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December 13, 2024

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष ने सीएम के समक्ष रखी वेतन भुगतान की समस्या, मिला ये आश्वासन

उत्तराखंड में अधिकांश विभागों में अभी तक मार्च माह का वेतन तक नहीं मिल पाया है। वहीं, अप्रैल माह में लोगों के खर्च ज्यादा होते हैं। ऐसे में कर्मचारियों को परेशानी उठानी पड़ रही है। हालांकि, वित्तीय वर्ष का अंतिम माह होने के कारण मार्च माह का वेतन हर साल 10 या 11 अप्रैल तक देरी से मिलता है, लेकिन इस बार अभी तक कर्मचारी वेतन का इंतजार कर रहे हैं। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अरूण पांडे की आज सचिवालय में मुख्यमंत्री धामी से संक्षिप्त मुलाकात हुई। इस मौके पर सीएम ने पूछा कि क्या सबकुछ ठीक है। वहीं, जवाब में उन्होंने ने कर्मचारियों के मार्च माह का वेतन नहीं मिलने की समस्या से सीएम को अवगत कराया। इस पर मुख्यमंत्री ने तत्काल कार्रवाई का आश्वासन दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सीएम से मुलाकात के दौरान अरूण पांडे ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न विभागों में कार्मिकों को आतिथि तक माह मार्च 2023 का वेतन निर्गत नहीं किया गया है। इस माह में कार्मिकों के ऊपर अपने पाल्यों की शिक्षा सम्बन्धी विभिन्न व्यवस्थाओं यथा-बच्चों की एडमिशन फीस, नई ड्रेस व कापी किताबों आदि पर व्यय के साथ-साथ अन्य पारिवारिक व्ययों की अधिकता होती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पांडे ने बताया कि पूर्व में शासन के वित्त विभाग की ओर से कोषागार को जारी किये गये निर्देश के अनुसार बजट की प्रत्याशा में माह मार्च का वेतन निर्गत कर दिया जाता था। इसका समायोजन वित्तीय वर्ष के बजट से कर लिया जाता था। नई व्यवस्था के अन्तर्गत वित्त विभाग द्वारा शासन के समस्त प्रशासकीय विभागों (सचिव) को बजट आवंटन कर दिया जाता है। एवं तद्परान्त अपने अधीनस्थ विभागों को शासन के प्रशासकीय विभागों (सचिव) द्वारा बजट आवंटन किये जाने पर ही कार्मिकों का वेतन आहरित होना सम्भव हो पाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने बताया कि परिषद की ओर से इस सम्बन्ध में शासन स्तर पर सम्पर्क किये जाने पर अवगत कराया गया कि विभागों द्वारा गत वित्तीय वर्ष का लेखा-जोखा शासन स्तर पर समय पर प्रस्तुत न किये जाने के कारण विभागों को बजट आवंटन में देरी हो रही है। इससे कार्मिकों को वेतन नहीं मिल पा रहा है। इस सम्बन्ध में उन्होंने मुख्य सचिव से भी अनुरोध किया कि इस प्रकरण का संज्ञान लेते हुए प्रदेश के कार्मिकों को वेतन भुगतान में आने वाली इस प्रकार की अनावश्यक बाधाओं को दूर करने के लिए सम्बन्धित को निर्देशित करें। ताकि प्रदेश के कार्मिकों को माह मार्च का लम्बित वेतन भुगतान किया जा सके। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अरूण पांडे ने यह भी बताया कि प्रदेश की सरकार/शासन की ओर से वेतन विसंगतियों के निराकरण के लिए गठित वेतन समिति को वेतन विसंगतियों के निराकरण पर आख्या के साथ ही अन्य विभिन्न कार्य यथा-वित्तीय हस्तपुस्तिका में संशोधन पर सुझाव, कामन सेवा नियमावली बनाये जाने पर सुझाव एवं विभागीय ढाचों के पुनर्गठन पर सुझाव आदि कार्य सौपें गये थे। परिषद के संज्ञान में आया है कि वेतन समिति द्वारा वेतन विसंगतियों के निराकरण, वित्तीय हस्तपुस्तिका में संशोधन, कामन सेवा नियमावली बनाये जाने पर अपने सुझाव सरकार/शासन को सौप दिये गये हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि इन सुझावों पर कार्यवाही की जानी तो दूर इन्हें प्रदेश के कार्मिक संगठनों द्वारा लगातार मांग करने के वावजूद अभी तक सार्वजनिक भी नहीं किया गया है। इस प्रकार वेतन समिति द्वारा इन कार्यो को किये जाने हेतु परिश्रम एवं इस पर आने वाला व्यय व्यर्थ साबित हो रहा है। परिषद की मांग है कि वेतन समिति के सुझावों को सार्वजनिक किया जाय जिससे कि कार्मिकों को उनकी उपयोगिता ज्ञात हो सके।
पढ़ेंः उत्तराखंड में वेतन के लाले, स्वास्थ्य सहित कई विभागों में जारी नहीं हुई मार्च की सैलरी, कौन है जिम्मेदार, पढ़िए पूरी रिपोर्ट

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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