विपक्ष ने पीएम मोदी के लिए रचा चक्रव्यूह, संसद में बोलने के लिए पीए को होना पड़ेगा मजबूर
मणिपुर मुद्दे पर संसद में गतिरोध जारी है। विपक्ष लगातर इस मुद्दे पर सरकार को घेर रहा है। साथ ही मांग की जा रही है कि इस मुद्दे पर चर्चा नियम 267 के तहत हो। पीएम मोदी दोनों सदनों में जवाब दें। हालांकि, पीएम मोदी ने मणिपुर हिंसा की निंदा तो की, लेकिन विपक्ष की मांग है कि उन्हें जो भी बोलना है, संसद में बोलें। इससे पीएम मोदी बचते नजर आ रहे हैं। विपक्ष की 267 की मांग को भी खारिज किया जा रहा है। सरकार 176 के तहत चर्चा की बात कर रही है। अब विपक्ष ने ऐसा चक्रव्यूह रच दिया कि उसमें फंसना पीएम मोदी का निश्चित है। ये चक्रव्यूह है अविश्वास प्रस्ताव। विपक्ष अब इसकी तैयारी कर रहा है। ताकि सदन में पीएम मोदी पहुंचकर बोलने के लिए बाध्य होंगे। साथ ही विपक्ष को भी लंबी चर्चा का मौका मिलेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मणिपुर में तीन मई से मैतई और कुकी समुदाय के बीच हिंसा हो रही है। इस हिंसा में 160 से ज्यादा लोग मारे गए। 50 हजार से ज्यादा लोग बेघर हो गए। हजारों घर जला दिए गए। लोग शिविरों में रहने को मजबूर हैं। दो महिलाओं को नग्र घुमाने का वीडियो 19 जुलाई को वायरल होता है। ये वीडियो चार मई का है। इसे सुप्रीम कोर्ट संज्ञान लेता है और केंद्र व राज्य सरकार को अब तक की गई कार्रवाई के लिए जवाब मांगता है। ऐसे में 20 जुलाई को पीएम मोदी सदन के बाहर चुप्पी तोड़ते हैं और घटना की निंदा करते हैं। साथ ही विपक्ष की अन्य राज्य सरकारों को भी ऐसी घटनाओं के लिए नसीहत दे देते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसके बाद बीजेपी नेता कांग्रेस की सरकारों वाले राज्यों में महिला हिंसा की वीडियो तलाश रहे हैं और वायरल कर रहे हैं। हालांकि, मणिपुर की घटना पुलिस की आंख के समाने हुई। इसमें बताया जा रहा है कि तीन महिलाओं को नग्न कर घुमाया गया। एक के पिता और एक के भाई की हत्या कर दी गई। इस मामले में 20 जुलाई को चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। वहीं अब तक सात आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इसमें ये बात भी गौर करने लायक है कि 18 मई को थाने में रिपोर्ट दी गई थी और 21 मई को मुकदमा दर्ज किया गया। इसके बावजूद जब वीडियो वायरल होता है और सुप्रीम कोर्ट संज्ञान लेता है, तब जाकर आरोपियों की गिरफ्तारी शुरू होती है। वहीं, बताया जा रहा है कि ऐसी कई घटनाएं मणिपुर में हो चुकी हैं। इनमें दो युवतियों से रेप के बाद उनकी हत्या कर दी गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पीएम ने किया विपक्ष पर हमला
वहीं, सदन से बाहर पीएम मोदी विपक्ष पर हमला कर रहे हैं, लेकिन मणिपुर हिंसा पर नहीं बोल रहे हैं। ना ही वहां की जनता से शांति की अपील कर रहे हैं। ना ही वह एक बार भी मणिपुर गए। पीएम नरेंद्र मोदी ने विपक्षी गठबंधन के इंडिया नाम पर जोरदार हमला बोला। हालांकि, केंद्र की कई योजनाओं में भी इंडिया शब्द का प्रयोग किया गया है। जैसे खेलो इंडिया, डिजिटल इंडिया आदि। वहीं, विपक्षी गठबंधन के शार्ट फार्म नाम इंडिया से पीएम मोदी की परेशानी साफ झलक रही है। उन्होंने इस नाम पर जोरदार हमला होला। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
संसद के मानसून सत्र में मणिपुर पर संग्राम जारी है। गतिरोध दूर करने के लिए आगे की रणनीति बनाने में सरकार जुटी है। इसी को लेकर आज बीजेपी संसदीय दल की बैठक हुई। इस बैठक में पीएम मोदी भी मौजूद थे। उन्होंने विपक्ष पर हमला बोला और कहा कि ऐसा दिशाहीन विपक्ष आज तक नहीं देखा। कहा कि केवल इंडिया नाम लेने से कुछ नहीं होता। ईस्ट इंडिया कंपनी ने भी इंडिया लगाया था। इंडियन मुजाहिदीन के नाम में भी इंडिया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
विपक्ष 267 के तहत चाहता है चर्चा
मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्ष ने राज्यसभा में हंगामा किया तो आप सांसद संजय सिंह को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया। पूरी रात भर संसद परिसर में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के सांसदों ने धरना दिया। मामले में विपक्ष सदन में 267 के तहत चर्चा की मागं कर रहा है। इसमें पेच चर्चा के नियम को लेकर है। विपक्ष चाहता है कि चर्चा नियम 267 के तहत हो, जिसमें लंबी चर्चा के बाद वोटिंग का प्रावधान है। वहीं, सरकार 176 के तहत चर्चा को तैयार है। सरकार को डर है कि यदि 267 के तहत वोटिंग कराई गई तो राज्यसभा में बीजेपी की कमजोर हालत का पता सबको चल जाएगा। ऐसे में सरकार अल्पकालिक चर्चा को तैयार है, जिनमें वोटिंग का भी प्रावधान नहीं होता। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
लोसभा में अविश्वास प्रस्वाव की तैयारी
मणिपुर मुद्दे पर संसद में जारी गतिरोध के बीच विपक्षी गठबंधन इंडिया की ओर से मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी की जा रही है। यह प्रस्ताव लोकसभा में लाया जाएगा। बता दें, संसद का मानसून सत्र जारी है, लेकिन अब तक एक भी दिन काम नहीं हुआ है। कारण है विपक्ष का हंगामा। तमाम विपक्षी दल मांग कर रहे हैं कि मणिपुर हिंसा मामले में संसद में चर्चा होना चाहिए। राज्यसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पीएम मोदी सदन में आकर मणिपुर में बोलने को तैयार नहीं है। बात मणिपुर की हो रही है और वह ईस्ट इंडिया कंपनी की बात कर रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसलिए विपक्ष लाएगा अविश्वास प्रस्ताव
इस बीच चर्चा ये है कि विपक्षी दल मोदी सरकार के खिलाफ लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव ला सकता है। आज विपक्षी दलों की बैठक में मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यालय में हुई बैठक में इस पर चर्चा हुई। इसके पीछे की मंशा ये हो सकती है कि इस पर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के नेताओं को बोलने का मौका मिलता है। हालांकि, विपक्ष भी जानता है कि इस प्रस्ताव पर वोटिंग में वे कमजोर पड़ेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बीजेपी का आया ये बयान
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि विपक्ष इससे पहले भी 2019 चुनाव से पहले अविश्वास प्रस्ताव लाया था और उस पर लंबी चर्चा हुई थी और उसका परिणाम बाद में देखने को मिला। हमें यानी एनडीए को 2014 से भी अधिक सफलता मिली और हम 300 से अधिक सीट लेकर फिर से सरकार में आए। इस बार भी विपक्ष अगर अविश्वास प्रस्ताव लाता है तो हमारी सीट 2019 से भी अधिक आएगी। उनके प्रस्ताव से हमें कोई दिक्कत नहीं है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
विपक्ष पहले भी ला चुका है अविश्वास प्रस्ताव
मोदी सरकार के खिलाफ पिछली बार अविश्वास प्रस्ताव जुलाई 2018 में लाया गया था। 11 घंटे चली बहस के बाद वोटिंग हुई थी और मोदी सरकार ने आसानी से अपना बहुमत साबित कर दिया था। तब भी सरकार पर विपक्ष का आरोप था कि बड़े मुद्दों पर पीएम मोदी खामोश हैं। वोटिंग के दौरान बीजद ने वॉकआउट किया था, जिससे विपक्षी एकता की हवा निकल गई थी। अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में सिर्फ 126 वोट पड़े थे, जबकि इसके खिलाफ 325 सांसदों ने वोट किया था। तब बहस में राहुल गांधी ने भी हिस्सा लिया था। राहुल गांधी का पीएम मोदी के साथ झप्पी वाला किस्सा इसी दौरान हुआ था। पीएम मोदी के संबोधन के बाद वोटिंग हुई थी।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।