संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने रखा जनभावनाओं का ध्यान, अब कांग्रेस भी प्रस्तुत करे शिष्टाचार के मापदंडः मनवीर सिंह चौहान

उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि भाजपा के कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने अपने वक्तव्य पर माफी मांगने के अलावा इस्तीफा देकर शिष्टाचार का आदर्श प्रस्तुत कर जन भावनाओं का सम्मान किया। अब सवाल कांग्रेस के सामने नैतिकता का है कि कांग्रेस के जिन विधायकों ने विधान सभा में गाली गलौज की, उन्होंने न तो खेद व्यक्त किया और न ही इस्तीफ़ा दिया। कांग्रेस के विधायक कब माफ़ी माँगेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
चौहान ने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने जनभावनाओं का ध्यान रखा। पहले खेद व्यक्त किया फिर माफ़ी भी माँगी और इस्तीफ़ा भी दिया। विधान सभा परिसर के अंदर असंसदीय भाषा का प्रयोग कांग्रेस के विधायको ने भी किया था। क्या कांग्रेस के नेताओं में इतनी नैतिकता बची है कि जो उनके विधायकों ने अनुचित एवं मर्यादा रहित शब्द बोले थे, उसे लेकर अपने विधायकों का स्पष्टीकरण ले। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
चौहान ने कहा कि मंत्री ने उनके भाषण के अंश को तोड़ मरोड़ने के बाद भी विनम्रता से खेद व्यक्त किया और माफी मांगी। जनता की अदालत मे अक्सर मुँह की खाने वाली कांग्रेस बेवजह के मुद्दों की तलाश में रहती है। कांग्रेस को नैतिकता के आधार पर उन विधायकों से भी शिष्टाचार और विभाजनकारी मंशा के खिलाफ स्पष्टीकरण तथा उनका इस्तीफा लेना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गौरतलब है कि विधानसभा सत्र के दौरान कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल पर पहाड़ के लोगों को गाली देने के आरोप लगे थे। इसे लेकर पूरे प्रदेश में आंदोलन हो रहे थे। साथ ही मंत्री के इस्तीफे या उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की जा रही थी। रविवार को प्रेमचंद अग्रवाल ने मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
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Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।