स्वामी विवेकानंद की स्मृति में काठगोदाम रेलवे स्टेशन पर रोपा रुद्राक्ष का पौधा, कोरोना से प्रति नजर आए लापरवाह
जिस कदर के कोरोना का संक्रमण फैल रहा है, उससे नहीं लग रहा है हम कोरोना के प्रति सचेत हो रहे हैं। सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक कार्यक्रमों में तो हम लापरवाह ही नजर आ रहे हैं। अब हल्द्वानी में स्वामी विवेकानंद जी की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में शामिल लोग भी मास्क के प्रति सचेत नजर नहीं आए।
बताया गया कि दिसंबर 1900 में उत्तराखंड के नैनीताल जिले में हल्द्वानी स्थित काठगोदाम रेलवे स्टेशन से मायावती आश्रम लोहाघाट के लिए स्वामी विवेकानंद ने पदयात्रा की थी। इसकी स्मृति में आज उत्तराखंड की युवा पीढ़ी को स्वामी विवेकानंद जी के विचारो से जोड़ने, स्वरोजगार और रिवर्स पलायन के लिए प्रोत्साहित करने का अभियान चलाया गया। इसके तहत आध्यात्मिक गुरु आचार्य विपिन जोशी जी केसानिध्य में काठगोदाम रेलवे स्टेशन पर रुद्राक्ष का पौधारोपण किया गया।
इस मौके पर आचार्य बिपिन जोशी ने कहा बाजारवाद और उपभोक्तावाद के इस युग में स्वामी विवेकानंद जी के विचार और भी प्रासंगिक हो गए हैं। उन्होंने पहाड़ के युवाओं से पहाड़ों में जेविक खेती, बागवानी, गौ पालन, जड़ी बूटी उत्पादन और लघु उद्योग आरंभ करने का आह्वान किया। उन्होंने बताया योग, आयुर्वेद और अध्यात्म के माध्यम से उत्तराखंड को वैलनेस का एक बड़ा हब बनाने के लिए वह प्रयासरत हैं।
उन्होंने कहा यदि हम सभी सामूहिक रूप से इस अभियान से जुड़ जाएं तो देवभूमि उत्तराखंड के युवाओं की तकदीर और तस्वीर दोनों ही बदल सकती है। यह अभियान स्वामी विवेकानंद जी के यात्रा पड़ावों, धारी, पहाड़पानी, मोरनौला, धुनाघाट, मायावती आश्रम लोहाघाट तक चलेगा। इस कार्यक्रम में स्थानीय संयोजक एवं समाजसेवी विकास किरोला, हाई कोर्ट उत्तराखंड के एडवोकेट राजेश नगरकोटी, एडवोकेट विशाल सिंह मेहता, समाजसेवी कमल किशोर शर्मा, विजय पाठक, योगाचार्य सुनील लोहनी विनोद नवानी आदि का विशेष सहयोग रहा।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।