पौधे भी होते हैं मांसाहारी, भोजन के लिए करते हैं कीड़ों का शिकार, पढ़िए रोचक जानकारी
आपने मांसाहारी जानवर के बारे में सुना होगा, लेकिन क्या आपने सोचा है कि पौधे भी मांसाहारी होते हैं। अमूमन हम तो जानते हैं कि पौधे अपनी जड़ से भोजन लेते हैं, फिर उन्हें मांसाहारी होने की आवश्यकता क्यों पड़ी। ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं कि कई पौधे मांसाहारी भी होते हैं, जो खुद को जीवित रखने के लिए शिकार करते हैं। इसी शिकार से वे अपना भोजन करते हैं। दुनिया में मांसाहारी पौधों की भी 300 से ज्यादा प्रजातियां मौजूद है। इसमें लगभग 30 प्रजातियां अकेले भारत में पाई जाती है। इन्हें मांसाहारी इसलिये भी कहते हैं, क्योंकि ये पौधे कीड़े-मकौड़ों के प्रोटीन और नाइट्रोजन के जरिये ही जिंदा रह पाते हैं। अपने भोजन के लिये ये कीटभक्षी पौधे सबसे पहले आसपास पनपने वाले कीट-पतंगो का आकर्षित करते हैं और उन्हें खा जाते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ऐसे स्थानों पर उगते हैं मांसाहारी पौधे
मांसाहारी पौधे उन स्थानों पर उग सकते हैं, जहां मिट्टी पतली है या पोषक तत्वों से भरपूर नहीं है। क्योंकि वे अपना कुछ भोजन कीड़ों से प्राप्त करते हैं। यह अम्लीय दलदलों और मिट्टी में कम नाइट्रोजन वाली चट्टानी चट्टानों के लिए सच है। 1875 में चार्ल्स डार्विन ने पौधों के बारे में पहली प्रसिद्ध पुस्तक लिखी जो अन्य जीवित चीजों को खाते हैं। अधिकांश लोग इन्हें प्रोटोकार्निवोरस पौधे कहते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मांसाहारी पौधों के बारे में
वह पौधा जो कीड़ों और कभी-कभी छोटे जानवरों को खाता है, मांसाहारी पौधा कहलाता है। अधिकांश पौधों को आवश्यक पोषण मिट्टी से मिलता है। पोषण, या विटामिन जो पौधों को बढ़ने के लिए चाहिए, आमतौर पर भोजन में पाए जाते हैं। उनकी जड़ें भोजन को जमीन से पौधे तक लाती हैं। भले ही मांसाहारी पौधों की जड़ें होती हैं, वे आम तौर पर उन जगहों पर रहते हैं, जहां मिट्टी सही नहीं होती है और उन्हें ज्यादा भोजन नहीं देती है। इस वजह से उन्हें आवश्यक पोषण प्राप्त करने के लिए कीड़े और अन्य छोटे जानवरों को पकड़ना और खाना पड़ता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कलश पादप, घटपर्णी, पिचर प्लांट आदि सब एक ही पौधे के नाम है। इस पौधे की खास बात यह होती है कि इसकी पत्ती एक घड़े के आकार में परिवर्तित हो जाती हैष। पत्ती का अंतिम सिरा उसके ढक्कन का आकार ले लेता है और जैसे ही कोई कीड़ा इसके ऊपर आकर बैठता है तो अंदर की तरफ फिसलता हुआ चला जाता है। अंदर एक चिपचिपा पदार्थ होता है जो कीड़े की सभी कोशिशों को नाकाम कर देता है और ऊपर वाला हिस्सा ढक्कन की तरह बंद हो जाता है। जब कीड़े के शरीर में से पूरा प्रोटीन चूस लिया जाता है, तब वह पत्ता फिर से खुल जाता है और उसके अंदर मरा हुआ कीड़ा साफ दिखाई देता है। इसी तरह के कुछ और पौधे जैसे- Sundew जो कि ओस की बूंदों की तरह चमकता है और जैसे ही इसके पास कोई कीड़ा आकर बैठता है यह भी उसे निगल जाता है। हम यहां ऐसे ही कुछ पौधों की प्रजातियों के शिकार करने के तरीके बता रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मक्खी जाली
मक्खी जाल कीटभक्षी पौधा अधिकतर तालाब या जलस्रोतों के किनारे पाया जाता है, जिसके मुंह पर गोलाई में लगी पत्तियां लगी होती है। बता दें कि मक्खीभक्षी पौधे के ऊपर छोटे-छोटे बाल भी होते हैं। इन पर चोट लगने पर एक चमकीला पदार्थ निकलता है, जो शहद की तरह दिखता है। ज्यादातर कीड़े-मकौड़ों इसी शहद जैसे पदार्थ की तरफ आकर्षित होते हैं। जैसे ही कीट-पतंगें पत्तों पर बैठती है, तुरंत इसके बाल चौकन्ने हो जाते हैं और पत्तों के जरिये पौधा कीटों को लपेटकर अंदर ले जाता है। यहां पौधा कीड़े के मांस और खून को चूसकर फेंक देते हैं और इसके पत्ते कीड़ों के रस को पचाने का काम करते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ब्लैडरवट
यह पौधा जड़ रहित और बारीक पत्तियों वाला होता है, जिसे तालाब या रुके हुये जल स्रोतों में तैरता देख सकते हैं। पानी में अधिक समय तक रहने के कारण इसकी पत्तियां ब्लैडर के आकार की हो जाती हैं। इस पौधों की पत्तियों के पास एक मुंह भी बना होता है, जो खुलता तो पानी के अंदर है, लेकिन पानी के ऊपर तैरते कीड़े को भी झट से लपेट लेता है। इसके मुंह पर बाल होते हैं, जो कीड़ों के संपर्क का संकेत देते हैं और संकेत मिलते ही पत्तियां कीट को लपेटकर पौधे के मुंह या थैली में डाल देती है। इस तरह कीड़ा कैद होकर मर जाता है और पौधा कीड़े के मांस और खून को सोखकर जिंदा रहता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सुंदरी का पिंजरा
जैसा कि नाम से ही साफ है कि यह अमेरिकी पौधा कीट-पतंगों को अपनी सुंदरता के आकर्षण में फंसा अपनी ओर खींचते हैं और देखते ही देखते कीड़े को झपटकर कैद कर लेते हैं। दरअसल इस पौधा भी पत्तियों के पास मौजूद बालों से संकेत लेता है और कीटों को जकड़कर उनका खून सोख लेता है। जब कीट-पतंगे मर जाती हैं, पौधा उनके मृत शरीर को बाहर उगल देता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
नेपेंथीस
अकसर स्कूल की किताबों और साइंस लैब में नेपेंथीस का चित्र लगा देखा ही होगा। इस पौधे का मुंह सुराही के आकार का होता है, जिस पर ढक्कन भी लगा होता है। दरसअल पौधे की सुराही से एक तरल पदार्थ निकलता है, जिससे आकर्षित होकर कीट-पतंगें खिंची चली आती है और ढक्कन पर बैठते ही सुराही का मुंह बंद हो जाता है। इस तरह कीड़ा सुराही के मुंह में फिसलकर मर जाता है। बता दें कि इस सुराही के अंदर कई बैक्टीरिया होते हैं, जो कीट-पतंगों का रस चूसरकर उसे गला देते हैं। इसी से पौधे को पोषण मिलता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मांसाहारी पौधों के बारे में तथ्य
-मांसाहारी पौधे कभी-कभी छोटे शैम्पेन के गिलास जैसे दिखते हैं।
-मांसाहारी पौधों के शीर्ष और आंतरिक भाग को मीठी-महक, फिसलन शहद के साथ लेपित किया जाता है।
-मांसाहारी पौधों में कीड़े पड़ जाते हैं। पौधे उन्हें वहीं विघटित कर देते हैं।
-कुछ मांसाहारी पौधे कृन्तकों या मेंढकों को खा सकते हैं।
-मांसाहारी पौधे आर्द्रभूमियों को पसंद करते हैं। वे पोषक तत्वों की कमी वाली, नम मिट्टी में रहते हैं।
-अमेरिका में सबसे अधिक मांसाहारी पौधे हैं। वीनस फ्लाईट्रैप केवल उत्तरी कैरोलिना में उगते हैं।
-मांसाहारी पौधे लोगों को आकर्षित करते हैं।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।