बंटवारे के दौरान जान गंवाने वालों की याद में गुरुद्वारा पटेलनगर में कार्यक्रम आयोजित, साम्प्रदायिक सद्भाव का संदेश
उन्होंने कहा कि 10 अगस्त 1947 से लेकर 16 अगस्त 1947 तक देश के बंटवारे को लेकर अंग्रेजो की दो राष्ट्र की नीति और सियासी लोगों की सांप्रदायिकता सोच के कारण सांझे पंजाब के जहां दो टुकड़े हुए, वहीं लाखों सिख हिंदुओं और मुसलमानों को सांप्रदायिकता की आग में झुलसना पड़ा। लाखों परिवारों को उजड़ना पड़ा। मजहब के जुनून में अंधी भीड़ और फिरका परस्त लोगों द्वारा ऐसा कोहराम मचाया गया कि हर तरफ खून की नदियां बह रही थी। ऐसे में 10 लाख के करीब पंजाबी इस बंटवारे में मारे गए। आज भी हमारे बुजुर्ग उस कत्लेआम के समय को याद कर सिहर उठते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि आज पूरा देश जहां आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। वहीं भारत पाक बटवारे में अपनी जान गवाने निर्दोष और बेकसूर लोगों को भी हमें याद करना चाहिए। आज पुराना समय गया लौट के नहीं आ सकता, परंतु विभाजन से हम सिर्फ़ यही सीख सकते है कि साम्प्रदायिक नफ़रत कितना बड़ी प्रलय ला सकती है। जो दंश हमारे आपके परिवार ने झेला वह किसी और को न झेलना पड़े। इसके लिए ज़रूरी है कि देश में साम्प्रदायिक सद्भाव, आपसी प्रेम और एकता बनी रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसके उपरान्त 1947 की दिवंगत आत्माओं की शांति व देश में आपसी प्रेम सौहार्द कायम रखने के लिए गुरद्वारा साहिब में अरदास की गई। इस अवसर पर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के महासचिव जगजीत सिंह, स्टेज सेक्रेटरी करतार सिंह, सदस्य जसविंदर सिंह व अमरजीत सिंह सहित गुरुद्वारा समिति के अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।