एक तरफ बीजेपी चला रही प्रोजेक्ट छांव, दूसरी तरफ पेड़ों का कटान, पर्यावरण प्रेमियों ने निकाला पैदल मार्च

ये है ना दुर्भाग्यपूर्ण बात। एक तरफ देहरादून में महानगर बीजेपी प्रोजेक्ट छांव का आयोजन कर रही है, वहीं दूसरी तरफ् बीजेपी सरकार की ओर से पेड़ों पर कटान के लिए निशान लगाए जा रहे हैं। ताजा जानकारी है कि देहरादून में जाखन कैनाल रोड पर भी कई पेड़ों पर कटान का निशान लगा दिए गए हैं। इसके विरोध में आज रविवार सात जुलाई को पर्यावरण प्रेमियों ने करीब एक किलोमीटर की दूरी तक पैदल मार्च निकाला। इससे पहले भी देहरादून में पर्यावरण प्रेमियों ने अपने प्रदर्शन के बल पर पेड़ों को बचाने की लड़ाई जीतने में सफलता हासिल की है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बीजेपी का प्रोजेक्ट छांव
बीजेपी महानगर देहरादून की ओर से आज देहरादून में पर्यावरण संरक्षण और हरित अभियान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से “प्रोजेक्ट छांव” का आयोजन किया जा रहा है। इसका उद्देश्य शहर को हरित और स्वच्छ बनाना है। इस अभियान के तहत शहर के निवासियों को पौधारोपण के लिए आमंत्रित किया गया है। यह कार्यक्रम सरकारी पॉलिटेक्निक के पास, नाला पानी रोड, आमवाला, देहरादून में आयोजित किया जाना है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सरकार का पेड़ों पर निशान और कटान
वहीं, राज्य सरकार सड़कों के चौड़ीकरण को लेकर पेड़ों पर निशान लगा रही है। साथ ही पेड़ों का कटान किया जा रहा है। इससे पहले सहस्त्रधारा रोड पर सैकड़ों पेड़ों की बलि दी गई। इसी तरह देहरादून दिल्ली हाईवे चौड़ीकरण के नाम पर भी हजारों पेड़ों को काट दिया गया। कुछ स्थानों पर पर्यावरण प्रेमियों ने विरोध कर पेड़ों को कटने से बचाया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कैनाल रोड पर निकाला पैदल मार्च
आज पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार देहरादून में पर्यावरण संगठनों से जुड़े लोगो ने पेड़ों को बचाने के लिए पैदल मार्च निकाला। ये मार्च एनआईवीएस के पिछले गेट से शुरू हुआ और बाला सुंदरी देवी मंदिर तक पहुंचकर जनसभा में बदल गया। करीब एक किलोमीटर के पैदल मार्च के दौरान पर्यावरण प्रेमी हाथों में पेड़ों को बचाने के लिए तख्तियां लेकर चल रहे थे। इस दौरान देहरादून बचाओ- पेड़ लगाओ, हरा दून, पेड़ जंगल जीवन बचाएं, धरती करे यही पुकार- हरा भरा कर दो संसार, आदि के नारे लगाए गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
जनसभा के दौरान पर्यावरण प्रेमियों का कहना था कि विकास के नाम पर पेड़ों के कटान से देहरादून का पर्यावरण बिगड़ चुका है। इस साल गर्मी के सीजन में तीन बार 122 साल का गर्मी के रिकार्ड की बराबरी हुई है। इस दौरान देहरादून का तापमान 43 डिग्री सेल्सियस के अधिक रहा। यदि दूनवासी पर्यावरण के प्रति सचेत नहीं हुए तो आने वाले दिनों में देहरादून गर्मियों में भट्टी का रूप ले लेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वक्ताओं ने कहा कि दून के लोगों की सजगता और आंदोलन के चलते कैंट रोड में लगभग 240 पेड़ व खलंगा में 2000 पेडो के काटने के फैसले से सरकार को अपने कदम वापिस लेने पड़े। दूसरी और अब केनाल रोड पर पेड़ों पर उसी प्रकार के निशान व नंबर लगाय गए हैं। इससे प्रतीत होता है कि सड़क के चौड़ीकरण के नाम पर पेड़ों को काटने की योजना है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस दौरान पर्यावरणविद् रवि चोपड़ा ने लोगो को सावधान करते हुए कहा कि लोग देहरादून में जहाँ पेड़ कट रहे हों, वहाँ विरोध दर्ज करें। आने वाले निकाय चुनावों में उन्ही लोगो को चुने, जो लोग पर्यवेरण प्रेमी हों। अनूप नॉटियाल व लोकेश ओहरी ने ग्रीन देहरादून के बारे में जोर दिया। कहा कि विकास के नाम पर विनाश नही होना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
जगमोहन मेंदीरत्ता ने सरकार कि मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कैनाल रोड में पेड़ों पर नंबर व निशान क्यो लगाए गए। अगर मंशा पेड़ो को काटना नही था तो अब जनदबाव के कारण पेड़ों पर नम्बर पर पेंट क्यो किया गया। नितिन मलेथा, नवीन सदाना, हिमांशु अरोरा ने कहा कि इसी प्रकार आने वाले कार्यक्रमों में अपनी भागीदारी जारी रखे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
महिला मंच की संयोजक कमला पंत, आंदोलनकारी सतीश धौलखंडी, त्रिलोचन भट्ट ने जानगीत गाकर सभी में जोश भर दिया। इस मौके पर महेश कुड़ियाल, अमर सिंह धुनता, आरिफ मोहमद, तन्मय ममगाईं, दून सिटीजन फोरम से राधा भारती जैन, जया भट्टाचार्य आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन इरा चौहान ने किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पूर्व में जीती दो लड़ाई
इससे पहले पर्यावरण प्रेमी दो लड़ाई जीत चुके हैं। देहरादून में सौंग बांध की पेयजल परियोजना के लिए रायपुर क्षेत्र के खलंगा में बड़े जलाशय का निर्माण किया जाना है। इसके तहत यहां करीब 2000 पेड़ काटे जाने थे। पर्यावरण प्रेमियों के भारी विरोध के बीच पेयजल निगम ने इस जमीन पर अपना दावा छोड़ दिया है। अब पेयजल परियोजना के लिए खलंगा रिजर्व फॉरेस्ट के पेड़ नहीं काटने का निर्णय लिया गया है। अब इसकी जगह मालदेवता के निकट द्वारा गांव के पास कनार काटा गांव में जलाशय के लिए भूमि चिह्नित की गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसी तरह दिलाराम चौक से मुख्यमंत्री आवास तक सड़क चौड़ीकरण के प्रस्ताव के तहत 244 वृक्षों को काटने के लिए चिह्नित किया गया था। इसके विरोध में भी शहर के पर्यावरण प्रेमी सड़क पर उतरे। ऐसे में मुख्यमंत्री धामी ने कैंट रोड के पेड़ों को काटे बिना सड़क चौड़ीकरण के निर्देश दिए।
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Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।