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April 15, 2025

Video: बोल रही कठपुतली, राजनीतिक लोगों से रहे सावधान, नहीं तो हो जाओगे बर्बाद, देखें दो भाइयों के प्रेम में कैसे आई खटास

कठपुतली की कहानी में एक सच्चाई जुड़ी होती है। कठपुतलियां हमेशा से समाज में ज्वलंत मुद्दों को लेकर एक संदेश देने का काम करती आई हैं। कठपुतली देश की ज्वलंत समस्या को उजागर करती है। यहां हम आपको दो भाइयों की कहानी दिखा रहे हैं। जो राजनीति की चाल का शिकार हो जाते हैं और एक खुशहाल घर बर्बाद होने लगता है। हम आपके लिए हर सप्ताह एक इसी तरह की कहानी लेकर आ रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अब बोलेगी कठपुतली में अपने नये किरदारों के साथ कठपुतली हमें सावधान कर रहे हैं। कुछ अमानवीय प्रवृति के लोग प्रशासनिक ढांचे के साथ अपराधिक गठजोड़ बनाकर अपने स्वार्थों की पूर्ति के लिए आपसी दोस्ती और भाईचारा को नुकसान पहुंचा रहे हैं। ऐसे में एक संदेश दिया गया कि है कि यदि हम संगठित रहेंगे तो दूसरों का चालाकियों का आसानी से सामना करेंगे। यदि आपस में बंटे रहेंगे तो हम ही समाप्त हो जायेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

यहां मजेदार कहानी है। एक चंटराम नाम का व्यक्ति दो भाइयों में फूट डालता है। पहले वह एक भाई रतनलाल को भड़काता है कि तेरा भाई जमीन अपने नाम करने के लिए पटवारी के पास गया। उसे बताया कि आजकल कोई अच्छा नहीं है। ध्यान रखना, साथ ही किसी को मत बताना कि मैने उसे जमीन बेचने का प्रयास करते हुए देखा। इसके बाद चंटराम दूसरे भाई छोगाराम को भड़काने पहुंच गया। उसे बताया कि तेरा भाई बकरियों का सौदा कर रहा था। बकरियां बेचेगा और घर का सत्यानाश हो जाएगा। ऐसे में उससे अलग हो जाओ। इससे ही फायदा मिलेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अब दोनों भाई लड़ते हैं। वो एक दूसरे पर आरोप लगाते हैं। दोनों में मारपीट होने लगती है। अलग रहने की बात होने लगती है। इसके बाद दोनों में बंटवारा होता है। तय होता है कि फसल के ऊपर वाला हिस्सा एक का, दूसरे का नीचे वाला हिस्सा दूसरे भाई का रहेगा। बिस्तर भी बांट दिया। दिन में एक और रात को एक इस्तेमाल करेगा। पशु में आगे वाला हिस्सा एक भाई का और पीछे वाला दूसरे का। चंटराम ही बंटवारे का फैसला कराता है। अब पीछे के हिस्से वाला भाई दूध निकालता है तो दूसरा भाई आगे वाले हिस्से में भैंस को डंडा मारता है, ऐसे में भैंस दूध नहीं देती। बिस्तर भी गीला मिलता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)


इसी तरह से नीचे वाले हिस्से की फसल एक भाई काटने लगता है, जबकि ऊपरी हिस्से की फसल कच्ची रहती है। अब दोनों को आपस में लड़ने लगते हैं। फिर आखिरकार उन्हें पता चल गया कि वे चंटराम की राजनीति का शिकार हो गए। कहानी संदेश देती है कि हमें किसी दूसरों की बताई गई बातों पर एकदम से विश्वास नहीं करना चाहिए। सच को जानने का प्रयास करना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

रामलाल कर रहे हैं नए प्रयोग
देहरादून के ठाकुरपुर निवासी रामलाल भट्ट 12 साल की उम्र के कठपुतली पर प्रयोग रहे हैं। करीब 40 साल से वह कठपुतली खुद बनाते हैं और नचाते हैं। स्कूलों में प्रोग्राम देते हैं। गांव में, संस्थाओं के लिए, युवाओं के लिए प्रोग्राम देते हैं। उनका कहना है कि कठपुतली शिक्षा में भी सहायक है। कठपुतलियों की मदद से किसी विषय को आसानी पढ़ाया जा सकता है। गणित जैसे मुश्किल विषय को भी खेल खेल में आसानी से समझाया जा सकता है। रामलाल ने पर्यावरण बचाने के लिए भी कठपुतली के माध्यम से कई प्रयोग किए। सोशल मीडिया का जमाना आया तो यू ट्यूब के माध्यम से भी कठपुतली नचा रहे हैं। कठपुतली के शो में कठपुतली नचाने के साथ ही बेजान कठपुतलियों को आवाज देना भी अहम काम है। अलग अलग कठपुतलियों को अलग अलग आवाज देना कोई आसान काम नहीं है। इस काम में रामलाल के साथ की दूसरी कलाकार धनवीरा देवी बखूबी करती हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

कलाकार का परिचय
देहरादून के ठाकुरपुर निवासी रामलाल भट्ट करीब चालीस साल के कठपुतलियों को लेकर प्रयोग कर रहे हैं। वह स्कूलों में शिक्षाप्रद वर्कशॉप भी आयोजित करते हैं। उनके पपेट शो में चार तरह की कठपुतलियों का इस्तेमाल होता है। इनमें वह धागेवाली पपेट, रॉड पपेट, मोपेड पपेट और दस्ताना पपेट के जरिये अपना शो करते हैं। यदि किसी को स्कूलों या संस्थानों में पपेट शो या वर्कशाप करानी हो तो वे इन नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं। संपर्क सूत्र—9412318880, 7017507160

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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