Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

November 11, 2024

शिक्षक दिवस के अवसर पर सीएम ने प्रदान किए पं. दीनदयाल उपाध्याय शैक्षिक उत्कृष्टता पुरस्कार, शहीद दिवस कार्यक्रम में किया प्रतिभाग

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिक्षक दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास कार्यालय स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश के वर्ष 2022 की परिषदीय परीक्षा में प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट के आठ छात्र-छात्राओं को प. दीनदयाल उपाध्याय शैक्षिक उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया। इसके अलावा परिषदीय परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने वाले राज्यभर के हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट के तीन-तीन विद्यालयों को मुख्यमंत्री ट्रॉफी एवं पुरस्कार राशि देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर अपने-अपने विद्यालयों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले सौ से अधिक शिक्षकों के साथ मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री एवं विभागीय अधिकारियों ने बोधिसत्व मंथन शैक्षिक संवाद स्थापित किया। इसमें शिक्षकों ने अपने-अपने कार्यां से अवगत कराते हुये सुझाव रखे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिक्षकों को सही मायने में देश का भविष्य बनाने वाला बताते हुए कहा कि शिक्षकों को भगवान का दर्जा प्राप्त है। शिक्षक समाज की क्रीम हैं। ओपिनियन मेकर हैं। शिक्षा की बेहतरी तथा सामाजिक जन जागरूकता के लिये शिक्षकों के द्वारा किये जाने वाले प्रयास छात्रों के साथ अभिभावकों तक पहुंचते हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर नवाचार का है। छात्रों के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने, अपने-अपने क्षेत्रों में छात्रों की नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन भी शिक्षकों के माध्यम से होता है। शिक्षक राष्ट्रीय शिक्षा नीति से इतर क्या बेहतर कर सकते हैं। इस पर भी चिंतन की उन्होंने जरूरत बतायी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री ने शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान देने वाले शिक्षक एवं शिक्षिकाओं की सराहना करते हुए उन्हें हर संभव सहयोग का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यू-कॉस्ट) के सहयोग से राज्य स्तरीय विज्ञान महोत्सव आयोजित किया जायेगा। जिसमें प्रदेशभर के विज्ञान के छात्र-छात्राओं के अपने प्रोजेक्ट को प्रदर्शित करने का मौका तो मिलेगा ही साथ ही वैज्ञानिकों से सीखने का अवसर भी मिलेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि किसी भी प्रकार की आपदा महामारी एवं दुर्घटना के कारण अनाथ हुए बच्चों की स्कूली शिक्षा (कक्षा 1 से 12वीं तक) की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा किये जाने के लिए प्रदेश में मुख्यमंत्री बालाश्रय योजना प्रारम्भ की जायेगी। इस योजना के अन्तर्गत बच्चों को पुस्तकें, गणवेश, बैग, जूते एवं मोजे, लेखन सामग्री आदि निशुल्क दी जायेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

बालिकाओं की शिक्षा व्यवस्था को प्रोत्साहित किये जाने के लिए राजीव गांधी नवोदय विद्यालय की भांति राज्य में चरणबद्ध रूप में प्रत्येक जनपद में बालिका आवासीय विद्यालय खोले जायेंगे। जिसका नामकरण उत्तराखण्ड की महिला के नाम से समर्पित रहेगा। प्रदेश की राजकीय विद्यालयों में भूमि की उपलब्धता के आधार पर पंचायतों को दी जाने वाली धनराशि से खेल के मैदान तैयार किये जायेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

माध्यमिक स्तर पर उपलब्ध अवस्थापना सम्बन्धी संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर हाईस्कूल स्तर पर 100 विद्यालयों में एकीकृत प्रयोगशाला एवं इण्टरमीडिएट स्तर पर 100 विद्यालयों में भौतिक विज्ञान रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, भूगोल आदि की प्रयोगशालाएं स्थापित की जायेंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के दुर्गम एवं दूरस्थ क्षेत्रों में स्थित अधिक छात्र संख्या वाले 50 विद्यालयों में प्रथम चरण में शिक्षकों के लिए शिक्षक आवास बनाये जायेंगे। पीएम पोषण योजना से आच्छादित विद्यालयों में छात्रों को एक दिन के स्थान पर सप्ताह में दो दिन दूध दिया जायेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

उन्होंने कहा कि राजीव गांधी नवोदय विद्यालय, कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका छात्रावास एवं नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आवासीय छात्रावास में छात्र-छात्राओं की भोजन व्यवस्था हेतु रु० 100 /दिन की दर से धनराशि दी जायेगी तथा केन्द्र पोषित योजनान्तर्गत भारत सरकार द्वारा दी जाने वाली धनराशि के अतिरिक्त होने वाला व्यय राज्य सरकार द्वारा वहन किया जायेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

केन्द्रीय विद्यालयों के अनुरूप राज्य के माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों के लम्बे अवकाश पर रहने की स्थिति में विद्यालयों में शिक्षण कार्य सतत बनाये रखने हेतु स्थानीय स्तर पर विषयगत शिक्षकों की व्यवस्था के लिए रू0 50000 (रु० पचास हजार मात्र) प्रधानाचार्य के निर्वतन पर रखे जाने की व्यवस्था की जायेगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बोधिसत्व मंथन शिक्षक संवाद कार्यक्रम में शिक्षकों द्वारा जो बहुमूल्य सुझाव प्रदान किये गये उसके अनुरूप शैक्षणिक परिवेश विकसित करने हेतु राज्य सरकार खुले मन से विचार कर प्रभावी कदम उठाऐगी। उन्होंने अपेक्षा की कि शिक्षा निदेशालय स्तर पर एक ऐसा प्रकोष्ठ गठित किया जाय जिसमें शिक्षक एवं शिक्षा प्रेमी, शैक्षणिक उन्नयन हेतु अपने बहुमूल्य सुझाव प्रदान कर सकें तथा सकारात्मक सुझावों पर तत्परता से कार्यवाही के साथ ही प्रदेश को एक नई दिशा प्रदान की जा सके। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 से पहले देश में निराशा का वातावरण था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद दुनिया में देश का मान व सम्मान बढ़ा है। प्रधानमंत्री ने जय जवान जय किसान जय विज्ञान के साथ जय अनुसंधान का भी नारा दिया है। ज्ञान व विज्ञान को बढ़ावा देने में शिक्षकों को सहयोगी बनना होगा। उन्होंने कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिये प्रधानमंत्री के मोटिवेशन से हमारे खिलाड़ी देश का नाम रोशन कर रहे हैं। खिलाड़ियों के साथ प्रधानमंत्री का संवाद उन्हें प्रेरणा प्रदान करता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2025 में हमारा राज्य विकास की दृष्टि से अग्रणी राज्य बने इस दिशा में हम सबको प्रयास करने होंगे। यह सम सबकी सामूहिक यात्रा है। उन्होंने कहा कि हम दुनिया में बेहतर कर सकते हैं। यह हमारा भाव होना चाहिए। उन्होंने कहा कि 2025 तक शिक्षा के क्षेत्र में हमारा राज्य आदर्श प्रस्तुत करने वाला बने, नशा मुक्त एवं साक्षर उत्तराखण्ड की हमारी पहचान हो, इसका भी हमें संकल्प लेना होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस अवसर पर विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने भी शिक्षकों के लिये कई घोषणाएं की। उन्होंने कहा कि प्राथमिक शिक्षा को डिजिटल माध्यम से जोड़ने के लिये शीघ्र ही 22 हजार प्राथमिक शिक्षकों टैबलेट वितरित किये जायेगे। इसके अलावा सूबे के एक हजार विज्ञान शिक्षकों को राष्ट्रीय विज्ञान संस्थान बैंगलुरू में शैक्षणिक प्रशिक्षण दिया जायेगा ताकि विज्ञान के क्षेत्र में छात्र-छात्राओं को और बेहत्तर ढंग से शिक्षा दी जा सके। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

शिक्षा मंत्री ने कहा कि आने वाले समय में चुनाव कार्यों में लगे शिक्षकों को हटा कर उनके स्थान पर आशा कार्यकत्रियों एवं आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को बीएलओ का कार्य दिया जायेगा। शिक्षकों को केवल पठन-पाठन संबंधी कार्यों में ही लगाया जायेगा। शिक्षा व्यवस्था को पारदर्शी एवं गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिये छह माह के भीतर राज्य का विद्या समीक्षा केन्द्र बनकर तैयार हो जायेगा। ऐसा करने वाला उत्तराखंड गुजरात के बाद देश का दूसरा राज्य बनेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि इंटरमीडिएट विद्यालयों में प्रधानाचार्यों की कमी को देखते हुये 50 प्रतिशत पद प्रवक्ताओं की विभागीय परीक्षा की माध्यम से भरे जायेंगे। विभागीय मंत्री ने राज्य में शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक दायित्वों के अंतर्गत शिक्षकों को चार अन्य कार्य भी दिये। जिसके तहत अपने विद्यालयों एवं आस-पास के गांवों को नशामुक्त एवं तम्बाकू मुक्त अभियान चलाना, छात्र-छात्राओं को शिक्षा के साथ-साथ संस्कारवान बनाना, अपने विद्यालयों को ग्रीन कैम्पस में तब्दील करना तथा आस-पास के गांवों में साक्षरता अभियान चलाने का आह्वान किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बोधिसत्व मंथन शैक्षिक संवाद कार्यक्रम जिन उत्कृष्ट एवं नवाचार शिक्षकों ने अपने सुझाव दिये उनमें चम्पावत के राजेन्द्र गरकोटी, सु कमलेश जोशी, रूद्रप्रयाग के पीयूष शर्मा, गंगोली हाट की सु रेनु शाह, पिथोरागढ़ के चन्द्र शेखर जोशी, पौडी के विष्णु पाल सिंह नेगी, संतोष कुमार सिंह, बागेश्वर के ख्याली दत्त शर्मा, उधम सिंह नगर के दयाकृष्ण दलाई चमोली के विनीत कुमार आदि प्रमुख रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कार्यक्रम में विद्यालयी शिक्षा सचिव रविनाथ रमन, अपर सचिव योगेन्द्र यादव, महानिदेशक बंशीधर तिवारी, निदेशक माध्यमिक शिक्षा आरके कुंवर, निदेशक सीमैट सीमा जौनसारी, निदेशक प्राथमिक शिक्षा वंदना गर्ब्याल, अपर निदेशक एस.पी. खाली, मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून मुकुल सती, डॉ. मोहन सिंह बिष्ट, मोना बाली सहित विभागीय अधिकारी एवं विभिन्न जनपदों से आये शिक्षक एवं उत्कृष्ट छात्र-छात्राएं उपस्थित रही। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

शहीद दिवस कार्यक्रम में किया प्रतिभाग
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सल्ट, अल्मोड़ा में ‘सल्ट क्रान्ति’ के अवसर पर शहीद दिवस कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने खुमाड़, सल्ट में शहीदों की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कई घोषणाएं की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने तहसील परिसर सल्ट से खुमाड़, सल्ट में भव्य शहीद स्मारक बनाए जाने ,5 सितम्बर शहीद दिवस पर आयोजित मेले को राजकीय मेला घोषित किए जाने एवं स्वतन्त्रता संग्राम सैनानी शहीद चूडामणि राजकीय इण्टर कालेज खुमाड़ मैदान में इंटरलॉकिंग टाइल्स लगाए जाने की घोषणा की। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री धामी ने शक्तिपीठ भीना देवी मन्दिर के सम्पर्क मार्ग के अवशेष भाग का नव निर्माण किए जाने, राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय औनेड़ी तराड का नव भवन निर्माण किए जाने, राजकीय पॉलिटेक्निक सल्ट में सिविल ट्रेड की स्वीकृति प्रदान किए जाने, राजकीय आदर्श विद्यालय देवायल, राजकीय प्राथमिक विद्यालय कोटाचामी, राजकीय प्राथमिक विद्यालय नैकणा व राजकीय प्राथमिक विद्यालय बेसड़ी का नव भवन निर्माण किए जाने, अल्प विकसित पर्यटक स्थल मल्ला गड़कोट, थल्माड एवं खटलगाँव का सौन्दर्यीकरण किए जाने, सल्ट के अति दुर्गम क्षेत्र भीताकोटखाल, मरचूला एंव तराड़ में ए.एन.एम. सेन्टर की स्वीकृति प्रदान किए जाने, राजकीय इण्टर कालेज नेलवालपाली का नाम स्वतन्त्रता संग्राम सैनानी शहीद अम्बा दत्त जी के नाम किए जाने, तल्ला मानिला मन्दिर स्थित विशेष अतिथि गृह का निर्माण किए जाने, देघाट – चिन्तोली मोटर मार्ग का नाम बदलकर स्वतन्त्रता संग्राम सैनानी शहीद हरिकृष्ण हीरामणि जी मोटर मार्ग लिए जाने की बात कही। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 5 सितंबर ‘सल्ट क्रान्ति’ में शहीदों को भावमीनि श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि अंग्रेजों से लोहा लेते समय खुमाड़ क्षेत्र के शहीद हुए स्व खीमानन्द एवं उनके सगे भाई स्व गंगाराम सहित स्व० बहादुर सिंह एवं स्व० चूड़ामणि ने क्षेत्र के साथ अपना नाम अमर किया है। उन्होंने कहा सल्ट के इन महान् क्रांतिकारियों ने राष्ट्रीय स्वतंत्रता आन्दोलन के इतिहास में उत्तराखंड का नाम स्वर्णाक्षरों में अंकित किया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

उन्होंने कहा कि सल्ट क्रांति- स्वाधीनता आन्दोलन का एक अविस्मरणीय अध्याय रहा है। सल्ट क्षेत्र में आजादी की लड़ाई की शुरुआत कुली बेगार आन्दोलन के तहत ब्रिटिश हुकुमत के दमनकारी फैसलों की प्रतिक्रिया के कारण हुई थी। इस क्षेत्र की जनता ने एक स्वर में कुली बेगार न देने का संकल्प किया। उन्होंने कहा आजादी की लड़ाई में खासकर सल्ट क्रांति को संचालित करने में उत्तराखंड के शिक्षकों की अहम भूमिका रही थी। सन् 1942 में महात्मा गांधी के ‘भारत छोड़ो और ‘करो या मरो’ के नारे की सल्ट क्षेत्र में जबरदस्त प्रतिक्रिया हुई। सल्टवासियों की इसी देशभक्तिपूर्ण शहादत के कारण गांधीजी ने इस क्षेत्र को कुमाऊँ की बारदोली कहा था। इसके साथ ही सीएम ने प्रदेश सरकार की उपलब्धियों को गिनाया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सांसद अजय टम्टा ने कहा कि जिन अमर शहीदों की सहादातों से देश आजाद हुआ उन सभी ज्ञात अज्ञात को नमन करता हूं एवं श्रद्धांजलि देता हूं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के यशस्वी युवा मुख्यमंत्री द्वारा सल्ट क्षेत्र के विकास हेतु विभिन्न योजनाओं के तहत वित्तीय स्वीकृति दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय सुरेंद्र सिंह जीना के सपनो को साकार करने के लिए विधायक महेश जीना लगातार अपनी पूरी ताकत से जुटे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

विधायक महेश जीना ने सल्ट क्रांति में शहीद हुए क्रांतिकारियों को नमन किया। साथ ही उन्होंने इस ऐतिहासिक स्थल पर आने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि सल्ट विधानसभा के विकास के लिए समर्पण के साथ कार्यरत हूं, उन्होंने कहा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार कई कड़े फैसले ले रही है साथ ही राज्य के विकास के साथ ही सल्ट का विकास भी तीव्र गति के साथ आगे बढ़ रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस दौरान विधायक प्रमोद नैनवाल, पूर्व विधायक महेश नेगी, भाजपा जिला अध्यक्ष रवि रौतेला, बीजेपी मंडल अध्यक्ष सल्ट विक्रम बिष्ट, जिलाधिकारी वंदना, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रदीप कुमार राय, अपरजिलाधिकारी सीएस मर्तोलिया, उपजिलाधिकारी गौरव पांडे एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

 

+ posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page