जमकर खेलो होली, आराम से छुड़ाओ रंग, जल संस्थान ने भी की है ये तैयारी
होली का त्योहार आज से शुरू हो गया है। आज शाम को देशभर में होलिका दहन होगा और उसके बाद रंगों का त्योहार होली शुरू हो जाएगा। हालांकि, रंग की होली कल आठ मार्च को खेली जाएगी। फिर भी सलाह दी जाती है कि बदलते मौसम में फ्लू का आंदेशा रहता है। ऐसे में ठंडे पानी से होली खेलने से बचें। खूब सूखे रंग उड़ाएं। एक दूसरे के गुलाल लगाएं, लेकिन ठंडे पानी को दूसरों पर डालने से परहेज करें। होली के बाद रंग छुड़ाने और नहाने की चिंता मत करें। क्योंकि आपके लिए उत्तराखंड जल संस्थान ने भी पूरी तरह से तैयारी कर ली है। ये तैयारी करीब एक सप्ताह से शुरू हो गई थी। इसका नतीजा आपको होली के दिन देखने को मिलेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दोपहर एक बजे से राजधानी में होगी अतिरिक्त आपूर्ति
होली के मौके पर उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में आठ मार्च की दोपहर एक बजे से अतिरिक्त जलापूर्ति की जाएगी। जल संस्थान के सहायक अभियंता (उत्तर) अभय भंडारी ने बताया कि होली के मद्देनजर जल संस्थान में पिछले एक सप्ताह से अतिरिक्त पानी का स्टोरेज शुरू कर दिया था। हर साल ऐसा किया जाता है। ताकि त्योहार मनाने के बाद किसी भी उपभोक्ता को कोई दिक्कत ना हो। प्रयास रहेगा कि इस दिन लोगों को पर्याप्त जलापूर्ति हो। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये हैं दून में जलापूर्ति के स्रोत
दून में वर्तमान में 279 ट्यूबवेल के साथ ही तीन नदी व झरने के स्रोत हैं, लेकिन ज्यादातर पेयजल आपूर्ति ट्यूबवेल से ही की जाती है। आमतौर पर दून में पेयजल की मांग 162.17 एमएलडी है, जबकि उपलब्धता 162 एमएलडी है। इस हिसाब से दूनवासियों को पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराया जा सकता है। ऐसा होता भी रहा है। वहीं, गर्मियों में नदी और झरने के स्रोत में पानी कम हो जाता है। वहीं, नलकूपों में भी जल स्तर नीचे गिर जाता है। साथ ही बिजली की आपूर्ति भी बार बार झटके देती है। ऐसे में नलकूप भी पर्याप्त रूप से संचालित नहीं हो पाते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ऐसे में गर्मियों में पानी की उपलब्धता कम होती जा रही है। ऐसे में लोकसाक्ष्य की ओर से सलाह दी जाती है कि पानी की बर्बादी ना करें। उतना ही पानी इस्तेमाल करें, जितने की जरूरत है। क्योंकि इस बार सर्दियों में पर्याप्त बारिश नहीं हुई। ऐसे में इस बार गर्मी में जल संकट पिछले सालों की अपेक्षा ज्यादा रहेगा।