रुद्रप्रयाग के कवि कालिका प्रसाद सेमवाल की कविता-शुभ कल्याणी गौ माता
शुभ कल्याणी गौ माता
सदाचार का पाठ पढ़ायें,
सबको गौ पालन सिखलायें,
सब गौ माता की सेवा करके,
गौ माता का महात्म्य बताये,
अपना जीवन धन्य बनायें,
हम सब गौ ग्राम बनायें।
गौ माता की कृपा दृष्टि से ही,
सुखी हो जायेगें सब नर नारी,
गौ माता की अनुकम्पा से ही,
दूर हो जायेगी विपदाये सारी
सबको नव जीवन दिलवायें,
हम सब गौ ग्राम बनायें।
अर्चन , वन्दन, नित परिक्रमा,
गौ माता की हमको करनी है,
करके तेजो वलय हम बढ़ायें,
चरण धूलि का तिलक लगाकर,
सकल मनोरथ पूर्ण करायें,
हम सब गौ ग्राम बनायें।
घर -घर दूध, दही की नदी बहायें ,
वैभवशाली, धीर वीर बनके,
खुशियां चारों ओर लाये,
वैदिक शुभ सन्देश सुनाये,
नयी क्रान्ति देश में लायें,
हम सब गौ ग्राम बनायें।
गाँव गाँव में विचरण करके ,
पावन मंगल गीत सुनाये,
शुभ कल्याणी गौ माता की,
महिमा जन-जन तक पहुचाये,
राष्ट्र माता के पावन पद पर,
अपनी गौ माता को दिलवायें।
सबसे गौ मात सेवा करवाये,
भारत माँ को हराभरा बनायें,
देश की सुख समृद्धि के लिये,
हम सब गौ ग्राम बनायें,
सब में गौ भक्ति जगायें,
गौ माता को राष्ट्र माता बनायें,
कवि का परिचय
कालिका प्रसाद सेमवाल
अवकाश प्राप्त प्रवक्ता, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान रतूड़ा।
निवास- मानस सदन अपर बाजार रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
गौ माता राष्ट्र है, पर देश में दुर्दशा बहुत हो रही है