युवा कवयित्री शिवानी एम आर जोशी की कविता-हां हूं मैं मॉडर्न खयालो की
हां हूं मैं मॉडर्न खयालो की पर जानती हूं मैं संस्कार भी,
हां हूं मैं खुले विचारों वाली पर जानती हूं मर्यादाए भी,
हां हूं मैं बहुत जिद्दी पर हूं पर है मुझ में बहुत समझदारी भी,
पहनती हूं मैं जींस पर पसंद है मुझे सलवार कमीज भी,
हां करती हूं मैं छोटू से प्यार पर जानती हूं मैं करना बड़ों का सम्मान भी,
हां हूं मैं अपने दोस्तों की बाबू,सोना पर पहले हूं मैंअपने मां पापा की बेटी भी,
हां मैं जानती बहुत आजादी मिली है मुझे, पर एहसास है मुझे उनके विश्वास का भी,
हां हां में बहुत गुस्से वाली पर जानती हूं रिश्तो अहमियत भी,
हां शौक है मुझे रेस्टोरेंट और मैकडॉनल्ड्स के
पर जानती हूं घर का खाना बनाना भी,
हां है शॉख और सपने मेरे बहुत ऊंचे और बड़े बड़े,
पर समझती हूं समय की नजाकत, परिस्थिति और हालात भी,
हां जाने अनजाने कर देती हूं नाराज मैं कई बार
पर जानती हूं मैं उन्हें वापस मनाना भी,
बहुत छूट दे रखी है मैंरे घर वालों ने मुझे
पर जानती हूं उनका विश्वास बनाए रखना भी,
लेखिका का परिचय
नाम-शिवानी एम आर जोशी
लेखिका अहमदाबाद गुजरात से है। वह पेशे से शिक्षिका हैं और विज्ञान की छात्रा हैं। वह कंपटीशन परीक्षा की तैयारी कर रही हैं। लॉकडाउन के दौरान लेखन में रुचि बढ़ी और धीरे-धीरे एंथोलॉजी और कम्प्यूटेशन में भाग लेना शुरू कर दिया। पिछले कई दिनों से उन्होंने कई कविताओं के साथ लेख लिखे हैं। वर्तमान में वह Priun प्रकाशनों में एक परियोजना प्रबंधक और सन शाइन प्रकाशनों मे सह संस्थापक के रूप में काम कर रही हैं। उन्होंने कई एंथोलॉजी मे अपनी कविता लिखी है। भविष्य में डॉक्टर बनना उनका सपना है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
बहुत सुन्दर सटीक रचना