पीएम मोदी ने यूएनजीए में पाकिस्तान पर साधा निशाना, बोले-निर्माता भारत आकर करें वैक्सीन का निर्माण, दिया चाय बेचने का उदाहरण
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में जहां पाकिस्तान पर निशाना साधा, वहीं कोरोना महामारी को लेकर भी भारत और विश्व के प्रयासों का जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि Regressive Thinking के साथ, जो देश आतंकवाद का पॉलिटिकल टूल के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें ये समझना होगा कि आतंकवाद, उनके लिए भी उतना ही बड़ा खतरा है। संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की ओर से कश्मीर मुद्दे को उठाने पर भारत द्वारा कड़ी प्रतिक्रिया दिए जाने के कुछ घंटों बाद ही पीएम मोदी ने यह बात कही।
यूएन को महासभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज विश्व के सामने Regressive Thinking और अतिवाद (Extremism) का खतरा बढ़ता जा रहा है। इन परिस्थितियों में, पूरे विश्व को (विज्ञान आधारित) Science-Based, तर्कसंगत (Rational) और प्रगतिशील सोच (Progressive Thinking) को विकास का आधार बनाना ही होगा।
पीएम मोदी ने कहा कि हमें इस बात के लिए भी सतर्क रहना होगा कि वहां की नाजुक स्थिति का कोई देश अपने स्वार्थ के लिए एक टूल के लिए इस्तेमाल करने की कोशिश न करे। इस समय अफगानिस्तान के लोगों को मदद की जरूरत है, इसमें हमें अपना दायित्व निभाना ही होगा। यूएन जनरल असेंबली में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान वर्चुअली संबोधन कर चुके थे। हमेशा की तरह उन्होंने कश्मीर का राग अलापा और खुद को आतंकवाद का सबसे बड़ा पीड़ित बताया। हमेशा की तरह भारत की ओर से पाकिस्तान को एक बार फिर मुंहतोड़ जवाब मिला।
भारत की पहली सचिव स्नेहा दुबे ने राइट टू रिप्लाई के तहत पाकिस्तान को करारा जवाब दे डाला। स्नेहा दुबे ने इमरान खान को फटकार लगाते हुए पाकिस्तान की पोल खोल डाली और कहा, कि ये पहला मौका नहीं जब पाक नेता ने यूएन के मंच का इस्तेमाल मेरे देश के खिलाफ झूठा और गलत प्रचार करने के लिए किया है। उन्होंने कहा, कि वह (पाकिस्तान) आतंकवाद का हिमायती है।
पीएम मोदी ने कहा कि मानवता के प्रति अपने दायित्व को समझते हुए भारत ने एक बार फिर दुनिया के जरूरतमंदों को वैक्सीन देनी शुरू कर दी है। मैं आज दुनियाभर के वैक्सीन निर्माताओं को आमंत्रित करता हूं- ‘Come, Make Vaccine in India. उन्होंने कहा कि भारत ने दुनिया का पहला डीएनए वैक्सीन विकसित किया है, जिसे 12 साल से ऊपर के सभी व्यक्ति को दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमारे समंदर भी हमारी साझा विरासत हैं। इसलिए हमें ये ध्यान रखना होगा कि Ocean Resources को हम use करें, abuse नहीं। हमारे समंदर अंतरराष्ट्रीय व्यापार की लाइफलाइन भी हैं।
उन्होंने कहा कि आज विश्व के सामने Regressive Thinking और Extremism का खतरा बढ़ता जा रहा है। इन परिस्थितियों में, पूरे विश्व को Science-Based, Rational और Progressive Thinking को विकास का आधार बनाना ही होगा। Regressive Thinking के साथ, जो देश आतंकवाद का political tool के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें ये समझना होगा कि आतंकवाद, उनके लिए भी उतना ही बड़ा खतरा है। ये सुनिश्चित किया जाना बहुत जरूरी है कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने और आतंकी हमलों के लिए ना हो।
पीएम मोदी ने कहा कि मैं एक ऐसे देश का प्रतिनिधित्व करता हूं, जिसे ‘लोकतंत्र की जननी’ के रूप में जाना जाता है. लोकतंत्र हजारों वर्षों से भारत की महान परंपरा रही है। भारत एक ऐसा देश है जहां दर्जनों भाषाएं, सैकड़ों बोलियां, विभिन्न जीवन शैलियां और व्यंजन हैं। यह एक जीवंत लोकतंत्र का सबसे अच्छा उदाहरण है कि हमारे लोकतंत्र की ताकत इस तथ्य से प्रदर्शित होती है कि एक छोटा लड़का जो कभी रेलवे स्टेशन पर चाय की दुकान पर अपने पिता की मदद करता था, आज भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर चौथी बार संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित कर रहा है।