आम बजट को लेकर किए गए सर्वे में आई राय, आयकर छूट की सीमा हो सकती है पांच लाख रुपये
आम बजट को लेकर जहां गृहणी की निगाह अपनी रसोई की वस्तुओं के दामों में रहती है, वहीं कर्मचारी तबके की निगाह आयकर छूट पर रहती है। चाहे वे सरकारी हों या फिर निजी कंपनी के कर्मचारी। हर बजट में कर्मचारियो की निगाह आयकर छूट पर रहती है।
आम बजट को लेकर जहां गृहणी की निगाह अपनी रसोई की वस्तुओं के दामों में रहती है, वहीं कर्मचारी तबके की निगाह आयकर छूट पर रहती है। चाहे वे सरकारी हों या फिर निजी कंपनी के कर्मचारी। हर बजट में कर्मचारियो की निगाह आयकर छूट पर रहती है। इस बार अधिकांश लोगों का मानना है कि वित्त वर्ष 2022-23 के आम बजट में आयकर छूट की सीमा को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाया जा सकता है।केपीएमजी इंडिया के एक सर्वे में यह राय उभरकर सामने आई है। आम बजट एक फरवरी को पेश किया जाएगा। बजट से पहले केपीएमजी द्वारा किये गए सर्वेक्षण में 36 प्रतिशत लोगों का मानना है कि 80 फीसद कटौती के तहत कटौती की सीमा को 1.5 लाख रुपये से बढ़ाया जा सकता है। वही 19 प्रतिशत का कहना था कि वेतनभोगियों के लिए मानक कटौती की सीमा को मौजूदा से बढ़ाकर 50000 रुपये किया जा सकता है।
सर्वेक्षण के अनुसार, 16 प्रतिशत उत्तरदाताओं को उम्मीद है कि बजट में वेतनभोगियों के लिए घर से काम करने की व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए कर-मुक्त भत्ता/अन्य लाभ दिया जा सकता है। इसमें इंटरनेट कनेक्शन, फर्नीचर और ईयरफोन के लिए प्रावधान किया जा सकता है। केपीएमजी ने बजट-पूर्व यह सर्वे जनवरी, 2022 में किया है। इसमें वित्तीय क्षेत्र से जुड़े लगभग 200 पेशेवरों के विचार लिए गए हैं। सर्वेक्षण में 64 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मूल आयकर छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये सालाना से बढ़ाई जाएगी।





