विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा की बैठक में प्रस्तावित इलेक्ट्रिसिटी बिल 2022 का विरोध, कल होगा प्रदर्शन
बैठक में वक्ताओं ने कहा कि इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 में संशोधन करने के लिए इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2022 लाया जा रहा है। इसके पावर सेक्टर, बिजली उपभोक्ताओं और बिजली कर्मचारियों व इंजीनियरों पर दूरगामी विपरीत प्रभाव पड़ने वाले है। केंद्र सरकार ने विगत वर्ष संयुक्त किसान मोर्चा को लिखित पत्र के जरिये यह वायदा किया था कि इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल किसानों सहित सभी स्टेकहोल्डर्स से विचार विमर्श किए बिना संसद में प्रस्तुत नहीं किया जाएगा। अब यदि केंद्र सरकार ने इसे संसद में प्रस्तुत और पास कराने का एकतरफा निर्णय लिया है तो यह संयुक्त किसान मोर्चा को दिए गए लिखित वायदे का खुला उल्लंघन है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वक्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार ने नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रीसिटी इम्प्लॉइज एन्ड इंजीनियर्स तथा ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के बार-बार अनुरोध के बावजूद इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2022 के विषय में एक बार भी बिजली इंजीनियरों से या कर्मचारियों से कोई वार्ता नहीं की है। नेशनल कोऑर्डिनेशन कमिटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लॉइज एंड इंजीनियर्स के 2 अगस्त को दिल्ली में हुए नेशनल कन्वेंशन में लिए गए निर्णय के अनुसार हम आपको यह सूचित करना चाहते हैं कि इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2022 और पावर सेक्टर के निजीकरण की केंद्र सरकार की नीति के विरोध में। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
तय किया गया कि कल 8 अगस्त को सभी जनपदों व परियोजना मुख्यालयों पर तथा जल विद्युत उत्पादन केंद्रों पर बिजली कर्मचारी और इंजीनियर व्यापक विरोध प्रदर्शन करेंगे। इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2022 संसद में पारित कराने की किसी भी एक तरफा कोशिश के विरोध में जब भी यह बिल संसद में रखने की कोशिश होगी उसी समय तमाम बिजली कर्मचारी और इंजीनियर काम बंद कर देंगे। कार्यस्थल छोड़कर व्यापक विरोध प्रदर्शन करेंगे। इसकी सारी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बैठक में ईशारूल हक, केहर सिंह, बीरबल सिंह, जेसी पंत, राजवीर सिंह, विनोद कवि, कार्तिकेय दुबे, वाईएस तोमर, अमित रंजन, पंकज सैनी, विक्की दास, दीपक पाठक, राजेश तिवारी, सुनील मोघा, एनएम टोलिया, देवेन्द्र सिंह विष्ट, मोहम्मद अनीस, मनोज कांडपाल, एनएम बिष्ट शामिल हुए।
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।