कविताः उठो जनता चलो जल्दी तुम्हें अब वोट देना है- डॉ. पुष्पा खण्डूरी

वोट डाल कर आना मताधिकार ना खोना॥
ये बाजी हाथ आई को,तुम यूँ ही नहीं खोना।
हमीं सरकार बनाते हमीं ये देश बचाते हैं॥
सबक उनको मिले जो नित हमें बुद्धु बनाते हैं॥ .
पांच वर्ष के बाद ही जो हमको
फिर शक्लें दिखाते हैं।
लूटते जो जनता का धन,उन्हें निर्धन बनाते हैं॥
जोड़ कर हाथों को झुककर ये वोट लेते हैं।
चुनकर आ गए तो फिर हमें आँखें दिखाते है॥
वोट डालकर आना ,मताधिकार मत खोना।
महंगा पड़ेगा वरना तुमको बाद में रोना॥
लौटकर बाजी ये तुम्हारे हाथ आई है॥
वोट डालकर आना मताधिकार मत खोना॥
अभी जो सोए रहे घर में पड़ेगा सालों फिर रोना॥
वोट उसको ही देना लगे जो बंदा सच्चा हो।
जाति कोई, हो धर्म पर ईमान पक्का हो॥
उठो जनता चलो जल्दी तुम्हें अब वोट देना है।
अच्छी सरकार बनानी है फिर चैन से सोना है।
बाजी तुम्हारे हाथ है अभी प्यारो ये मौका न खोना है॥
चुनो उनको ही तुम जो तुम्हारे काम आते हैं।
नहीं उनको जो बन के समझते हैं खुद को राजा।
प्रजा को आँख दिखाते , बस अपनी चलाते हैं॥
नहीं नोटों में बेचो वोट नाहीं नारों में तुम आओ।
ये मौका हाथ आया है, इसे यूँ ही ना गंवाओ॥
उठो जनता चलो जल्दी, तुम्हें अब वोट देना है।
अच्छी सरकार बनानी है, फिर चैन से सोना है॥
वोट डालकर आना, मताधिकार मत खोना॥
अभी बाजी तुम्हारे हाथ है प्यारो ये मौका आज ना खोना॥
कवयित्री का परिचय
डॉ. पुष्पा खण्डूरी
डी.लिट, एसोसिएट प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष हिन्दी विभाग
डीएवी (पीजी ) कालेज देहरादून, उत्तराखंड
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।