Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

September 27, 2024

युवा कवयित्री किरन पुरोहित की कविता-मधुमास मे डूबे पहाड़

1 min read
युवा कवयित्री किरन पुरोहित की कविता-मधुमास मे डूबे पहाड़। कवयित्री हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय श्रीनगर मे बीए प्रथम वर्ष की छात्रा हैं।

मधुमास मे डूबे पहाड़

आई मेरे आंगन में बहार ,
मधुमास में डूबे हैं पहाड़ ।
ये जादू करता है वसंत ,
सिंगार सजाता है अनंत ।।

ऊंचे चांदी से मंडित शिखर,
हरियाली आई और निखर ।
जंगल में खिलते बुरांश ,
आज यहीं है महारास ।।1।।

सरसों के वे सुनहरे खेत,
नदी किनारे उड़ती रेत ।
सेरों में फूला क्वीराल ,
हरा है तोता चोच लाल ।।2।।

चट्टान तोड़कर खिली हुई,
नित नवीनता से मिली हुई ।
कोई गुमसुम फ्यूंलडिया ,
ये फागुन कितना बढिया ।।3।।

ना बहुत ठंड ना कुछ गरम ,
कांठों ने ओढी घास नरम ।
बैठी हूं इसी तिबार में ,
कहती हूं चलो पहाड़ में ।।4।।

कवयित्री का परिचय
नाम – किरन पुरोहित “हिमपुत्री”
पिता -दीपेंद्र पुरोहित
माता -दीपा पुरोहित
जन्म – 21 अप्रैल 2003
अध्ययनरत – हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय श्रीनगर मे बीए प्रथम वर्ष की छात्रा।
निवास-कर्णप्रयाग चमोली उत्तराखंड।

Website | + posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *