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August 6, 2025

पीएम नरेंद्र मोदी कल पहुंचेंगे बदरी केदार, सीएम बोले-मील का पत्थर साबित होगा पीएम का दौरा, आपदा प्रबंधन में प्रैक्टिकल पर जोर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल 21 अक्टूबर को उत्तराखंड के दौरे पर आएंगे। वह केदारनाथ धाम में कुछ समय व्यतीत करने के साथ ही बदीरनाथ धाम जाएंगे। इसके लिए शासन और प्रशासन स्तर पर पूरी तैयारी हो चुकी है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि केदारनाथ पुनर्निर्माण का कार्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हो रहा है, जिसके फलस्वरूप आज केदारनाथ का भव्य और दिव्य प्रांगण पूरे विश्व में अपनी अलग पहचान बनाया हुआ है। बदरीनाथ के मास्टर प्लान पर कार्य चल रहा है। प्रधानमंत्री का केदारनाथ एवं बदरीनाथ का यह दौरा उत्तराखंड के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। इन जगहों पर शुरू हो रही कनेक्टिविटी परियोजनायें धार्मिक महत्व के स्थानों तक पहुंच को आसान बनाने और बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। ये परियोजनाएं इस क्षेत्र में संपर्क और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देंगी। केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य एवं बद्रीनाथ मास्टर प्लान कार्य श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत रात-दिन कार्य प्रगति पर है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दिनांक 21 अक्टूबर 2022 को उत्तराखंड का दौरा करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सुबह करीब 08:30 बजे केदारनाथ मंदिर में दर्शन और पूजा करेंगे। इसके पश्चात् प्रधानमंत्री सुबह करीब नौ बजे केदारनाथ रोपवे परियोजना की आधारशिला रखेंगे। इसके बाद वह आदिगुरु शंकराचार्य के समाधि स्थल के दर्शन करेंगे। सुबह करीब 09:25 बजे प्रधानमंत्री मंदाकिनी आस्था पथ और सरस्वती आस्था पथ के साथ-साथ वहां चल रहे विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा करेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इसके बाद, प्रधानमंत्री बदरीनाथ पहुंचेंगे। जहां करीब 11:30 बजे वह बद्रीनाथ मंदिर में दर्शन और पूजा करेंगे। दोपहर 12 बजे वह रिवरफ्रंट के विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा करेंगे। दोपहर 12:30 बजे माणा गांव में सड़क और रोपवे परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे। इसके बाद दोपहर करीब 2 बजे वह अराइवल (आगमन) प्लाजा और झीलों के विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा करेंगे। इस दौरान राज्यपाल से.नि.ले.ज. गुरमीत सिंह एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी उपस्थित रहेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

केदारनाथ रोपवे लगभग 9.7 किलोमीटर लंबा होगा। यह गौरीकुंड को केदारनाथ से जोड़ेगा, जिससे दोनों स्थानों के बीच यात्रा का समय वर्तमान में 6-7 घंटे से कम होकर लगभग 30 मिनट का रह जाएगा। हेमकुंड रोपवे गोविंदघाट को हेमकुंड साहिब से जोड़ेगा। यह लगभग 12.4 किलोमीटर लंबा होगा और यात्रा समय को एक दिन से कम करके केवल 45 मिनट तक सीमित कर देगा। यह रोपवे घांघरिया को भी जोड़ेगा, जो फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान का प्रवेश द्वार है। यह परिवहन का एक पर्यावरण अनुकूल साधन होगा, जो आवागमन को सुरक्षा और स्थिरता प्रदान करेगा। इस अहम बुनियादी ढांचे का विकास धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगा, जिससे क्षेत्र में आर्थिक विकास को रफ्तार मिलेगी और साथ ही साथ रोजगार के कई अवसर पैदा होंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस यात्रा के दौरान करीब 1000 करोड़ रुपये की सड़क चौड़ीकरण परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया जाएगा। दो सड़क चौड़ीकरण परियोजनाएं – माणा से माणा पास (एनएच – 07) और जोशीमठ से मलारी (एनएच107बी) तक – हमारे सीमावर्ती क्षेत्रों में हर मौसम में सड़क संपर्क प्रदान करने की दिशा में एक और कदम साबित होंगी। कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के अलावा, ये परियोजनाएं रणनीतिक दृष्टि से भी फायदेमंद साबित होंगी। प्रधानमंत्री जी 3400 करोड़ रुपये से अधिक की कनेक्टिविटी परियोजनाओं की आधारशिला भी रखेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

आपदाओं को कम करने के लिए प्रैक्टिकल पर जोर
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आपदाओं के प्रभाव को कम करने के लिए पूर्व तैयारी ही आपदाओं से बचने का उपाय है। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य में डिजास्टर मैनेजमेंट पर होनी वाली तमाम कार्यशालाओं में आने वाले निष्कर्ष सिर्फ थ्योरी तक सीमित नही रहने चाहिए, बल्कि प्राकृतिक आपदाओं के समय उपयोगी सिद्ध होने चाहिए। कार्यशालाओं के यह निष्कर्ष मुख्यमंत्री कार्यालय को भी ससमय उपलब्ध कराए जाए। ताकि इन अनुभवों को समय पर उपयोग किया जा सके।  सीएम धामी ने कहा कि हमें डिजास्टर मैनेजमेंट में थ्योरी से अधिक प्रैक्टिकल को महत्व देना है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को मुख्यमंत्री आवास से राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन संस्थान तथा उत्तराखण्ड प्रशासनिक अकादमी, नैनीताल के साझे प्रयासों से ‘Reducing Risk: Capacity Building in the Mountain States’  पर आयोजित कार्यशाला में वर्चुअल माध्यम से प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड सहित हिमालयी राज्य आपदाओं की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है। जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न खतरों के बीच पर्वतीय राज्यों की आपदा से लड़ने की चुनौती और भी बढ़ी है। जलवायु परिवर्तन से ग्लेशियरों की पिघलने की गति तेज हुई है। पेयजल स्रोत व्यापक रूप से सूखने लगे हैं। भविष्य में होने वाले बड़े संघर्ष का कारण पेयजल भी हो सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि केदारनाथ आपदा और उसके बाद राज्य में आई कई अन्य आपदाओं से सीख लेते हुए उत्तराखंड राज्य का आपदा प्रबंधन विभाग अपने अनुभवों एवं सम्बन्धित संस्थाओं के सहयोग से एक ऐसी प्रणाली विकसित करने में सफल होगा जिससे कि हम आने वाले समय में अपने राज्य के साथ-साथ अन्य राज्यों की भी आपदाओं के दौरान मदद करने में सफल हो सकेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री ने कहा कि केदारनाथ आपदा के बाद राज्य सरकार द्वारा चिकित्सा सुविधाओं, सशक्त संचार व्यवस्था, आल वेदर रोड, हेलीपैड्स के निर्माण, शहरी नियोजन जैसे पुनर्निर्माण कार्यों पर विशेष ध्यान दिया गया, फिर भी राज्य के बहुमूल्य संसाधन व समय इस आपदा से उबरने में लगा। केदारनाथ आपदा के उपरान्त प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी कुशल नेतृत्व में पुनर्निर्माण कार्यों को युद्धस्तर पर सम्पादित किया गया, जिसके कारण ही बहुत कम समय में उत्तराखण्ड देवभूमि की पहचान बाबा केदार की स्थली का न केवल पुनर्निर्माण किया गया। साथ ही बाबा केदार के धाम को एक विहंगम एवं अलौकिक स्वरूप प्रदान किया जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान से अपेक्षा की कि वह स्थानीय क्षमता निर्माण में उत्तराखण्ड राज्य एवं आपदा की दृष्टि से संवेदनशील समस्त राज्यों को सहयोग प्रदान करे। संस्थान उत्तराखंड और अन्य पर्वतीय राज्यों को तकनीकी और अन्य प्रकार की सहायता प्रदान करके आपदा प्रबन्धन में उनकी क्षमता विकास में मदद कर सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उल्लेखनीय है कि आपदा प्रबन्धन हेतु क्षमता विकास के लिए वर्ष 1995 में कृषि मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा डॉ. आर. एस टोलिया उत्तराखण्ड प्रशासन अकादमी नैनीताल में आपदा प्रबन्धन प्रकोष्ठ स्थापित किया गया। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान द्वारा आपदाओं के न्यूनीकरण एवं क्षमता विकास हेतु साऊथ कैम्पस गुन्टूर आन्ध्र प्रदेश में स्थापित किया गया है और अब पर्वतीय राज्यों हेतु एक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस  अकादमी, नैनीताल में स्थापित करने एवं आपदा प्रबन्धन में क्षमता विकास किए जाने में पूर्ण सहयोग एवं सहायता देने हेतु अपनी सहमति दी गई है। इसके साथ ही अकादमी में आज लगभग 247 लाख रू0 की लागत से किए गए ऑडिटोरियम के उच्चीकरण कार्य का भी लोकार्पण किया गया जिससे भविष्य में अकादमी में प्रशिक्षण के लिए आने वाले प्रशिक्षु लाभान्वित होगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कार्यशाला में विधायक सरिता आर्या, पर्यावरणविद चंडी प्रसाद भट्ट, वरिष्ठ इतिहासकार शेखर पाठक, भगवती प्रसाद पांडे, कुमाऊँ विश्वविद्यालय के कुलपति एन के जोशी,  राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन संस्थान के अधिशासी निदेशक ताज हसन, प्रो सन्तोष कुमार,  कुमाऊं मंडल के आयुक्त दीपक रावत तथा  हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, जम्मू एवं कश्मीर, लद्दाख, असम, मिजोरम, त्रिपुरा, नागालैण्ड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली के विषय विशेषज्ञ उपस्थित थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष ने की सीएम से भेंट
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से गुरूवार को सचिवालय में उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष डा. राकेश कुमार ने शिष्टाचार भेंट की। मुख्यमंत्री धामी ने डा. राकेश कुमार को आयोग द्वारा कराई जाने वाले भर्ती परीक्षाओं की प्रक्रिया को त्वरित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री धामी ने प्रसन्नता व्यक्त की कि उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा कुशलता तथा पूर्णतः पारदर्शिता से भर्ती प्रक्रिआओं का संचालन किया जा रहा है। उन्होंने प्रदेश के युवाओं को आश्वासन दिया है कि भर्ती परीक्षाएं पूर्णतः पारदर्शिता व निष्पक्ष तरीके से संचालित की जाएगी। युवा लगन और परिश्रम से परीक्षाओं की तैयारी करें। आयोग के अध्यक्ष डा. राकेश कुमार ने जानकारी दी कि उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग आगामी परीक्षाओं के कैलेण्डर जारी कर चुका है तथा तद्नुसार सारी तैयारियाँ पूर्ण कर ली गई है। जल्द से जल्द परीक्षाएं आयोजित की जाएगी।  (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

फिल्म निर्माताओं के लिए शूटिंग डेस्टिनेशन के रूप में उभर रहा उत्तराखंड
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हम उत्साहित है कि दुनियाभर के फिल्म निर्माताओं के लिए उत्तराखण्ड पसंदीदा शूटिंग डेस्टिनेशन के रूप में उभर रहा है। फिल्म निर्माताओं के लिए अनुकूल माहौल के तैयार करने के कारण राज्य को हर साल राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों से सम्मानित किया जाना एक बड़ी उपलब्धि है। प्रत्येक वर्ष राज्य में 150 से अधिक फिल्मों की शूटिंग हो रही है। उत्तराखंड का नैसर्गिक सौन्दर्य,  फिल्म शूटिंग हेतु राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सब्सिडी, शूटिंग हेतु बेहतरीन इन्फ्रास्ट्रक्चर, इज ऑफ फिल्मिंग, उत्तराखंड फिल्म विकास परिषद द्वारा दी जारी सुविधाएं राज्य को फिल्म निर्माताओं की पहली पसन्द बना रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

गुरूवार को मुख्यमंत्री आवास में फिल्म निर्माता सत्यजीत मिश्रा की फिल्म ‘जान अभी बाकी है’ के मोशन पोस्टर के विमोचन के अवसर पर फिल्म की टीम को शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि फिल्म निर्माताओं से अनुरोध है कि वे अपनी  फिल्मों में उत्तराखंड के प्राकृतिक सौन्दर्य के साथ ही राज्य की अनूठी लोक संस्कृति व परम्पराओं के फिल्मांकन को भी प्राथमिकता दें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

फिल्म निर्माता उत्तराखंड में शूटिंग के दौरान अधिक से अधिक स्थानीय प्रतिभाओं, फिल्म टेक्नीश्यन व युवाओं को अवसर दें। उत्तराखंड में युवा प्रतिभाओं की कमी नही है। आशा है कि राज्य में फिल्म उद्योग के अधिक से अधिक विस्तार से स्थानीय प्रतिभाओं के लिए भी अवसर के नए द्वार खुलेंगे। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हम फिल्म नीति का और भी अधिक आकर्षक बनाने पर कार्य कर रहे हैं, ताकि राज्य में फिल्म निर्माण को प्रोत्साहित किया जा सके। राज्य में फिल्म शूटिंग निःशुल्क कर दी गई है। फिल्म पॉलिसी में 1.5 करोड़ रूपये की सब्सिडी की व्यवस्था कर दी गई है।  (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गौरतलब है कि आइजेएम प्रोडक्शन प्रा. लिमिटेड के बैनर तले बनी निर्देशक सत्यजीत मिश्रा की फिल्म ‘‘जान अभी बाकी है’’ की 95 प्रतिशत शूटिंग उत्तराखंड के भीमताल, नौकुचियाताल, काठगोदाम, पिथौरागढ़, मुनस्यारी, काशीपुर, बाजपुर में की गई है। फिल्म में काम कर रहे अभिनेता प्रांजल भी रूद्रपुर के निवासी है। फिल्म में अन्य कलाकार ब्रिजेन्द्र काला, स्वपनिल, राजेश जैस, रेशम टिपनिस है। फिल्म में लोकप्रिय संगीतकार अरजीत सिंह, जुबीन नौटियाल में संगीत दिया है। फिल्म में उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध झोड़ा चांचरी और हिलजात्रा का भी फिल्मांकन किया गया है। इस अवसर पर वन विकास निगम के अध्यक्ष कैलाश गहतोड़ी भी उपस्थित थे।

Bhanu Prakash

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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