मणिपुर हिंसा को लेकर अब संसद में बोलने को मजबूर होंगे पीएम मोदी, अविश्वास प्रस्ताव का करेंगे सामना
मणिपुर हिंसा को लेकर संसद में अब पीएम नरेंद्रम मोदी की चुप्पी टूटने वाली है। साथ ही विपक्ष को भी इस संबंध में विस्तार से अपनी बात रखने का मौका मिलेगा। संसद में गतिरोध के बीच कांग्रेस के गौरव गोगोई ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। इसे लोकसभा में मंजूर भी कर लिया गया। स्पीकर ने कहा है कि इस पर सबसे बात करके समय तय करेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दरअसल, मणिपुर को लेकर आज पांचवें दिन भी संसद में सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध बना हुआ है। विपक्ष नियम 267 के तहत चर्चा की मांग पर अड़ा हुआ है। आज राज्यसभा के सभापति ने विपक्ष के सभी नोटिस खारिज करते हुए कहा कि नियम 176 के तहत चर्चा का प्रस्ताव पहले ही वो मंज़ूर कर चुके हैं। विपक्ष के भारी हंगामे के चलते दोनों सदनों की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए रोकनी भी पड़ी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इससे पहले लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के दो नोटिस दिए गए थे। एक नोटिस कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने दिया, जबकि दूसरा नोटिस 9 सांसदों वाली BRS के नमा नागेश्वर राव ने दिया था। हालांकि इस नोटिस के लिए 50 सांसदों का समर्थन ज़रूरी है और BRS विपक्षी मोर्चे में भी शामिल नहीं है। कांग्रेस के प्रस्ताव पर 50 से ज्यादा सांसद ने समर्थन दिया तो इसे मंजूर कर लिया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस प्रस्ताव की प्रक्रिया
अविश्वास प्रस्ताव सिर्फ़ लोकसभा में लाया जा सकता है।
कोई भी सांसद सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दे सकता है।
अविश्वास प्रस्ताव के लिए कम से कम 50 सांसदों का समर्थन ज़रूरी।
अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस पर स्पीकर चर्चा के लिए दिन तय करते हैं।
स्पीकर को 10 दिन के अंदर दिन तय करना ज़रूरी।
सरकार को सदन पटल पर बहुमत साबित करना ज़रूरी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कब-कब आया अविश्वास प्रस्ताव
साल 1963 में नेहरू सरकार के खिलाफ पहला अविश्वास प्रस्ताव, तीन बार सरकार विश्वास मत हासिल नहीं कर पाई।
साल 1990 में वीपी सिंह की सरकार के खिलाफ।
साल1997 में एचडी देवेगौड़ा की सरकार के खिलाफ।
साल 1999 मेंअटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के खिलाफ।
साल 2018 में पीएम मोदी सरकार के खिलाफ TDP का अविश्वास प्रस्ताव, 126 के मुक़ाबले 325 वोटों से अविश्वास प्रस्ताव गिर गया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दोनों सदनों में हंगामा जारी
गौरतलब है कि मॉनसून सत्र की शुरुआत से ही मणिपुर हिंसा को लेकर संसद के दोनों सदनों में पक्ष और विपक्ष के बीच हंगामा जारी है। विपक्ष मणिपुर हिंसा पर जहां पीएम मोदी से बयान देने की मांग कर रहा है वहीं केंद्र सरकार इस मुद्दे पर बहस को तैयार है, लेकिन उनका कहना है कि इस मुद्दे पर पीएम मोदी नहीं गृहमंत्री अमित शाह सदन में बयान देंगे। जब पीएम मोदी के इस मुद्दे पर बोलने की उम्मीद कम नजर आई तो विपक्ष के गठबंधन इंडिया ने उन्हें बोलने के लिए मजबूर करने पर ही अविश्वास प्रस्ताव का निर्णय किया था।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।