बिजनेस के साथ पेंटिंग में आजमाए हाथ, लोग ले रहे हाथोंहाथ, जानिए सफल चित्रकार की कहानी
पेशे से सफल बिजनेसमैन फिर भी पहचान पाई कलाकार के रूप में। उनकी पेंटिंग में पकड़ इतनी मजबूत होने लगी कि अब लोग उनके घर आकर पेंटिंग भी खरीदकर ले जाने लगे। उनकी पेंटिंग में लोगों की भावनाएं उजागर होती हैं और वर्तमान परिस्थितियों के अनुरूप कलाकारी भी। इसीलिए तो उनकी मेरठ शहर में एक कलाकार के रूप में पहचान बनने लगी है।
हम यहां बात कर रहे मेरठ में मवाना रोड स्थित गंगा सागर निवासी रजनीश शर्मा की। रजनीश शर्मा वर्तमान में पेपर ट्रडिंग का व्यवसाय करते हैं। साथ ही वह शोकिया तौर पर पेंटिंग बनाते रहे। पेंटिंग और स्कैच पर उनकी जुनून इस कदर छाया कि अब लोगों में उनकी पेंटिंग भी पहचान बनाने लगी।
खास बात यह है कि रजनीश शर्मा ने पेंटिंग का कहीं भी प्रशिक्षण नहीं लिया। उन्हें पेंटिंग का शौक बचपन से ही था। स्कूल व कॉलेज के दौर में वह शौकिया पेंटिंग बनाते थे। इस शौक में उनका झुकाव बढ़ता चला गया और अब वह व्यवस्थित तरीके से वर्तमान में विषय की मांग के अनुरूप पेंटिंग बना रहे हैं। आइए हम आपको बताते हैं रजनीश शर्मा के संघर्ष की कहानी।
रजनीश शर्मा देहरादून के डाकपत्थर के मूल निवासी हैं। शिक्षा के बाद वह नौकरी के लिए मेरठ चले गए। वहां उन्होंने पेपर मिल में नौकरी की। यह बात करीब वर्ष 97 की है। फिर करीब दो साल पहले उन्होंने अपना ही व्यवसाय शुरू किया। जो चल भी गया। अब वह फुर्सत के क्षण निकालकर अपनी पेंटिंग की विधा को हर नए रूप में अंजाम देने में जुट जाते हैं। यही कारण है कि अब मीडिया से जुड़े लोग भी उनकी विधा को लोगों तक पहुंचा रहे हैं।
उनकी पत्नी शिवानी शर्मा गृहणी हैं। बड़ी बेटी खुशी बत्स भी पिता के पदचिह्न पर कुछ हद तक चल रही है। वह भी शौकिया ड्राइंग करती हैं। पढ़ाई में भी इसका जवाब नहीं। खुशी ने सीबीएसई दसवीं की परीक्षा में 97 फीसद व इस बार की बाहरवीं की परीक्षा में 97.2 फीसदअंक प्राप्त किए। वह वर्तमान में मेडिकल की तैयारी कर रही हैं। उनके बेटे आयुष वत्स ने भी दसवीं में 93 फीसद किए थे। वह वह बाहरवीं का छात्र है।
रजनीश शर्मा बताते हैं कि जब भी व्यवसाय के काम से फुर्सत मिलती है तो वह पेंसिल, ब्रुश वाटर कलर, आयल कलर, पोस्टर कलर, पेन आदि का प्रयोग कर जरूरत के हिसाब से पेंटिंग या स्कैच बनाते हैं। उनके घर की दीवारें भी पेंटिंग व परिवार के लोगों के साथ ही परिचितों के स्कैच से सजी हुई हैं। अभी तक वह दो सौ से ज्यादा पेटिंग बना चुके हैं। बहुत जल्द आनलाइन पेंटिंग की प्रदर्शन लगाने की वह तैयारी कर रहे हैं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।