शिक्षिका सोनिका रमोला नेगी की कविता-घर तो बनाना, पर चाहरदीवारी ना बनाना
चाहरदीवारी….
घर तो बनाना, पर चाहरदीवारी ना बनाना
मंजिलें बढ़ा लेना,पर ये बीमारी ना बनाना
खुले रहने देना, घर के आंगनों को..
बच्चों के खेलने में ये बाधा ना बनाना
दौड़ने देना उन्हें चारों ओर उनमुक्तता से
कि उन्हें अभी से सीमाओं का पाठ ना पढ़ाना
मत बांधना इन चाहरदीवारी के रिश्तों से
और अभी से अपना पराया ना उन्हें समझाना
बेखोफ रिश्ते निभाने देना उन्हें
काले नीले गेट से उस अबोध को ना डराना
किसी की रसोई में नाश्ता..कहीं खाना
अपने दिन कही तुम भूल ना जाना
उस दीवार के दोनों और
कुछ खून के रिश्ते दम तोड़ रहे है
उन रिश्तों को है अगर है मनाना
घर तो बनाना, पर चाहरदीवारी ना बनाना
कवयित्री का परिचय-
सोनिका रमोला नेगी
प्रवक्ता राजनीति विज्ञान
राजकीय बालिका इंटर कालेज दौलाघट अल्मोड़ा
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।