ललित मोहन गहतोड़ी का लोकगीत-गा लो जैसे मर्जी जितनी मर्जी
गा लो जैसे मर्जी जितनी मर्जी
एकदम सटीक बात है…
अपना TIME आएगा…
जब अपना TIME आएगा…२
तब सबको पता चल जाएगा…२
जब अपना TIME आएगा…
तब सबको पता चल जाएगा…
सब प्रियजन मिलने आएंगे…
दूर आंगन बीच धकियाएंगे…
तब आंचल आंसू पोछेगा…
जब अपना TIME आएगा…
तब सबको पता…
कोई पूछेगा कैसी अनहोनी…
कोई काल बली बतलाएगा…
सब मिलजुल सेज सजाएंगे…
गमगीन शहर हो जाएगा…
तब खूब जनाजा होएगा…
जब अपना TIME आएगा…
तब सबको पता…
सूखे पत्ते टूट बिखरते हैं…
जैसे मिट्टी में मिल जाते हैं…
यही हाल हमारा तन होगा…
शून्य विलीन यह मन होगा…
तब राम नाम जग गाएगा…
जब अपना TIME आएगा…
तब सबको पता…
कोई होगा दूर का रिश्तेदार…
कोई सगा संबंधी कोई यार…
तक दिन तेरह रोना रोयेंगे…
जाओ उसके बाद भुला देंगे…
तब पता कहां नया घर होगा…
जब अपना TIME आएगा…
तब सबको पता…
कवि का परिचय
ललित मोहन गहतोड़ी
शिक्षा :
हाईस्कूल, 1993
इंटरमीडिएट, 1996
स्नातक, 1999
डिप्लोमा इन स्टेनोग्राफी, 2000
निवासी-जगदंबा कालोनी, चांदमारी लोहाघाट
जिला चंपावत, उत्तराखंड।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।