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September 11, 2025

बाल कवयित्री दीपिका की कविता-होली

बाल कवयित्री दीपिका की कविता-होली।


होली

होली आई होली आई,
संग खुशियों की टोली लाई।
प्यार मोहब्बत और खुशियाँ लेकर आई।

खुशियाँ है भरती झोली में
चेहरा रंगों मे रंग जाता है
हर वर्ष फाल्गुन मास मे जब
होली का त्यौहार आता है

जिसके पास नहीं कुछ भी है
उनको भी हम रंग दे
मित्र बना करके उन सबको
हम टोली का संग दे।

होली का गुलाल हो
रंगों की बहार हो।
गुजिया की मिठास हो।
यही बात खास हो।

कवयित्री का परिचय
कु. दीपिका
कक्षा -7
राजकीय पूर्व माध्यमिक, विद्यालय डोईवाला देहरादून, उत्तराखंड।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

1 thought on “बाल कवयित्री दीपिका की कविता-होली

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