विपक्षी एकता का जतन, बीजेपी की टेंशन, नीतीश के बाद अब शरद पवार, क्या बीजेपी खेलेगी हिंदू मुस्लिम दांव, ट्रेलर शुरू
विभिन्न स्तरों से आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के लिए विपक्षी दलों की एकता के प्रयास शुरू हो चुके हैं। इस कड़ी में पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कांग्रेस नेताओं के साथ ही दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और फिर वाम दलों के नेताओं से मुलाकात की। अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार ने गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मुलाकात की। विपक्षी दलों की इन बैठकों से बीजेपी की टेंशन बढ़ने लगी है। ऐसे में सवाल उठता है कि बीजेपी विपक्षी एकता के जवाब में कौन का दांव खेलेगी। क्योंकि पिछले दिनों रामनवमी अन्य धार्मिक आयोजनों में हुए दंगों के दौरान हिंदू मुस्लिम के आधार पर लोगों को भड़काने के प्रयास किए गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आगरा में गोकशी में आया हिंदू महासभा का नाम
इंडिया टुडे द हिंदू समेत अनेकों न्यूज़ पोर्टल पर खबर प्रकाशित हुई कि दंगा भड़काने के लिए हिंदू महासभा वालों ने आगरा में खुद ही गाय को काटा। हिंदू महासभा आरएसएस का सहयोगी संगठन है। आरएसएस भाजपा का पितृ संगठन है। भाजपा सत्ताधारी दल है। मतलब सत्ता में बैठे लोग ही दंगा भड़का रहे हैं। वहीं, पहले तमिलनाडू में बिहारी लोगों की पिटाई के मामले में फेक वीडियो बनाने के मामले में भी बीजेपी से जुड़े लोगों के नाम सामने आए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बिहार में भी हिंसा भड़काने में आया बजरंग दल का नाम
इसी तरह हाल ही के बिहार में हुए दंगों को भड़काने में भी बीजेपी और उससे जुड़े संगठनों से जुड़े लोगों के ही नाम सामने आए हैं। पुलिस ने कहा कि रामनवमी के दौरान बिहार में हुई हिंसा सुनियोजित थी और मास्टरमाइंड नालंदा जिले का बजरंग दल संयोजक था। कुंदन कुमार और अन्य आरोपियों ने सोशल मीडिया और 456 सदस्यों वाले एक व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए साम्प्रदायिक दंगों की योजना बनाई और उसे अंजाम दिया। बिहार के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा कि वह रामनवमी से ठीक पहले बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुप के एडमिन थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कब तक चलेगा हिंदू मुस्लिम कार्ड
इसी तरह देश के अन्य इलाकों में भी ऐसी खबरें आप गूगल में सर्च कर सकते हो, जिसमें दंगों को लेकर बीजेपी की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं। हिंदू मुस्लिम का खेल तो उत्तराखंड में भी धार्मिक लैंड जिहाद के अंतर्गत अतिक्रमण को लेकर शुरू हो चुका है। हालांकि, सरकार का कहना है कि धार्मिक अतिक्रमण को हटाया जा रहा है, लेकिन इसके विपरीत विपक्ष का कहना है कि सिर्फ मजारों को ही निशाना बनाया जा रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि हिंदू मुस्लिम कार्ड कब तक चलेगा। क्योंकि अब धीरे धीरे लोग समझने लगे हैं कि ये देश के मुद्दे नहीं हैं। विपक्ष का कहना है कि देश में मुद्दे, गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई आदि हैं। इन सब सवालों से क्यों जनता का ध्यान हटाया जा रहा है। बस यही आपने समझ लिया तो आपके जीवन के सारे दुख दूर हो जाएंगे। क्योंकि यह गाय हिंदू धर्म देशभक्ति की बात करने वाले लोग आप को बेवकूफ बनाकर अपनी मुट्ठी में सत्ता कर लेते हैं। फिर अडाणी जैसे पूंजीपतियों को देश की सारी संपत्ति लुटा देते हैं। आप डरते रहें इसलिए यह खुद आपके लिए डर पैदा करते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
विपक्षी एकता के प्रयास जारी
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार की गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मुलाकात के दौरान लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर विपक्षी दलों में एकता के मुद्दे पर चर्चा हुई। सूत्रों के अनुसार बैठक में तय किया गया कि विपक्ष को एकजुट करने के लिए मुद्दों पर केंद्रित कॉमन एजेंडा तय किया जाएगा। नीतीश कुमार, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, के चंद्रशेखर राव, नवीन पटनायक, जगन रेड्डी और अरविंद केजरीवाल से बात की जाएगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पहले होगी व्यक्तिगत बात, फिर सबके साथ बैठक
तय किया गया कि पहले इन नेताओं से व्यक्तिगत रूप से बातचीत की जाएगी और फिर सबके साथ एक बैठक होगी. खास बात यह है कि बैठक में राहुल गांधी का नाम बैठक में कहीं अलग से नहीं होगा। इसके अलावा संयुक्त विपक्ष में पहली बार नवीन पटनायक और जगन रेड्डी को शामिल करने की बात हुई है। इन दोनों नेताओं से शरद पवार और नीतीश कुमार के जरिए संपर्क किया जाएगा। नीतीश कुमार तेलंगाना के मुख्यमंत्री से खुद बात करेंगे। मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ शरद पवार और नीतीश कुमार चाणक्य की भूमिका में रहेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एक मंच पर लाने कैा संकल्प
बताया जाता है कि शरद पवार, मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने चर्चा में विपक्ष के दलों को एक मंच पर लाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। पवार ने तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी जैसे दलों को साथ लेने पर भी जोर दिया। यह बैठक खड़गे के नई दिल्ली के आवास 10 राजाजी मार्ग में हुई। बैठक में कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल भी मौजूद थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एकता को लेकर जताई प्रतिबद्धता
इस बैठक के बाद खड़गे, शरद पवार और राहुल गांधी ने कहा कि विपक्षी दलों को एकजुट करने की जरूरत है और सभी लोग इसको लेकर प्रतिबद्ध हैं। खड़गे ने प्रेस से कहा कि कल नीतीश जी, तेजस्वी ने बात की थी। सभी लोकतंत्र, संविधान और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बचाने के लिए और महंगाई एवं युवाओं के लिए मिलकर काम करेंगे। उन्होंने कहा कि पवार साहब का कहना है कि सबसे मिलकर बात करेंगे और सब एक होने की कोशिश करेंगे। हम सब मिलकर काम करें, देशहित में काम करें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये तो है शुरूआत, काफी काम बाकी
बाद में कांग्रेस अध्यक्ष ने ट्वीट किया कि एक साथ और मजबूत हैं। हम जनता के बेहतर, उज्ज्वल और साझा भविष्य के लिए एकजुट हैं। राहुल गांधी जी और शरद पवार जी के साथ आगे के कदमों पर चर्चा हुई। शरद पवार ने कहा कि हमारी सोच भी वही है जो खड़गे जी ने कहा है। परंतु सिर्फ सोच से मदद नहीं मिलेगी। एक प्रक्रिया शुरू करने की जरूरत है। यह सिर्फ शुरुआत है। इसके बाद ममता बनर्जी (टीएमसी), अरविंद केजरीवाल (आप) और अन्य दलों के साथ बातचीत करनी है। ताकि इस प्रक्रिया में उन्हें शामिल किया जा सके। पवार ने कहा कि विपक्षी दलों को साथ लाने का प्रयास किया जाएगा। राहुल गांधी ने कहा कि यह प्रक्रिया आरंभ हुई है। हम सब पार्टियां इस प्रक्रिया को आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
नीतीश कुमार का अभियान भी जारी
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से भी विपक्षी एकता के प्रयासों के तहत विपक्षी नेताओं से संपर्क साधने का प्रयास जारी है। उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की। इसके अलावा कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से भी मुलाकात की। वह वामदलों के नेताओं से भी मिल चुके हैं। इन मुलाकातों के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि विपक्षी एकता के लिए हम लोग काम करेंगे। इसके साथ ही राहुल गांधी ने एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा है कि विचारधारा की इस लड़ाई में विपक्ष की एकता कि ओर आज एक ऐतिहासिक कदम लिया गया है। साथ खड़े हैं, साथ लड़ेंगे भारत के लिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
तेजस्वी यादव भी रहे साथ, सभी ने दिया एकता पर जोर
कांग्रेस नेताओं और केजरीवाल से मुलाकात के दौरान सीएम नीतीश के साथ बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी साथ रहे। राहुल गांधी ने कहा कि नीतीश जी की पहल बहुत अच्छी है। अपोजिशन को एक करने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। देश पर आक्रमण के खिलाफ लड़ेंगे। दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने नीतीश-तेजस्वी से मुलाकात के बाद कहा कि इस वक्त देश बहुत मुश्किल दौर से गुजर रहा है। आजादी के बाद की सबसे भ्रष्ट सरकार आज देश के अंदर है। इसलिए ये बहुत जरूरी है कि सभी विपक्षी पार्टी एक साथ आकर केंद्र के अंदर सरकार बदले और ऐसी सरकार आनी चाहिए जो देश को विकास दे सके। वहीं, गुरुवार को उन्होंने सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, सीपीआई महासचिव डी राजा से मुलाकात की। इस दौरान उनके साथ जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और बिहार सरकार के मंत्री विजय चौधरी भी मौजूद थे।

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।