महाभारत में भीम की भूमिका निभाने वाले प्रवीण कुमार सोबती का निधन, जूझ रहे थे आर्थिक तंगी से
बीआर चोपड़ा के फेमस पौराणिक सीरियल 'महाभारत' में 'भीम' की भूमिका निभाने वाले प्रवीण कुमार सोबती का निधन हो गया है। वह काफी समय से बीमार चल रहे थे।
खेल में भी कमाया नाम
अपनी कद काठी की वजह से प्रवीण कुमार सोबती लोगों के बीच काफी प्रसिद्ध थे। एक अभिनेता होने के अलावा, वह एक एथलीट भी थे। हैमर और डिस्क थ्रो में उन्होंने कई पदक जीते हैं। बीएसएफ में डिप्टी कमांडेंट रह चुके प्रवीण ने एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व भी किया है। हांगकांग में आयोजित एशियाई खेल में उन्होंने भारत के लिए स्वर्ण पदक जीता था। उन्होंने 1960 और 70 के दशक के दौरान एथलेटिक्स में जबरदस्त लोकप्रियता भी हासिल की थी।
ढेरों फिल्मों में कर चुके हैं काम
एशियन गेम्स और ओलंपिक्स में अपने प्रदर्शन की वजह से प्रवीण इतने लोकप्रिय हो गए कि बीआर चोपड़ा ने भीम के किरदार के लिए उनसे मिलने की इच्छा जता दी। अभिनय में पहले कभी किस्मत नहीं आजमाने वाले प्रवीण किरदार के बारे में जानने के बाद बीआर चोपड़ा से मिलने पहुंच गए। उन्होंने प्रवीण कुमार की कद-काठी देखते ही बोला, भीम मिल गया। यहां से प्रवीण के अभिनय करियर की शुरुआत हुई। उन्होंने 50 से ज्यादा पिल्मों में काम किया।
राजनीति में बनाया करियर
अभिनेता प्रवीण की आखिरी फिल्म साल 2013 में रिलीज हुई थी। फिल्म का नाम ‘महाभारत और बर्बर’ था। प्रवीण कुमार सोबती ने यहां भीम का किरदार निभाया था। इसके बाद अभिनय छोड़ प्रवीण कुमार सोबती ने राजनीति में प्रवेश किया। उन्होंने आम आदमी पार्टी के टिकट पर दिल्ली के वजीरपुर से चुनाव लड़ा, लेकिन जीत न सके। कुछ समय बाद उन्होंने आप पार्टी छोड़कर भाजपा जॉइन कर लिया।
कुछ समय पहले सरकार से मांगी थी मदद
कुछ समय पहले ही जीवन यापन करने के लिए प्रवीण कुमार ने पेंशन की गुहार लगाई थी। उन्होंने अपनी आर्थिक तंगी की जानकारी देते हुए सरकार से मदद भी मांगी थी। आपको बता दें कि पेंशन को लेकर प्रवीण कुमार पंजाब सरकार को लेकर कहा कि पंजाब जितनी भी सरकारें आईं, सभी से उनकी शिकायत है कि जितने भी एशियन गेम्स या मेडल जीतने वाले प्लेयर थे उन सभी को पेंशन दी गई, लेकिन उन्हें पेंशन नहीं दिया गया। वह ऐसे अकेले एथलीट थे, जिन्होंने कॉमनवेल्थ को रिप्रेजेंट किया। उन्होंने आगे कहा कि पेंशन के मामले में उनके साथ सौतेला व्यवहार किया गया है। अपनी इस शिकायत को लेकर प्रवीण कुमार सोबती काफी चर्चा में भी रहे थे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।