झूठी घोषणाएं और तुष्टीकरण करने वाले केजरीवाल पर नहीं जनता का भरोसाः कौशिक
उत्तराखंड में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री मदन कौशिक ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के अध्यक्ष अरविन्द केजरीवाल ने हमेशा ही देश विरोधी तत्वों के सुर में सुर मिलाने और तुष्टीकरण की राजनीति की है।
उन्होंने कहा कि आज आध्यात्मिक तीर्थ की बात करने वाले केजरीवाल हमेशा राम मंदिर के विरोधियों के सुर में सुर मिलाते रहे हैं। अचानक उनका सनातन में आस्था और भक्ति में विश्वास का जाग्रित होना चुनावी महत्वाकांक्षा से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि सैन्य बहुल उतराखंड के लोग उनके सर्जिकलस्ट्राइक में सुबूत माँगने और देश द्रोहियो की पैरोकारी करने से भी व्यथित हैं। कोरोना काल में भी वह उत्तराखंड के कोटे के ऑक्सीजन सिलेंडर और जरुरी दवाओ के कोटे को भी कालाबाजारी के लिए डंप कर चुके हैं।अदालत को भी गुमराह कर चुके हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल के अस्पतालों को लेकर झूठे दावो की पोल कोरोना के समय खुल चुकी हैं। पराली को लेकर घोटाला भी सामने आ चुका है। उन्होंने कहा कि पहले केजरीवाल को दिल्ली की स्तिथी को व्यवस्थित करना चाहिए। क्योंकि दिल्ली बरसात में पानी का कटोरा बन जाता है और अब प्रदूषण के चलते वहां पर सांस लेना मुश्किल हो गया है। झूठी और झांसा देने की राजनीति अधिक समय तक नहीं चल सकती, क्योंकि केजरीवाल जनता का विश्वास खो चुके हैं। अस्तित्व की तलाश में वह अब लगातार घोषणाएं कर रहे हैं, जिनका कोई अर्थ नहीं है और न ही लोगो को उन पर विश्वास है।
गौरतलब है कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल आज रविवार 21 नवंबर को हरिद्वार जिले में पहुंचे। यहां उन्होंने ऑटो चालकों से संवाद किया। उन्हें दिल्ली की योजनाएं बताई और उत्तराखंड में आप की सरकार बनाने के लिए सहयोग मांगा। इसके बाद उन्होंने प्रेस वार्ता में घोषणा की कि उत्तराखंड में भी आप की सरकार बनने पर दिल्ली की तर्ज पर बुजुर्गों के लिए तीर्थ स्थानों की फ्री यात्रा की योजना चलाई जाएगी। इसमें रहने, खाने का खर्च भी सरकार वहन करेगी। इस यात्रा में अयोध्या में रामलला दर्शन को भी शामिल किया जाएगा। इसके बाद केजरीवाल ने हरिद्वार में रोड शो किया। इसमें भारी भीड़ को देखकर भाजपा और कांग्रेस की परेशानी बढ़ सकती है। हालांकि मदन कोशिक ने कोरोनाकाल को लेकर अस्पतालों की अव्यवस्था के जो आरोप लगाए, ऐसी अव्यवस्था उत्तराखंड में भी देखी गई। यहां भी लोग ऑक्सीजन सिलेंडर, वेंटीलेटर, आइसीयू के लिए तरसते रहे। ये भी नहीं भूलना चाहिए कि कोरोना की दूसरी लहर में उत्तराखंड में सात मई को सर्वाधिक 9642 नए कोरोना संक्रमित मिले थे। 15 मई को सर्वाधिक 197 मौत दर्ज की गई थी।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।