उत्तराखंड में पीआरडी जवानों को तीन माह से नहीं मिला वेतन, कांग्रेस उपाध्यक्ष धस्माना ने दी आंदोलन की चेतावनी
उत्तराखंड में पीआरडी के माध्यम से पूरे कोविड काल से एसडीआरएफ में सेवाएं दे रहे 62 जवानों को पिछले तीन महीनों से वेतन नहीं मिला। युवा कल्याण अधिकारियों व सचिवालय के धक्के खाने के बाद वेतन पाने में असमर्थ पीआरडी जवान आज उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना से मिले और उन्हें अपनी पीड़ी सुनाई। साथ ही मदद की गुहार लगाई।
इन जवानों ने उन्हें बताया कि उनका वेतन मात्र दस हजार रुपये है। इसके बावजूद तीन महीने से एक पैसा नहीं मिला। घर से एसडीआरएफ जौलीग्रांट जाने और वापस आने में ही सौ डेढ़ सौ रुपये खर्च हो जाता है। शाम को घर लौट कर आते हैं तो कभी रसोई गैस का सिलेंडर खाली, कभी राशन समाप्त होने की समस्या रहती है। घर का खर्च चलना भी दूभर हो चुका है।
इस मौके पर धस्माना ने उनके सामने ही जिलाधिकारी देहरादून डॉ. आर राजेश कुमार, एसडीआरएफ कमांडेंट मणि कांत मिश्रा व अपर सचिव अभिनव कुमार से वार्ता की। जिलाधिकारी ने धस्माना को बताया कि उनकी ओर से सभी पीआरडी जवानों का वेतन भुगतान हो चुका है, लेकिन अगर ऐसे कुछ लोग हैं जिनका भुगतान नहीं हुआ तो उनको बताएं तो वे अवश्य कार्यवाही करेंगे।
इसके बाद धस्माना ने एसडीआरएफ के कमांडेंट मणि कांत मिश्र से बात की, तो उन्होंने बताया कि जिन 62 जवानों का भुगतान नहीं हुआ, उनकी सेवा वृद्धि का प्रस्ताव शासन स्तर पर स्वीकृति के लिए लंबित है। इस पर फिर धस्माना ने अपर सचिव युवा कल्याण अभिनव कुमार से बात की तो उन्होंने कहा कि वे ततकल इसका परीक्षण कर कार्यवाही करेंगे। इन जवानों का वेतन जारी हो, इसे वह सुनिश्चित करेंगे। धस्माना ने एसडीआरएफ कार्यालय से शासन को भेजा पत्र मंगवा कर अपर सचिव अभिनव कुमार को भेज कर तत्काल कार्यवाही की मांग की। धस्माना ने पीआरडी जवानों को आश्वस्त किया कि अगर एक सप्ताह के भीतर उनका भुगतान नहीं हुआ तो वे इस मुद्दे को लेकर राज्य सचिवालय पर धरना देंगे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।