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February 4, 2025

पिक्चर अभी बाकी हैः एक तरफ पाकिस्तान के नए पीएम बनेंगे शाहबाज शरीफ, कल ही लाहौर हाईकोर्ट में होंगे तलब

पाकिस्तान में पिछले डेढ़ महीने से चल रहा राजनीतिक संकट बेशक अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग और इमरान खान के कुर्सी से हटने के बाद लगभग खत्म हो गया है। इसमें अब भी कुछ सस्पेंस बाकी है।

पाकिस्तान में पिछले डेढ़ महीने से चल रहा राजनीतिक संकट बेशक अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग और इमरान खान के कुर्सी से हटने के बाद लगभग खत्म हो गया है। इसमें अब भी कुछ सस्पेंस बाकी है। यही वजह है कि लोग पाकिस्तान की राजनीति में नजर बनाए हुए हैं। दरअसल इमरान के आउट होने के बाद विपक्षी दलों ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग –एन के अध्यक्ष शाहबाज शरीफ को प्रधानमंत्री का उम्मीदवार बनाया है। इन सबके बीच शाहबाज शरीफ को एक झटका लगा है। शाहबाज शरीफ को कल मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपित किया जाना है। उन्हें अपने बेटे हमजा शरीफ के साथ कल लाहौर हाई कोर्ट में कल तलब किया गया है।  शाहबाज शरीफ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के सांसद हैं और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के छोटे भाई हैं। शाहबाज शरीफ 13 अगस्त 2018 से नेशनल असेंबली के सदस्य हैं और विपक्ष के नेता भी हैं। इससे पहले शाहबाज शरीफ तीन बार पंजाब प्रांत के रहने वाले नेता हैं।
निगाह अब कोर्ट पर
यह महज इत्तेफाक है या कुछ और लेकिन सबकी नजर अब कल पर टिकी हैं। क्योंकि एक तरफ जहां कल नेशनल असेंबली में शाहबाज शरीफ प्रधानमंत्री के रूप में चुने जाएंगे, तो वहीं दूसरी तरफ कोर्ट में कल उन पर मनी लॉन्ड्रिंग केस में आरोप भी तय होना है. अब देखना है कि कोर्ट कल क्या करता है।
क्या है पूरा मामला
रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (NAB) ने दिसंबर 2019 में शाहबाज शरीफ और उनके बेटे पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाते हुए कार्रवाई शुरू की थी। तब उनकी और उनके बेटे हमजा की कुल 23 संपत्तियों को एनएबी ने जब्त कर लिया था। यही नहीं सितंबर 2020 में शाहबाज की गिरफ्तारी भी हुई थी। वह कुछ दिन जेल भी रहे। पिछले साल लाहौर हाई कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी। इस मामले में सुनवाई चलती रही। अब इसमें आरोप तय किए जाने हैं।
अविश्वास पर हुए मतदान में हार गए थे इमरान खान
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर शनिवार मध्यरात्रि को हुए मतदान में उन्हें हार का सामना करना पड़ा है। नेशनल असेंबली के इस अहम सत्र की अध्यक्षता कर रहे पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अयाज सादिक ने कहा कि नए प्रधानमंत्री के चुनाव के लिए नामांकन पत्र रविवार दोपहर दो बजे तक दाखिल किए जा सकते हैं और इनकी जांच दोपहर तीन बजे तक होगी। विपक्ष ने शहबाज़ शरीफ़ को अपना पीएम उम्मीदवार घोषित किया है। मुल्क के नए प्रधानमंत्री को चुनने के लिए सदन की अगली बैठक 11 अप्रैल को दोपहर दो बजे शुरू होगी।
इमरान खान पर देश छोड़ने पर रोक
इस बीच, इमरान खान के देश छोड़ने पर रोक लगा दी गई है। इस्लामाबाद हाईकोर्ट में इमरान खान के खिलाफ याचिका भी दायर की गई है। इमरान के अलावा फवाद चौधरी और शाह महमूद के खिलाफ भी याचिका दायर की गई है। तीनों का नाम एग्जिट कंट्रोल लिस्ट (ECL) लिस्ट में डाले जाने की मांग की गई है. याचिका पर 11 अप्रैल को हाईकोर्ट में सुनवाई होगी।
इमरान खान के करीबियों पर भी कार्रवाई
खान के प्रधानमंत्री पद से हटते ही उनके करीबियों पर कार्रवाई भी शुरू हो गई है। अविश्वास प्रस्ताव हारने के बाद खान के पार्टी प्रवक्ता डॉ. अर्सलान खालिद के घर पर रात में ही छापेमारी की गई है। इस दौरान उनके घरवालों के फोन छीन लिए गए। इमरान खान की पार्टी ने ट्वीट कर ये जानकारी दी है।
अविश्वास प्रस्ताव से हटने वाले पहले पीएम
इमरान खान देश के इतिहास में ऐसे पहले प्रधानमंत्री बन गए, जिन्हें अविश्वास प्रस्ताव के जरिए हटाया गया है। अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के समय 69 वर्षीय खान निचले सदन में उपस्थित नहीं थे और उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के सांसदों ने भी वोटिंग से वॉकआउट किया।
आज तक किसी पीएम ने पूरा नहीं किया कार्यकाल
शनिवार को पूरे दिन में पल-पल बदलते घटनाक्रम के बाद देर रात को शुरू हुए मतदान के नतीजे में संयुक्त विपक्ष को 342-सदस्यीय नेशनल असेंबली में 174 सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जो प्रधानमंत्री को अपदस्थ करने के लिए आवश्यक बहुमत 172 से अधिक रहा। गौरतलब है कि 1947 से आज तक किसी भी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया है।
इमरान ने रखी थी तीन शर्त
जियो न्यूज के हवाले से कहा गया है कि इमरान खान ने पीएम पद से इस्तीफा देने से पहले तीन शर्तें रखी थीं। उन्होंने कहा कि पद छोड़ने के बाद उनकी गिरफ्तारी न हो। साथ ही शहबाज शरीफ की जगह किसी और को प्रधानमंत्री बनाया जाए। तीसरी शर्त में उन्होंने कहा है कि पद छोड़ने के बाद उनके खिलाफ NAB के तहत कोई भी केस दर्ज ना किया जाए।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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