विपक्षी एकता की खुली पोल, मुर्मू के समर्थन में जमकर क्रॉस वोटिंग, दिल्ली और पंजाब की सूचना नहीं
असम कुल विधायकों की संख्या 126 है. जिसमें से 124 विधायकों ने इस चुनाव में मतदान किया और दो विधायकों ने किसी कारण मतदान नहीं किया। असम में बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के विधायकों की संख्या 79 हैं. लेकिन द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में 104 वोट पड़े यानी मुर्मू के पक्ष में 25 विधायकों ने क्रॉस वोट किया। वहीं, दूसरे नंबर पर मध्य प्रदेश है। वहां मुर्मू को 16 वोट अधिक मिले। बीजेपी के मध्य प्रदेश में 130 विधायक हैं और कांग्रेस के 96 हैं। वहां द्रौपदी मुर्मू को 146 और यशवंत सिन्हा को 79 विधायकों ने वोट दिया। यानी 16 विधायकों ने क्रॉस वोट किया। ऐसे में स्पष्ट है कि मध्यप्रदेश में द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में जबर्दस्त क्रॉस वोटिंग हुई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों को धन्यवाद दिया। एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को हर राज्य से वोट मिला, जबकि यशवंत सिन्हा को आंध्र प्रदेश, नागालैंड और सिक्किम से कोई वोट नहीं मिला। पश्चिम बंगाल में बीजेपी के 77 विधायक जीत कर आए थे। आठ टीएमसी में चले गए। बाकी बचे 69 विधायकों को बीजेपी ने चुनाव से पहले होटल में बंद कर वोट डालने की ट्रेनिंग दी। वहां द्रौपदी मुर्मू को 71 विधायकों ने समर्थन दिया। यानी दो वोट अतिरिक्त मिले। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
यशवंत सिन्हा को अपने गृह राज्य झारखंड में 81 में से केवल 9 विधायकों के वोट मिले। वहां बड़ी संख्या में कांग्रेस के विधायकों ने मुर्मू को वोट दिया। द्रौपदी मुर्मू को अपने गृह राज्य ओडीशा में 147 में से 137 विधायकों के वोट हासिल हुए। महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे को विश्वास मत में 164 विधायकों का समर्थन मिला था, जबकि द्रौपदी मुर्मू को वहां 181 विधायकों का वोट मिला। शिवसेना के दोनों गुटों ने उन्हें वोट दिया और कुछ विपक्षी दलों के विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उत्तराखंड में राष्ट्रपति चुनाव में उत्तराखंड से राजग प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को 51 विधायकों का समर्थन मिला, जबकि विपक्ष के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा के पक्ष में 15 विधायकों ने मतदान किया। उत्तराखंड विधानसभा के 70 में से 67 सदस्यों ने मतदान किया था, इनमें से एक विधायक का मत अवैध रहा। उत्तराखंड में सत्तारूढ़ भाजपा के 47 विधायक हैं, जबकि दो निर्दलीय और बसपा के दो विधायकों ने भी राजग प्रत्याशी के समर्थन की घोषणा की थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस तरह राजग प्रत्याशी को 51 विधायकों का समर्थन संभावित था। राजग प्रत्याशी को इतने ही विधायकों ने मत दिया, लेकिन भाजपा सरकार के एक मंत्री चंदन रामदास ने अस्वस्थता के कारण मतदान नहीं किया था। इससे यह संभावना बलवती हो गई है कि कांग्रेस के एक विधायक ने क्रास वोटिंग की। कांग्रेस के 19 विधायकों में से 17 ने ही मतदान किया था, दो अनुपस्थित रहे थे। इनमें तिलकराज बेहड़ और राजेंद्र भंडारी के नाम शामिल हैं। अगर यह माना जाए कि अवैध हुआ एक विधायक का वोट भी कांग्रेस का था, तो फिर भी कांग्रेस के एक विधायक ने क्रास वोटिंग की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
राज्यवार क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों की संख्या
असम – 25
मध्य प्रदेश – 16
महाराष्ट्र – 16
गुजरात – 10
झारखंड – 10
छत्तीसगढ़ – 6
बिहार – 6
मेघालय – 7
गोवा – 4
हिमाचल प्रदेश – 2
हरियाणा-1
अरुणाचल प्रदेश- 1
उत्तराखंड-1
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।