या को उजागर करती है। यहां हम आपको कठपुतली की कहानी दिखा रहे हैं। इसका नाम है-बेरोजगारी। इसमें कठपुतली सिर्फ बेरोज़गारी की समस्याओं को उजागर करने का प्रयास नहीं करती, बल्कि दूसरी महत्वपूर्ण बातों के बारे में बताती है। साथ ही इस बात को सिखाती है कि मुख्य विषय से बहकने व बेबजह की बहसों कुतर्को में उलझने के बनिस्पत मुख्य विषय पर टिके रहना चाहिए। हम आपको हर शनिवार को इसी तरह के कठपुतली का खेल लेकर आ रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस कहानी में दो कठपुतलियों में आपसी संवाद को इस कहानी में बखूबी दर्शाया गया है। कहानी कहती है कि एक पुरुष बेरोजगारी से तंग आ गया। उसके आगे कोई चारा नहीं था कि वह क्या करे। तभी उसे याद आता है कि सरकार की लोन देने की योजना है। वह भी लोन लेना चाहता है। उसकी पत्नी कहती है कि लोन का क्या करोगे। इस पर वह कहता है कि भैंस पालूंगा। पत्नी का तर्क रहता है कि भैंस पालोगे तो दूध के लिए बर्तन भी ले आना। मेरी मां के यहां भी दूध पहुंचा दिया करना। इसी बात पर दोनों का झगड़ा हो जाता है। पड़ोसी मौके पर आता है। दोनों को झगड़ते देखता है। वह भी कहता है कि तुम्हारी भैंस ने मेरे फूल खा लिए। बाद में पता चलता है कि भैंस तो आई ही नहीं, वो तो योजना बना रहे हैं। इसी तरह मजेदार बातों के साथ ही एक संदेश है कि फालतू की बातों में उलझकर अपना समय व्यर्थ ना करो। मूल विषयों से ध्यान ना भटकाओ। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)


रामलाल कर रहे हैं नए प्रयोग
देहरादून के ठाकुरपुर निवासी रामलाल भट्ट 12 साल की उम्र के कठपुतली पर प्रयोग रहे हैं। करीब 40 साल से वह कठपुतली खुद बनाते हैं और नचाते हैं। स्कूलों में प्रोग्राम देते हैं। गांव में, संस्थाओं के लिए, युवाओं के लिए प्रोग्राम देते हैं। उनका कहना है कि कठपुतली शिक्षा में भी सहायक है। कठपुतलियों की मदद से किसी विषय को आसानी पढ़ाया जा सकता है। गणित जैसे मुश्किल विषय को भी खेल खेल में आसानी से समझाया जा सकता है। रामलाल ने पर्यावरण बचाने के लिए भी कठपुतली के माध्यम से कई प्रयोग किए। सोशल मीडिया का जमाना आया तो यू ट्यूब के माध्यम से भी कठपुतली नचा रहे हैं। कठपुतली के शो में कठपुतली नचाने के साथ ही बेजान कठपुतलियों को आवाज देना भी अहम काम है। अलग अलग कठपुतलियों को अलग अलग आवाज देना कोई आसान काम नहीं है। इस काम में रामलाल के साथ की दूसरी कलाकार धनवीरा देवी बखूबी करती हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

कलाकार का परिचय
देहरादून के ठाकुरपुर निवासी रामलाल भट्ट करीब चालीस साल के कठपुतलियों को लेकर प्रयोग कर रहे हैं। वह स्कूलों में शिक्षाप्रद वर्कशॉप भी आयोजित करते हैं। उनके पपेट शो में चार तरह की कठपुतलियों का इस्तेमाल होता है। इनमें वह धागेवाली पपेट, रॉड पपेट, मोपेड पपेट और दस्ताना पपेट के जरिये अपना शो करते हैं। यदि किसी को स्कूलों या संस्थानों में पपेट शो या वर्कशाप करानी हो तो वे इन नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं। संपर्क सूत्र—9412318880, 7017507160

Bhanu Prakash

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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