शिक्षक राजेंद्र जोशी “उत्तराखंडी” की कविता- शुभागामन शरद ऋतु का
शुभागामन शरद ऋतु का
बहुत ठंडी हवाएं हैं बहुत ही सर्द है मौसम,
शायद कल रात बारिश ने वसुधा को भिगोया है।
है फैली दूर बहुत दूर तक कोहरे की ही चादर,
सूरज अब तलक घटाएं ओढ़ कर चुपचाप सोया है।
परिंदे दुबके हैं शायद बहुत ही कुंद है कलरव,
नीले आसमां पर एक बार फिर बादल का साया है।
धुआं उठ रहा चिमनियों से गांव के कच्चे मकानों की,
लग रहा किसी मां ने फिर चूल्हा लकड़ी का जलाया है।
दिन गर्मी के अब हैं कम, करवट ले रहा मौसम,
शरद ऋतु के शुभ आगमन का ये संदेश लाया है।
कवि का परिचय
आर पी जोशी “उत्तराखंडी”
अनुदेशक
राजकीय आईटीआई सोमेश्वर, हाल खूंट जनपद अल्मोड़ा
मूल निवासी – तल्ली मिरई, द्वाराहाट, जनपद अल्मोड़ा, उत्तराखंड।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।



