युवा कवयित्री किरन पुरोहित की कविता-तुम जैसे
तुम जैसे —
तुम जैसे – पुष्पों में सुगंध ।
तुम जैसे – कुंजों में बहार ।
तुम जैसे – वंशी का कोमल स्वर ।
तुम जैसे – सावन की फुहार ।।
तुम जैसे – नील कमल के फूल ।
तुम जैसे – स्वर के सप्त राग ।
तुम जैसे – मानो पूर्ण प्रेम ।
तुम जैसे – मानो जग का त्याग ।।
तुम जैसे – उदयांचल विशाल ।
तुम जैसे – मानो शरद चंद्र ।
तुम जैसे – विस्मृत मादकता ।
तुम जैसे – हिमधर सुमंद्र ।।
तुम जैसे – मेरी भावुकता ।
तुम जैसे – मेरा अश्रुपात ।
तुम जैसे – मुस्कान दिव्य ।
तुम जैसे – अनकही बात ।।
कवयित्री का परिचय
नाम – किरन पुरोहित “हिमपुत्री”
पिता -दीपेंद्र पुरोहित
माता -दीपा पुरोहित
जन्म – 21 अप्रैल 2003
अध्ययनरत – हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय श्रीनगर मे बीए प्रथम वर्ष की छात्रा।
निवास-कर्णप्रयाग चमोली उत्तराखंड।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।