युवा कवि गोलेन्द्र पटेल की कविताएं
बाल कविता-पहली कक्षा
हम हर दिन पढ़ने जाते हैं
हम सब यह गाते हैं
कलम के आगे झुकता है भाला
सबसे प्यारी है हमारी पाठशाला
हम पहली कक्षा के विद्यार्थी हैं
हमें याद करनी है गिनती
हमें याद करनी है वर्णमाला
सबसे प्यारी है हमारी पाठशाला
बोलो बच्चों एक साथ
जय जवान जय किसान जय विज्ञान
हम पहली कक्षा के विद्यार्थी हैं
हमें याद करनी है राष्ट्रगान
हमें खोलना है दिमाग़ का ताला
सबसे प्यारी है हमारी पाठशाला
हम पहली कक्षा के विद्यार्थी हैं
हमें याद करनी हैं किताब की बातें
हमें बनानी है फूलों की माला
सबसे प्यारी है हमारी पाठशाला
बोलो बच्चों एक साथ
जय हिन्द जय भारत! (जारी, अगले पैरे में देखे दूसरी कविता)
हिंदी
जब कोई बच्चा रोता है
उसकी माँ
उसे मना लेती है ;
हिन्दी हमारी माँ है
उसकी वर्णमाला
‘अ’ से ‘अनपढ़’ को अंत में
‘ज्ञ’ से ‘ज्ञानी’ बना देती है। (अगले पैरे में देखें तीसरी कविता)
तीर्थायन
सीर गोवर्धन से साबरमती का तीर्थायन
करते हुए
हमने जाना—“गाँधी के राम कौन हैं?
उन्हें चरखा किस संत ने दिया?
उन्होंने बुद्ध को कितना जिया? (अगले पैरे में देखें चौथी कविता)
दूब
ओ ओस के आँसू!
विपरीत परिस्थिति में
मैं उगी
यों— चेहरे पर उनके लिए ऊब हूँ
मैं हरी दूब हूँ!!
कवि का परिचय
नाम-गोलेन्द्र पटेल
ग्राम-खजूरगाँव, पोस्ट-साहुपुरी, जिला-चंदौली, उत्तर प्रदेश।
मोबाइल-8429249326, ईमेल : corojivi@gmail.com
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।