तीन दिसंबर को पीएम मोदी करेंगे दून में रैली, इससे पहले देवस्थानम बोर्ड भंग करने की हो सकती है घोषणा
उत्तराखंड में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देहरादून में बड़ी जनसभा करेंगे। इसकी तैयारी में भाजपा जुटी हुई है। वहीं, माना जा रहा है कि पीएम के दौरे से पूर्व उत्तराखंड सरकार देवस्थानम बोर्ड को भंग करने का फैसला ले सकती है।

आगामी विधानसभा चुनावों में फिर से फतह हासिल करने के लिए भाजपा उत्तराखंड में कोई कसर नहीं छोड़ना चाह रही है। इसी के मद्देनजर भाजपा के बड़े नेता उत्तराखंड की ओर रुख कर रहे हैं। इसी माह में पांच नवंबर को पीएम मोदी केदारनाथ आए। वहीं, गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी उत्तराखंड दौरा कर चुके हैं। अब एक बार फिर से पीएम नरेंद्र मोदी के देहरादून में तीन दिसंबर को आने का कार्यक्रम है। वह पार्टी के लिए विधानसभा चुनाव रैली का आगाज करेंगे। हालांकि इसकी अधिकारिक सूचना नहीं आई है, लेकिन भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने मीडिाय में इस बात पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को देहरादून का कार्यक्रम लगभग तय है।
पीएम मोदी के कार्यक्रम के चलते अभी पार्टी स्तर पर इसकी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। अबकी बार वह विशुद्ध रूप से उत्तराखंड में पार्टी के लिए राजनीतिक माहौल बनाने के लिए आ रहे हैं। पार्टी में सबसे ज्यादा डिमांड भी उन्हीं की है। मोदी के प्रस्तावित कार्यक्रम से अब भाजपा पूरी तरह से चुनावी मोड पर आ चुकी है। सिटिंग विधायकों से लेकर दावेदार अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रिय हो गए हैं और बूथ से लेकर मंडल स्तर पर रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का तीन दिसंबर को उत्तराखंड दौरा प्रस्तावित है। ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार इससे पहले ही बोर्ड को लेकर कोई फैसला ले सकती है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड को लेकर पार्टी ने अपने पक्ष से सरकार को अवगत करा दिया है। इस संबंध में सरकार से विस्तृत बातचीत भी हुई है। उम्मीद है कि सरकार इस संबंध में जल्द निर्णय ले लेगी।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी का कुमाऊं मंडल में भी जल्द दौरा तय किया जाएगा। इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और अन्य वरिष्ठ नेताओं के कार्यक्रम भी तय किए जा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो पीएम मोदी के दौरे को लेकर भाजपा ने भी तैयारियों शुरू कर दी हैं।
देवस्थानम बोर्ड का तीर्थ पुरोहित कर रहे हैं विरोध
उत्तराखंड में देवस्थानम को बोर्ड भंग करने की मांग को लेकर चारधाम के तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारी महापंचायत की ओर से विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। दो दिन पूर्व तीर्थ पुरोहितों ने देहरादून में यमुना कालोनी स्थित कैबिनेट मंत्रियों के आवास के समक्ष धरना दिया। साथ ही तीर्थ पुरोहितों ने चेतावनी दी कि जल्द कोई निर्णय नहीं होता तो सिलसिलेवार आंदोलन किया जाएगा। आंदोलन के तहत अब 27 नवंबर को बोर्ड गठन के दो साल पूरे होने पर काला दिवस मनाते हुए सचिवालय कूच होगा। इससे बाद आंदोलन को तेज करते हुए एक दिसंबर से चारों धामों के पूजा स्थल के साथ ही देहरादून में क्रमिक अनशन किया जाएगा।
ये है मामला
बता दें कि वर्ष 2020 में सरकार ने देवस्थानम बोर्ड का गठन किया था। उस समय भी तीर्थ पुरोहित व हकहकूकधारियों ने सरकार के फैसले का कड़ा विरोध किया था। इसके बावजूद तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अपने फैसले से पीछे नहीं हटे। वहीं, गंगोत्री में पिछले साल भी निरंतर धरना होता रहा। केदारनाथ और बदरीनाध धाम में तो बोर्ड ने कार्यालय खोल दिए, लेकिन गंगोत्री में तीर्थ पुरोहितों के विरोध के चलते कार्यालय तक नहीं खोला जा सका। गंगोत्री में तो कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के दो बार पुतले भी जलाए गए।
उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन होने के बाद सत्ता संभालते ही पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने देवस्थानम बोर्ड के फैसले पर पुनर्विचार करने की बात कही थी। तीरथ सिंह रावत के बाद पुष्कर धामी सीएम बने और उन्होंने इस मामले में उच्चस्तरीय समिति गठित की। इसके अध्यक्ष भाजपा के वरिष्ठ नेता मनोहर कांत ध्यानी को बनाया गया। मनोहर कांत ध्यानी ने हाल ही में समिति की रिपोर्ट सीएम पुष्कर सिंह धामी को रिपोर्ट सौंपी है। इस रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया है। पांच नवंबर को पीएम नरेंद्र मोदी का केदारनाथ में दौरा है। ऐसे में यदि रिपोर्ट पर बवाल होता है तो दिक्कत हो सकती है। इससे ऐन पहले अब नौ सदस्यों को नामित कर चारों धामों से तीर्थ पुरोहितों को खुश करने का प्रयास किया गया है।
हाल ही में सरकार ने उत्तराखंड में उच्च स्तरीय समिति देवस्थानम विधेयक में उत्तराखंड शासन की ओर से उत्तराखंड के चारधामों से नौ तीर्थपुरोहितों, हक हकूकधारियों, विद्वतजनों और जाधकारों को नामित कर दिया गया है। इस संबंध में सचिव धर्मस्व एवं तीर्थाटन की ओर से शासनादेश जारी किया गया था। धर्मस्व सचिव हरिचंद्र सेमवाल की ओर से जारी शासनादेश में चारों धामों से नौ सदस्य नामित किए गए हैं।
इसके तहत श्री बदरीनाथ धाम से विजय कुमार ध्यानी, संजय शास्त्री एडवोकेट ( ऋषिकेश), रवीन्द्र पुजारी एडवोकेट (कर्णप्रयाग- चमोली), केदारनाथ से विनोद शुक्ला, लक्ष्मी नारायण जुगडान, गंगोत्री धाम से संजीव सेमवाल, रवीन्द्र सेमवाल, यमुनोत्री धाम से पुरुषोत्तम उनियाल, राजस्वरूप उनियाल नामित हुए है।
शासनादेश में कहा गया है कि उत्तराखंड चारधाम देवस्थानय प्रबंधन बोर्ड के समस्त पहलुओं पर विचार विमर्श करने के लिए सभी पक्षों से विचार-विमर्श करने के उपरांत संस्तुति के लिए पूर्व राज्य सभा सांसद मनोहर कांत ध्यानी की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति में उपरोक्त सदस्यों को नामित किया गया है।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।