शिक्षक श्याम लाल भारती की कविता- प्रभु आशीर्वाद बनाए रखना
प्रभु आशीर्वाद बनाए रखना
ए मालिक मेरे आज सबकी,
तुम जरूर हिफाजत करना।
जिंदगी हो चाहे किसी की भी,
उसे आज सलामत रखना।।
गुनाह शायद हुए होंगे हमसे,
तभी तेरा हमसे खफा रहना,
कर दे माफ हमारी नादानियों को
अपनी नेमत सदा बनाए रखना।।
मानता हूं हर शख्स गुनाह में शामिल,
तुम्हे उन्हीं का तो है पता करना।
मासूम बच्चों ने क्या बिगाड़ा किसी का,
काल का साया उनसे दूर ही रखना।।
बंद कर दे ये अपना तांडव,
हमको और दुःख अब नहीं सहना।
जानें जा चुकी जो वतन में,
आगोश में सदा उन्हें तुम रखना।।
आगे न हो कुछ ऐसा मंजर,
मालिक इतनी दया जरूर करना।
कर रहे जो वतन कि सेवा,
आशीर्वाद उन पर भी बनाए रखना।।
कर रहे पाप जो इस धरा में,
उन्हे कभी तुम ना माफ करना।
कारण उन्ही के संकट है जो आज
इस संकट से हमें जरूर बचाना।।
इस महकती धरा को है प्रभु,
अपनी दुआओं से सजाएं रखना।
जिंदगी किसी की भी हो चाहे,
मालिक तुम उसे बचाए रखना।।
बचाए रखना, बचाए रखना।।
कवि का परिचय
नाम- श्याम लाल भारती
राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय देवनगर चोपड़ा में अध्यापक हैं और गांव कोठगी रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड के निवासी हैं। श्यामलाल भारती जी की विशेषता ये है कि वे उत्तराखंड की महान विभूतियों पर कविता लिखते हैं। कविता के माध्यम से ही वे ऐसे लोगों की जीवनी लोगों को पढ़ा देते हैं।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
सुंदर रचना