कोरोना के मद्देनजर नैनीताल हाईकोर्ट में चुनाव स्थगित करने की याचिका दायर, चुनाव आयोग से मांगा जवाब
नैनीताल हाईकोर्ट में भी कोरोना की चिंता पहुंच गई है। उत्तराखंड में भी लोगों ने चुनाव स्थगित करने को लेकर नैनीताल हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। इसकी बुधवार को सुनवाई हुई। इसमें कोर्ट ने केंद्रीय चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई आगामी तीन जनवरी को तय की है।
कोरोना की तीसरी लहर की संभावना के बीच चुनाव प्रचार और रैलियों में जमा हो रही भीड़ आमजन की चिंता का सबब बनती जा रही है। वहीं, नेता रैलियों में मस्त हैं। ना ही वे कोरोना के नियमों का पालन कर रहे हैं और न ही रैलियों में लोगों को मास्क लगाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। चुनावी रैलियों को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट भी चिंता जता चुका है। हाईकोर्ट ने पीएम मोदी से रैलियों को टालने के साथ ही चुनाव आयोग से चुनावों को कुछ पीछे टालने का अनुरोध किया था। इसके बावजूद चुनाव आयोग अपना काम कर रहा है और चुनाव समय से कराने के लिए प्रयत्नशील है। अब नैनीताल हाईकोर्ट में भी कोरोना की चिंता पहुंच गई है। उत्तराखंड में भी लोगों ने चुनाव स्थगित करने को लेकर नैनीताल हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। इसकी बुधवार को सुनवाई हुई। इसमें कोर्ट ने केंद्रीय चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई आगामी तीन जनवरी को तय की है।2022 में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा व मणिपुर में चुनाव होने हैं। इन राज्यों में चुनावी रैलियों और जनसभाओं का दौर जारी है। उत्तराखंड में पीएम नरेंद्र मोदी भी कई दौरे कर चुके हैं। अब उनका फिर कल 30 दिसंबर को हल्द्वानी में दौरा है। यहां वे जनसभा को संबोधित करेंगे। ऐसे में नैनीताल के जिलाधिकारी धीराज सिंह ने कानून व्यवस्था एवं रूट डायवर्ट के मद्देनजर हल्द्वानी, रामनगर एवं कालाढूंगी परगना अंतर्गत यानी हल्द्वानी, लालकुआं, रामनगर और कालाढूंगी के अंतर्गत समस्त शैक्षणिक संस्थान निजी और राजकीय को बंद रखने जाने का आदेश दिया है।
चुनाव रोकने को लेकर दायर याचिका को लेकर बुधवार को नैनीताल हाईकोर्ट में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति एनएस धानिक की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई। अधिवक्ता शिव भट्ट ने हाई कोर्ट में सचिदानन्द डबराल व अन्य बनाम यूनियन ऑफ इंडिया संबंधित विचाराधीन जनहित याचिका में पारित आदेशों का जिक्र किया। साथ ही विभिन्न राजनीतिक दल कोविड नियमों के विपरीत की जा रही रैलियों की तस्वीरें संलग्न कर एक प्रार्थनापत्र पेश किया। कहा है कि इन रैलियों में कोरोना संक्रमण फैलने की पूरी आशंका है। रैलियों में कोविड के नियमो का उल्लंघन किया जा रहा है।
कोरोना के नए वैरिएंट का जिक्र करते हुए कहा है कि यह कोविड के किसी भी अन्य संस्करण की तुलना में 300 प्रतिशत से अधिक तेजी से फैल रहा है और इसलिए, लोगों के जीवन की रक्षा के लिए यह आवश्यक हो गया है कि चुनावी रैलियों जैसी बड़ी सभाओं से बचा जाए। याचिका में सभी राजनीतिक दलों को यह निर्देश देने की भी मांग की गई है कि वे अपनी रैलियां वर्चुअल रूप से ही करें, साथ ही अदालत से नए साल के जश्न के दौरान होने वाली पार्टियों पर प्रतिबंध लगाने की भी मांग की गई है। विधान सभा के चुनाव स्थगित किए जाएं, इस सम्बंध में चुनाव आयोग भारत सरकार को निर्देश दिए जाएं।





