Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

December 21, 2025

उत्तराखंड महिला मंच के 32वें स्थापना दिवस पर राज्य की दशा और दिशा पर चिंतन

उत्तराखंड राज्य आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले उत्तराखंड महिला मंच ने शनिवार को अपना 32वां स्थापना दिवस मनाया। देहरादून कचहरी स्थित शहीद स्मारक परिसर में आयोजित कार्यक्रम में राज्य की दशा और दिशा को लेकर तीन चिंतन सत्र आयोजित किये गये। इनमें बढ़ता नशा, महिला हिंसा, बड़ी परियोजनाएं, कारपोरेट की लूट, पर्यावरण, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मसलों पर चर्चा की गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए मंच की संयोजक कमला पंत ने कहा कि जिन उम्मीदों के साथ अलग राज्य की लड़ाई लड़ी गई थी, सरकारें उन उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी हुई हैं। निर्मला बिष्ट ने बेरोजगारी, विकास के नाम पर तबाही, पर्यटन के नाम पर राज्य को बदहाल करने, बढ़ते नशे, पेपर लीक सहित विभिन्न मसलों पर अपनी बात रखी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ऊषा भट्ट ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि महिला मंच भी चाहता है कि वह अपने स्थापना दिवस पर रंगारंग कार्यक्रम करे। लेकिन, राज्य अभी इस हाल में नहीं पहुंचा है कि खुशियां मनाई जा सकें। इसलिए हमें राज्य के मुद्दों पर परिचर्चा करनी पड़ती है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार इन मसलों पर ध्यान देगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बढ़ता नशा और महिला हिंसा पर आयोजित परिचर्चा में मल्लिका विर्दी, गीता गैरोला, दीपा कौशलम और माया चिलवाल ने हिस्सा लिया। सत्र का संचालन त्रिलोचन भट्ट ने किया। इस परिचर्चा में पेनलिस्ट ने नशे को महिला हिंसा के लिए प्रमुख जिम्मेदार बताया और कहा कि महिला घर पर हो, कार्यस्थल पर या किसी सार्वजनिक स्थल पर, वह किसी न किसी रूप में हिंसा का शिकार होती है। घर में पहली हिंसा भाई से शुरू होती है, जो बहन पर कई तरह के प्रतिबंध लगाता है। इसके बाद प्रेमी और पति भी हिंसा करने में पीछे नहीं रहते। कार्यस्थल पर पुरुषों के कहे अनुसार न चलने पर महिलाओं का अंकिता भंडारी जैसा हस्र किया जाता है। पेनलिस्ट का कहना था कि सरकार और प्रशासन चाहे तो सूखे नशे में कुछ ही दिन में खत्म कर सकते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

बड़ी परियोजनाएं, कारपोरेट की लूट और पर्यावरण विषय पर आयोजित सत्र में पेनलिस्ट के रूप में प्रो. राघवेन्द्र, हरिओम पाली और जया सिंह ने हिस्सा लिया। इस सत्र का संचालन विमला कोली ने किया। यह सत्र मुख्य रूप से प्रस्तावित रिस्पना-बिंदाल एलीवेटेड रोड के दुष्परिणामों पर केंद्रित रहा। पेनलिस्ट का कहना था कि ये एलिवेटेड रोड देहरादून में तबाही का कारण बनेंगी। इनसे न सिर्फ पर्यावरण को नुकसान पहुंचेगा, बल्कि शहर को कई तरह के खतरों का भी सामना करेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास की अवधारणा सत्र में पेनलिस्ट के रूप में पूर्व शिक्षा निदेशक नंदनंदन पांडेय और जन विज्ञान समिति के विजय भट्ट ने हिस्सा लिया। इस सत्र का संचालन तुषार रावत ने किया। परिचर्चा में मौजूदा शिक्षा के ढांचे में परिवर्तन की जरूरत बताई गई। साथ ही नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विभिन्न प्रावधानों पर भी प्रकाश डाला गया और कहा गया कि इस शिक्षा नीति में एक खास विचारधारा का असर स्पष्ट रूप से दिखता है, जो देश के पंथनिरपेक्ष ढांचे को नुकसान पहुंचाने वाला है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कार्यक्रम का संचालन चंद्रकला ने किया। सतीश धौलाखंडी और शहर के अलग-अलग हिस्सों से आई महिलाओं ने जनगीत प्रस्तुत किये। वयोवृद्ध राज्य आंदोलनकारी भुवनेश्वरी कठैत ने सभी का धन्यवाद किया और महिलाओं से अपील की कि वे अपनी बेटियों और बहुओं को महिला मंच से जोड़ें, ताकि उत्तराखंड को आंदोलनकारियों के सपनों का प्रदेश बनाने की लड़ाई अगली पीढ़ी को सौंपी जा सकें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस कार्यक्रम में शांता नेगी, सर्वेश, उर्मिला शर्मा, हेमलता नेगी, विजय नैथानी, सीमा नैथानी, मंजू बलौदी, भगवानी रावत, शांति सेमवाल, मातेश्वरी रजवार, सरला पुरोहित, परमजीत कक्कड़, जय नारायण नौटियाल, आशीष गर्ग, नीलेश राठी, जगमोहन मेहंदीरत्ता, मोहित डिमरी, लुशुन टोडरिया, राकेश अग्रवाल, रोशन धस्माना, पंचम सिंह बिष्ट, गजेन्द्र भंडारी, रामचंद्र रतूड़ी, अलख दुबे सहित कई लोग मौजूद थे।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो। यदि आप अपनी पसंद की खबर शेयर करोगे तो ज्यादा लोगों तक पहुंचेगी। बस इतना ख्याल रखिए।

Bhanu Bangwal

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *