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February 4, 2025

रसोई गैस में सब्सिडी खत्म करने की तैयारी और महंगाई के खिलाफ बिगुल फूंकेगी कांग्रेस, बजाएंगे घंटी और ड्रम

देश भर में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। वहीं, अंतरराष्ट्रीय बाजार में गैस के दाम कम होने के बावजूद भी भारत में इसकी कीमतों में इजाफा हो रहा है।

देश भर में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। वहीं, अंतरराष्ट्रीय बाजार में गैस के दाम कम होने के बावजूद भी भारत में इसकी कीमतों में इजाफा हो रहा है। ऐसे में दैनिक उपयोग में इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं के दामों में निरंतर बढ़ोत्तरी के आम व्यक्तियों का जीना मुहाल हो गया है। अब कांग्रेस ने पेट्रोल-डीजल, गैस जैसी आवश्यक वस्तुओं की लगातार बढ़ती महंगाई को लेकर सरकार के खिलाफ बिगुल फूंकने का फैसला किया है। कांग्रेस इस गुरुवार यानी कि 31 मार्च की सुबह 11 बजे ड्रम और घंटियां बजाकर आंदोलन छेड़ेगी। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने शनिवार को महंगाई मुक्त भारत अभियान का ऐलान किया।
सुरजेवाला ने कहा कि बीजेपी द्वारा पैदा की गई ये महंगाई केवल अमीरों को फायदा पहुंचाती है और बाकी सबको कुचल देती है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, एक तरफ कमाई कम कर रही है और दूसरी तरफ महंगाई का लगातार झटका दे रही है। देश की जनता को तिल तिल कर तड़पाने का काम सरकार कर रही है। इससे हर कोई परेशान है. सुरजेवाला ने बताया कि सोनिया गांधी के निर्देश पर महासचिव और प्रभारियों ने बैठक की है। इस बैठक में फैसला किया गया कि महंगाई मुक्त भारत अभियान तीन चरणों मे चलाया जाएगा।
पिछले आठ साल में लगातार बढ़ाई गई एक्साइज ड्यूटी
कांग्रेस प्रवक्ता ने बताया कि मई 2014 में पेट्रोल पर एक्साइज 9.20 रुपये डीजल पर 3.46 रुपये था। बीजेपी सरकार ने पिछले आठ सालों में डीजल पर 531 फीसद पेट्रोल पर 203 फीसद एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई है। मोदी सरकार ने 8 साल में 26 लाख करोड़ की लूट जनता की जेब से की है। ये आरोप नहीं, बल्कि सरकारी आंकड़ा है। दो साल कोरोना महामारी की बात करें तो 29 रुपये पेट्रोल और 27.58 रुपये डीजल पर बढ़ाए गए हैं।
सब्सिडी भी खत्म करने की तैयारी
प्रवक्ता ने कहा कि यूपीए में मनमोहन सरकार के दौरान वर्ष 2011-12 में पेट्रोल-डीजल पर सब्सिडी 1 लाख 42 हज़ार करोड़ रुपये थी। फिर उसे बढ़ाकर करीब डेढ़ लाख रुपये किया गया। इसके जरिये गरीबों को राहत दी गई। मोदी सरकार ने 2016 में सब्सिडी घटाकर 27 हज़ार करोड़ रुपये कर दी। जो अब महज 11000 करोड़ रुपये रह गई है। इसे भी जल्द ही खत्म किया जाने वाला है।
410 रुपये से एक हजार रुपये पहुंचा रसोई गैस सिलेंडर
उन्होंने कहा कि गैस सिलेंडर आठ साल पहले 410 रुपये का था, आज 1000 से 1200 रुपये इसकी कीमत है. 8 साल में 410 सिलिंडर पर 539.49 रुपये का इजाफा किया गया है। अंतराष्ट्रीय बाजार में गैस के दाम कम हुए हैं, जबकि हमारे यहां गैस की कीमत दोगुने से ज्यादा हो गई। सीएनजी 2014 में 35 रुपये में थी, जो अब बढ़कर 80 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है।
तीन चरणों में चलेगा अभियान
उन्होंने कहा कि अब महंगाई मुक्त भारत अभियान 31 मार्च को छेड़ा जाएगा। 11 बजे कांग्रेस के सब लोग जनता का आह्वान करेंगे। उस दिन अपना-अपना सिलेंडर डीजल की केनी घर के बाहर खड़ा करेंगे और घंटी और ड्रम बजाएंगे। दूसरा चरण 2 अप्रैल 4 अप्रैल के बीच होगा. इसमें धार्मिक और सामाजिक संगठनों को भी साथ लिया जाएगा। महंगाई मुक्त भारत धरना और मार्च जिला स्तर पर निकाला जाएगा। 7 अप्रैल को हर राज्य के कांग्रेस कार्यालय सभी यूनियन को साथ लेकर महंगाई मुक्त भारत मार्च और धरना निकालेंगे।
लगातार बढ़ रहे हैं पेट्रोल और डीजल के दाम
पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों के रूप में महंगाई की लगातार लोगों पर मार पड़ रही है। छह दिन में पांच बार पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ा दिए गए हैं। इससे पहले घरेलू रसोई गैस सिलेंडर के दामों में भी 50 रुपये इजाफा किया गया था। साथ ही सीएनजी और पीएनजी के दाम भी बढ़ा दिए गए थे। आज ररिवार 27 मार्च को देश में आज पेट्रोल की कीमत में 50 पैसे प्रति लीटर और डीजल में 55 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है। एक हफ्ते से भी कम वक्‍त में इनकी कीमतों में पौने चार रुपये प्रति लीटर की कुल वृद्धि हुई है। दिल्‍ली के फ्यूल टेलर्स के नोटिफिकेशन के अनुसार, दिल्ली में पेट्रोल की कीमत अब 98.61 रुपये प्रति लीटर के मुकाबले 99.11 रुपये प्रति लीटर होगी, जबकि डीजल की कीमत 89.87 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर 90.42 रुपये हो गई है। देश भर में दरों में वृद्धि की गई है और स्थानीय टैक्‍स के अनुसार अलग-अलग राज्‍यों में कीमतें अलग अलग हैं।
उत्तर प्रदेश और पंजाब समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से पहले चार नवंबर, 2021 से ही पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें स्थिर बनी हुई थीं। हालांकि, इस अवधि में कच्चे तेल की कीमत 30 डॉलर प्रति बैरल तक बढ़ गई थी‌। पांच राज्यओं में विधानसभा चुनाव के 10 मार्च को नतीजे आने के साथ ही पेट्रोल एवं डीजल के दाम में बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन पेट्रोलियम कंपनियों ने कुछ दिन और इंतजार किया। ऐसा कहा जा रहा है कि अब पेट्रोलियम विपणन कंपनियां अपने घाटे की भरपाई कर रही हैं। भारत अपनी तेल की जरूरत पूरी करने के लिए आयात पर 85 फीसदी निर्भर है।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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