नेताजी सुभाष चंद्र बोस को पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि, बोले-देश के लिए नेताजी के महत्वपूर्ण योगदान पर हर भारतीय को गर्व
देश में गणतंत्र दिवस समारोह के कार्यक्रम में एक बदलाव किया गया है। अब ये समारोह 23 जनवरी से शुरू हो रहा है। पहले इसकी शुरुआत 24 जनवरी से होती थी। अब मोदी सरकार ने यह निर्णय सुभाष चंद्र बोस की जयंती को गणतंत्र दिवस समारोह के जश्न में शामिल करने को लेकर लिया है। इससे पहले सरकार सुभाष चंद्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की गई थी।
प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया कि मैं नेताजी सुभाष चंद्र बोस को उनकी जयंती पर नमन करता हूं। हर भारतीय को हमारे देश के लिए उनके महत्वपूर्ण योगदान पर गर्व है। पीएम मोदी इंडिया गेट में बोस की होलोग्राम प्रतिमा का शाम को अनावरण करेंगे।
सभी देशवासियों को पराक्रम दिवस की ढेरों शुभकामनाएं।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर उन्हें मेरी आदरपूर्ण श्रद्धांजलि।
I bow to Netaji Subhas Chandra Bose on his Jayanti. Every Indian is proud of his monumental contribution to our nation. pic.twitter.com/Ska0u301Nv
— Narendra Modi (@narendramodi) January 23, 2022
नेताजी का योगदान
बता दें कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस का जन्म 23 जनवरी सन् 1897 को ओडिशा के कटक शहर में हुआ था। उनके पिता का नाम जानकीनाथ बोस और मां का नाम प्रभावती था। जानकीनाथ बोस कटक शहर के मशहूर वकील थे। पहले वे सरकारी वकील थे, मगर बाद में उन्होंने निजी प्रैक्टिस शुरू कर दी थी। बोस ने अच्छी शिक्षा प्राप्त की थी। इन्होंने कलकत्ता के स्कॉटिश चर्च कॉलेज से दर्शनशास्त्र में स्नातक की डिग्री हासिल की थी। साल 1919 में वे भारतीय प्रशासनिक सेवा की तैयारी के लिए इंग्लैंड पढ़ने गए थे।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस एक भारतीय राष्ट्रवादी थे। उनकी देशभक्ति कई भारतीयों के दिलों में छाप छोड़ गई है। उन्हें ‘आजाद हिंद फौज’ के संस्थापक के रूप में जाना जाता है। उनका प्रसिद्ध नारा है ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 18 अगस्त, 1944 को ताइवान के एक अस्पताल में एक विमान दुर्घटना में जलने के बाद मृत्यु हो गई थी। 2016 में प्रधानमंत्री मोदी ने सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी 100 गोपनीय फाइलों का डिजिटल संस्करण सार्वजनिक किया, ये दिल्ली स्थित राष्ट्रीय अभिलेखागार (National Archives of India) में मौजूद हैं।
सुभाष चंद्र बोस को असाधारण नेतृत्व कौशल और करिश्माई वक्ता के साथ सबसे प्रभावशाली स्वतंत्रता सेनानी माना जाता है। उनके प्रसिद्ध नारे हैं ‘तुम मुझे ख़ून दो, मैं तुम्हे आज़ादी दूंगा’, ‘जय हिंद’, और ‘दिल्ली चलो’। उन्होंने आजाद हिंद फौज का गठन किया था और भारत के स्वतंत्रता संग्राम में कई योगदान दिए। उन्हें अपने उग्रवादी दृष्टिकोण के लिए जाना जाता है, जिसका इस्तेमाल उन्होंने ब्रितानी हुकूमत से स्वतंत्रता हासिल करने के लिए किया था। वे अपनी समाजवादी नीतियों के लिए भी जाने जाते हैं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।