शिक्षिका हेमलता बहुगुणा की कविता-कीर्तन
जिसकी कीर्ति फैले सारे
जिसने यह दुनिया बनाई है
ध्यान लगा लो मन से भजलो
जिसकी कीर्ति दुनिया ने गाई है
कीर्तन करके मन से भज लो
उसकी महिमा का गुणगान
उस प्रभु को तुम याद कर लो
जिसकी महिमा इतनी महान।
चिड़िया जिसकी महिमा गाते
सूर्य की किरणें करें बखान
पशु पक्षी जहां निर्भय होकर
घूमते रहते बाग हैं बगान।
जिसने चांद तारे सजाएं
नदियां धारे करतीं गुणगान
आज उसका कीर्तन कर लें
जिसकी महिमा इतनी महान।
जिसकी कीर्ति हर प्राणी में
जिसने बनाया सुंदर जहान
जिसके कारण हवा रूक जाये
उसका कीर्तन बड़ा महान।
कीर्तन कीर्ति, कीर्तन-भजन है
कीर्तन उस ईंश्वर का गान
आज मन कीर्तन से कर लो
कीर्तन ही उस प्रभु का नाम।
कवयित्री का परिचय
नाम-हेमलता बहुगुणा
पूर्व प्रधानाध्यापिका राजकीय उच्चतर प्राथमिक विद्यालय सुरसिहधार टिहरी गढ़वाल, उत्तराखंड।