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September 20, 2024

ओवर कॉन्फिडेंसः मतदान से पहले ही बीजेपी प्रत्याशी को बनाया मंत्री, काम नहीं आया मोदी का दौरा, कांग्रेस ने हराया

1 min read

रूपिंदर सिंह कुन्नर

आजाद भारत के चुनावी इतिहास में संभवतः ऐसा पहली बार हुआ होगा कि मतदान से पहले ही एक प्रत्याशी को सरकार में मंत्री बना दिया गया। इसे ओवर कॉन्फिडेंस कहा जाए या फिर जीत के लिए नई तिगड़मबाजी, लेकिन नतीजा उलट ही साबित हुआ। मामला राजस्थान का है। जहां, श्रीगंगानगर जिले की करणपुर विधानसभा सीट उपचुनाव के लिए पांच जनवरी को मतदान हुआ था। मतदान के दिन पांच जनवरी से ही पीएम नरेंद्र मोदी का राजस्थान में तीन दिवसीय दौरा भी था। वहीं, बीजेपी प्रत्याशी सुरेंद्रपाल सिंह टीटी को पीएम मोदी के दौरे का भी लाभ नहीं मिला और ना ही उन्हें मतदान से पहले राज्य सरकार में मंत्री बनाने का ही लाभ मिला। जनता से उन्हें पूरी तरह से नकार दिया। सोमवार आठ जनवरी को हुई मतगणना में टीटी चुनाव हार गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

चुनाव परिणाम के बाद दिया इस्तीफा
राजस्थान की भजनलाल सरकार में राज्यमंत्री सुरेंद्र पाल सिंह टीटी की दस दिन बाद ही कुर्सी चली गई। श्रीकरणपुर विधानसभा चुनाव में हार के बाद सोमवार को अपने उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दिया है। बतौर उम्‍मीदवार चुनाव से पहले ही बीजेपी सरकार में टीटी को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी। राजभवन के एक बयान में कहा गया कि मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने मंत्री का इस्तीफा राज्यपाल कलराज मिश्र को भेज दिया और उन्होंने स्वीकार कर लिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

सुरेंद्र पाल सिंह टीटी

कांग्रेस प्रत्याशी ने 11 हजार वोटों के अंतर से हराया
करणपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार रूपिंदर सिंह कुन्नर ने मंत्री को 11 हजार 283 वोटों के अंतर से हराया। पांच जनवरी को मतदान हुआ था। आठ जनवरी को मतगणना हुई। श्रीगंगानगर जिले की करणपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी गुरमीत सिंह कुन्नर के निधन के कारण चुनाव रद्द हो गए थे। इसके बाद चुनावी नतीजे सामने आने के बाद करणपुर में चुनाव के लिए मतदान की तारीख पांच जनवरी तय की गई थी। इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार रूपिंदर सिंह को 94,950 वोट मिले। भाजपा के सुरेंद्रपाल सिंह टीटी को 83,667 वोट मिले। वहीं, आम आदमी प्रत्याशी पृथ्वीपाल सिंह संधु को 11,940 वोट हासिल हुए। पृथ्वीपाल सिंह संधु पिछली बार यानी 2018 में निर्दलीय लड़े थे तो वे दूसरे नंबर पर रहे थे और कुन्नर जीते थे। भाजपा उम्मीदवार के रूप में तब सुरेंद्रपाल सिंह टीटी तीसरे नंबर पर रहे थे। संधु मूलत: कांग्रेस के युवा चेहरों में रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

प्रत्याशी के कमजोर पड़ने पर बीजेपी ने चला था दांव
चुनाव प्रयार के दौरान ही बीजेपी प्रत्याशी कमजोर पड़ रहे थे। यही वजह थी कि इस उपचुनाव में मतदान से पहले ही बीजेपी ने अपने उम्मीदवार सुरेंद्रपाल सिंह टीटी को राज्य सरकार में पहले स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री की शपथ दिलवाई और फिर उन्हें विभाग भी सौंप दिए। बताया जा रहा है कि जब भाजपा के नेता श्रीकरणपुर में चुनावी प्रचार के लिए पहुँचे तो उन्हें शुरू में ही अहसास हो गया था कि उनके उम्मीदवार की स्थिति अच्छी नहीं है। इसीलिए उन्हें विधायक चुने जाने से पहले ही राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाया गया और विभाग भी आवंटित कर दिए गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

चुनाव आयोग को नहीं दिखी ऐसी चालें
जो चाल बीजेपी ने राजस्थान में खेली, वो चुनाव आयोग को नजर नहीं आई। चुनाव के दौरान प्रत्याशी को मंत्री बनाना क्या आचार संहिता का उल्लंघन है या नहीं, इस पर आयोग ने शायद ही सरकार से जवाब मांगा। हालांकि, उन्हें कई दिन इंतज़ार के बाद विभाग उस दिन दिए गए, जब मतदान हो चुका था। मुख्यमंत्री ने उन्हें कृषि विपणन विभाग, कृषि सिंचित क्षेत्र विकास एवं जल उपयोगिता, इंदिरा गांधी नहर विभाग और अल्पसंख्यक मामलात के साथ वक्फ विभाग सौंपे।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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