युवा कवयित्री अंजली चन्द की कविता-सुकून

सुकून
सुकून किसी की चाहत मे नहीं,
सुकून किसी के इबादत मे नहीं,
सुकून किसी को पा लेने का नाम नहीं,
सुकून मंजिल तक पहुंच जाने मे नहीं,
सुकून अकेले जीने मे नहीं,
सुकून भीड़ मे रहने मे नहीं,
सुकून शब्द बहुत कीमती और असंभव कल्पना है,
जो दर दर भटकने मे नहीं,
क्यूंकि
सुकून अंदर है बाहर नहीं,
जिसने हर हाल मे खुद को पा लिया,
जिसने हर हाल मे खुद को अपना लिया,
फिर वो सुकून से और सुकून उससे दूर नहीं,
कवयित्री का परिचय
नाम – अंजली चन्द
निवासी – बिरिया मझौला, खटीमा, जिला उधम सिंह नगर, उत्तराखंड।
लेखिका uksssc /ukpsc की तैयारी कर रही हैं।





